: अब तो अकाल मौत का पर्याय बनती जा रही है महावीर तीर्थांकर यूनिवर्सिटी : इसके पहले तीन मेडिकल छात्राओं की आत्महत्या से दहल चुकी है यह यूनिवर्सिटी : इस बार आखिरी सेमेस्टर के युवक की मौत दर्ज हुई तीर्थांकर महावीर परिसर में :
कुमार सौवीर
लखनऊ : एक वक्त था, जब पश्चिम यूपी में महावीर तीर्थंकर विश्वविद्यालय का नाम का परचम फहराया करता था। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। अब यह यूनिवर्सिटी अपनी मेडिकल फैकल्टी को लेकर चेहरा काला कर चुकी है। यहां के मेडिकल कालेज में होने वाली छात्र-छात्राओं की ताबड़तोड़ मौतों और आत्महत्याओं ने इस पूरे मुरादाबाद ही नहीं, बल्कि पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश को दहला दिया है। ताजा कड़ी में एक मेडिकल छात्र की भी मौत हो गयी है।
आपको बता दें कि इस विश्वविद्यालय में किसी कलंक की तरह एक पर एक आत्महत्याओं का सामना पड़ रहा है। इसके पहले भी तीन युवतियों ने परिसर में आत्महत्या की थी। यह सभी छात्राएं मेडिकल की पढ़ाई कर रही थीं। इन मौतों से पूरा विश्वविद्यालय और आसपास के जिलों की धड़कन तेज हो गयी है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि एक भी आत्महत्या के कारणों का सटीक जवाब पुलिस अब तक नहीं खोज पायी है।
लेकिन ऐसी कुछ मौतों को लेकर ऐसी कहानी बनायी-गढ़ी गयीं कि पूरी बात-कहानी सुनने-देखने वाले लोगों के गले में फंस गयी है। आपको बता दें कि हाल ही हुई एक युवती की आत्महत्या के बारे में यह कहानी बनायी गयी कि उसने मेडिकल कालेज की पांचवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या की थी। लेकिन पुलिस और पोस्टमार्टम की जांच में पता चला कि इस युवती की सारी की सारी हड्डियां इतनी ऊंचाई से गिरने के बावजूद पूरी तरह सलामत हैं। एक भी खून का कतरा उस युवती की लाश से बाहर नहीं निकल पाया।
ताजा घटनाक्रम के तहत इस मेडिकल कालेज में एक छात्र की मौत हो गयी। यह छात्र इसी मेडिकल कालेज के अंतिम वर्ष के आखिरी सेमेस्टर का छात्र था। बताते हैं कि वह छात्र खासा मेधावी था और खेल-कूद में भी उसकी खासी छवि और उपलब्धियां थीं। ऐसे में इस आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो पाना बेहद आश्चर्यजनक माना जा रहा है।