लीजिए चटखारा, पुलिस महिला सम्‍मान प्रकोष्‍ठ के कामधाम में झोंटा-नुचव्‍वर

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: महिला की सुनवाई की कोशिश में पूरे प्रदेश में छा गयी दलालों की घटाएं : इकलौता काम किया महानिदेशक सुतापा सान्‍याल ने, उस पर भी पत्‍थर-पाथर : मोहनलालगंज में रक्‍त-रंजित महिला की नंगी लाश काण्‍ड पर भी लीपा-पोती कर चुकी हैं सुतापा सान्‍याल :

कुमार सौवीर

लखनऊ : पुलिस विभाग में एक इकाई है महिला सम्‍मान प्रकोष्‍ठ। यह बाकायदा एक महकमा है। अब अगर आप इसकी कार्य-शैली समझना चाहें तो उसके रेशों-धागों को कुछ इस तरह से सिलसिलेवार थामने की कोशिश कीजिए। पहले तो यह समझ लीजिए कि इसमें एक बड़ा काम किया है, जो असलियत में किया ही नहीं गया, और जो नहीं किया गया उसका क्रेडिट खूब लिया गया है। इसमें अच्‍छी बात यह है कि जिस दायित्‍व को समझा और दिया गया है, वह उसका दायित्‍व कभी पूरा ही नहीं गया, क्‍योंकि वह उसका काम ऐसा था ही नहीं। और जो काम नहीं किया गया, उसका क्रेडिट ले लिया गया। और जो

अब तक तो आप खूब समझ चुके होंगे कि यह पूरा सिलसिला समझ के बाहर है। जी हां, पुलिस के महिला सम्‍मान प्रकोष्‍ठ की असलियत यही है। पिछले कई बरसों से इसकी महानिदेशक की कुर्सी पर जमी हैं वरिष्‍ठतम आईपीएस अफसर सुतापा सान्‍याल। इस प्रकोष्‍ठ ने अब तक कोई काम किया या नहीं, इसकी तो किसी को खबर नहीं, लेकिन यहां के एक कोशिश की धज्जियां जरूर उड़ चुकी हैं। ताजा मामला है पावर विंग फाउंडेशन का, जिसे इस प्रकोष्‍ठ ने तो नहीं बनाया।

दरअसल इस प्रकोष्‍ठ की इस कवायद का मकसद यह था कि प्रदेश की महिलाओं की समस्‍याओं को समझ लिया जाए, उनकी मदद की जाए। वजह यह कि अधिकांश महिलाओं में दिक्‍कत  यह होती है कि वे अक्‍सर यह समझ ही नहीं पाती हैं कि वे अपनी समस्‍या के लिए कहां और किसके पास जाएं। इसके लिए प्रकोष्‍ठ ने हाल ही एक नयी कोशिश की और उसका नाम दिया सिटीजन कैटेड। इसमें समाज में सक्रिय कई महिलाओं को चुना गया और उनसे अपेक्षा की गयी कि वे परेशान महिलाओं से सम्‍पर्क करेंगी और पुलिस व पीडि़ता के बीच मध्‍यस्‍थ की भूमिका निभायेंगी।

लेकिन अब खबर है कि अपने जन्‍म के चंद वक्‍त बाद ही सुतापा सान्‍याल का यह प्रयास मुंह के बल धड़ाम हो चुका है। बताते हैं कि इसमें अब धंधा और फर्जीवाड़ा करने वालों की घुसपैठ हो गयी है। इसी वजह से अब प्रकोष्‍ठ की महानिदेशक सुतापा सान्‍याल ने इस सिटीजन कैडेट के सहारे बने पॉवर विंग्‍स फाउंडेशन की पांच सदस्‍यों की सदस्‍यता निरस्‍त कर दी है।

अब सरकारी बयान में इसका ऐलान करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस महिला सम्मान प्रकोष्ठ द्वारा ” पॉवर विंग्स फ़ाउंडेशन के “सिटिज़ेन कैडेटस ” की सदस्यता निरस्त करने की पुष्टि की गयी है। हालांकि यह सरकारी बयान इस प्रकोष्‍ठ की अब तक की तथाकथित  उपलब्धियों पर किसी बेहूदा खिल्‍ली-मजाक जैसा ही दिखता है, लेकिन इसके बावजूद इस बयान में लिखा गया है कि:- पुलिस बल एक अनुशासित विभाग है जहाँ क़ानून और नियमों का पालन सर्वोपरि होता है जिसके तहत सभी कार्य क़ानून के दायरे रहते हुए मेंडेट के अनुसार कार्य करना अनिवार्य होता है हर उस व्यक्ति के लिए जो पुलिस विभाग से जुड़ा होता है , महिला सम्मान प्रकोष्ठ में सिटीज़न कैडेट की अवधारणा का मक़सद पुलिस और जनता के बीच सेतु के रूप में की गई है । पॉवर विंग्स फ़ाउंडेशन द्वारा कुछ ऐसे कार्य किये गये जो महिला सम्मान प्रकोष्ठ के मेंडेट के बिलकुल विपरीत थे ऐसे में तत्काल प्रभाव से महिला सम्मान प्रकोष्ठ की टीम द्वारा निर्णय लेते हुए पॉवर विंग्स फ़ाउंडेशन की सिटिज़ेन कैडेट

(१) सुमन रावत

(२) प्रतिमा अहिरवार

(३) शिवानी शुक्ला

(४) मीनाक्षी

(५) विनीता महाजन

की सदस्यता निरस्त कर दी गई है । पॉवर विंग्स फ़ाउंडेशन से महिला सम्मान प्रकोष्ठ का कोई सम्बन्ध नहीं है ,क्रम संख्या १ से ५ तक के ब्यक्तियों द्वारा किये गये किसी भी कार्य के लिये वे स्वयं ज़िम्मेदार होंगे ।।।।

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