उछलकूद वन अफसरों की, शिक्षक-छात्र ठेंगे पर

बिटिया खबर

: तेल लगाने का अनोखा तरीका खोजा है दैनिक जागरण ने : इटौंजा के पूर्व माध्‍यमिक विद्यालय में पौधरोपण की नौटंकी करते रहे, लेकिन शिक्षकों के विद्यालय को इग्‍नोर कर डाला : विद्यालय है शिक्षा विभाग का, कस्‍टोडियन हैं शिक्षक, और नौटंकी करते रहे वन विभाग के अफसर :

कुमार सौवीर

लखनऊ : वन विभाग अपना कामधाम कितना करता है, उसकी नजीर आप राजधानी लखनऊ तक पहुंच चुके शेर, बाघा और तेंदुआ जैसे जंगली जानवरों की खटखटाह और दहाड़ की तौर पर देख सकते हैं। अगर जंगलात महकमा अपना कामधाम ठीक से करता रहता, तो यह जंगली जानवर सैकड़ों मील दूर लखनऊ के आसपास तक नहीं आ पाते।
लेकिन डींगें हांकने में माहिर हैं वन विभाग के अफसर। खुद तो कामधाम करते नहीं, लेकिन दूसरों के कामधाम में टांग अड़ाने में अव्‍वल रहते हैं। लेकिन शर्म की बात तो तब आती है, जब दैनिक जागरण जैसा अखबार भी ऐसे वन विभाग के अफसरों की तेल-चम्‍पी करते दिख जाते हैं। ठीक ऐसा ही आज इटौंजा में फिर दिख गया, जहां सरकारी स्‍कूल की जमीन पर वन विभाग के अफसर पहुंचे, दो-चार पौधे ऐसे-तैसे गाड़ दिये और पत्रकारों को चाय-पानी के साथ गिफ्ट-शिफ्ट भी थमा दिया। अगले दिन दैनिक जागरण में इस महानतम खबर उसके सर्वोच्‍च स्‍थानीय पेज संख्‍या तीन पर छप गयी। लेकिन इसमें केवल वन विभाग के सारे अफसरों के लेकर लेखाकार, दारोगा और सिपाहियों तक का नाम तो छप गया, लेकिन जहां यह पौधे रौपे गये थे, उसके शिक्षकों का जिक्र तक नहीं किया गया। आपको बता दें कि यह विद्यालय है शिक्षा विभाग का, जहां के कस्‍टोडियन हैं शिक्षक, लेकिन दैनिक जागरण की कृपा से यहां पर नौटंकी करते रहे वन विभाग के अफसर।
अरे दैनिक जागरण के संवाददताता, पेज बनाने वाले उप संपादक, पेज को चेक करने वाले मुख्‍य उप संपादक और पेज को फाइनली रवाना करने वाले संपादक की तो जिम्‍मेदारी तो बनती ही थी कि इस खबर को वे चेक करते और विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों का भी जिक्र करते, ताकि ऐसे पौधरोपण कार्यक्रमों के प्रति उनको भी जोड़ा जा सकता, वे उत्‍साहित हो सकते थे। लेकिन फारेस्‍ट अफसरों से उपकृत होते रहते इन पत्रकारों को अपने ऐसे दायित्‍वों का भान तक नहीं बचा।

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