ब्‍यूरोचीफ को साष्‍टांग प्रणाम ! आप पैसा ज्‍यादा उगाहते हैं

बिटिया खबर

: रिपोर्टरों का कब्रिस्‍तान है अमर उजाला, वजह है उगाही : एक के बाद पांच रिपोर्टरों को काम से बेदखल किया ब्‍यूरो प्रमुख ने : ब्‍यूरोचीफ हैं अंकुर शुक्‍ला, धंधा रिपोर्टरों से रकम उगाहना : बहुत कारसाज हैं जौनपुर के ब्‍यूरोचीफ, कोई नकद मांगता है, तो कोई बेचता है बीवी के नाम पर बीमा पॉलिसी : रंगबाज टीचर बना डीएम की कांख का बाल :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अखबारों ने जब से अपनी पत्रकारिता को तज कर धंधेबाजी के नाम पर रकम घसीटना शुरू कर दिया है, उसका असर अब अखबारों के पत्रकारों पर भी पड़ने लगा है। मालिक, संपादक और पत्रकारों को डील करने वाले न्‍यूज एडीटरों के बाद अगर कोई पत्रकार माल काट रहा है, तो वह है जिला स्‍तर का रिपोर्टर। हालांकि यह अपने आप को ब्‍यूरो चीफ कहलाने में गर्व में अपनी कॉलर ऊंची किये घूमा करते हैं, लेकिन सच बात तो यह है कि इनके नीचे दफ्तर में एक भी ऐसा पत्रकार नहीं होता है, जिसको उनका अखबार नौकर मानता हो।
कहने को तो सारे अखबारों के मालिक और संपादक ही नहीं, उनके छुटभैया पत्रकार लोग अपने आप को बड़ा और प्रमुख अखबार कहे और कहलाते जाते हैं, लेकिन उनकी करतूतें लगातार घिनौनी होती जा रही हैं। नजीर के तौर पर जौनपुर को ही देख लीजिए। बहुत कारसाज हैं जौनपुर के कई पत्रकार। पता चला है कि यहां के एक अखबार का ब्‍यूरोचीफ, कोई नकद रकम मांगता है, तो कोई अपनी बीवी को एलआईसी की एजेंसी लेकर जिले के अफसरों, नेताओं और बिजनेसमैन को बीमा पॉलिसी बेच कर उनकी वाहवाही करता रहता है। कोई अपने अखबार के विज्ञापन में घोटाले में फंसा हुआ है, कोई अपनी कुर्सी अपने दूसरे धंधेबाज-ठेकेदार को थमा कर राजनीति में घुस गया है। अपने रसीले होंठों से जिले के अफसरों को संकेतिक-मोहित करने वाला पत्रकार भी यहां है, जिसे देश के विख्‍यात शायर रहे वामिक जौनपुर ने उसकी अश्‍लील हरकतें करने पर घर से धकेल कर बाहर कर दिया था। दरअसल, वामिक जौनपुरी के घर में आयी नतिनी को बाथरुम को लगातार झांक रहा था।
हैरत की बात है कि इस पत्रकार के जाल में डीएम और बीएसए ही नहीं, बल्कि पूरा जौनपुर फंसा हुआ है। करीब पचीस बरसों से सरकारी स्‍कूल में शिक्षक का पद झटकने के बावजूद वह कभी हिन्‍दुस्‍तान अखबार तो आजकल पीटीआई का ब्‍यूरोचीफ बन कर डीएम, सीडीओ, डीआईओएस की कांख का बाल बना घूमा रहता है।
लेकिन ताजा मामला तो अमर उजाला का है। यहां के ब्‍यूरोचीफ हैं अंकुर शुक्‍ला। उन पर आरोप है कि वे अपने रिपोर्टरों से मोटी रकम उगाहा करते हैं। खबर है कि उन्‍होंने पांच से ज्‍यादा रिपोर्टरों को हटा दिया। आरोप है कि वजह थी कि अंकुर शुक्‍ला इन रिपोर्टरों से फर्नीचर,सोफा, अलमारी और नकद भी अक्‍सर मांगा करते हैं। हालांकि दोलत्‍ती डॉट कॉम से बातचीत में अंकुर शुक्‍ला ने साफ इनकार किया कि वे ऐसा कोई धंधा करते हैं। उनका कहना है कि रिपोर्टरों की निुयक्ति वाराणसी मुख्‍यालय से ही होता है और इसमें उनका कोई भी दखल नहीं होता है।
लेकिन शाहगंज के रिपोर्टर रहे अखलाक खान ने अंकुर शुक्‍ला पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए पूरा खर्रा अमर उजाला के मालिक राजुल माहेश्‍वर को भेज दी है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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