रज वाकई महान है, लेकिन विक्‍की-डोनर फिल्‍म का वीर्य-कथानक लाजवाब

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: शलभ-श्री बुरा मत मानना, कि “यह पूरी दुनिया ही स्‍पर्म है” : तब नहीं देखा था, आज देखी फिल्‍म विक्‍की-डोनर। लाजवाब : हर फिल्‍म में बिलकुल नये अंदाज में दिखते हैं अन्‍नू कपूर : बिखरे-बिखरते जीवन में कैंसर की तरह अराजक होते जा रहे तन्‍तुओं को साधने वाला इलाज तो कल्‍पनाएं से ही मुमकिन है : कोशिश- एक

कुमार सौवीर

नई दिल्‍ली : यकीनन, अन्‍नू कपूर एक बेमिसाल कलाकार हैं। आप चाहे ” ओम जय जगदीश” फिल्‍म में उन्‍हें देखिये या फिर विक्‍की डोनर में। “मिस्‍टर इण्डिया” में सम्‍पादक के तौर पर अन्‍नू कपूर का चरित्र आपका ठहाके लगा देगा। “ओम जय जगदीश” में जीवन से हार चुके अन्‍नू कपूर अन्‍तत: जिजीविषा और संघर्ष का प्रतीक बन जाते हैं। जीना क्‍या जीवन से हार के। यह गीत किसी भी बेहाल को एक नयी दिशा की ओर दिखा सकता है।

लेकिन “विक्‍की-डोनर” में अन्‍नू कपूर ने एक शातिर व्‍यवसायी डॉक्‍टर चड्ढा की भूमिका और फिर उसके बाद एक नायाब भूमिका निभायी, कि आप बरबस रो पड़ेंगे। इस फिल्‍म में इस डॉक्‍टर चढ्ढा के तौर पर अन्‍नू ने जिन भावनाओं की किश्‍ती तूफान से निकाली है, वह फिल्‍म की कहानी की जरूरत तो है ही, लेकिन अगर अन्‍नू कपूर में प्रभावशाली अभिनय नहीं होता तो शायद वह कहानी उबाऊ ही रहती।

बहुत लम्‍बी भूमिका नहीं बनाऊंगा मैं। मैंने तो आज ही यह फिल्‍म आज सुबह देखी है, लेकिन आप सब ने तो उसे बरसों पहले देखा होगा, जरूर। नि:सन्‍तान नव-दम्‍पत्ति के परिवार में उदासी से उल्‍लास की यात्रा कराती है यह फिल्‍म। केंद्र में हैं दो मुख्‍य चरित्र। एक है डॉक्‍टर चड्ढा, जो बांझ परिवारों को आबाद करने का व्‍यवसाय करता है। उसे अपने धंधे को चलाने के लिए दोहरी-तिहरी जिम्‍मेदारी निभानी पड़ती है।

एक तो अपने दफ्तर का संचालन। फिर नि:संतान दम्‍पत्तियों की जरूरत, जो अपने परिवार को बढ़ाने और अपने घर-आंगन में किलकारियां चाहते लोगों को खोजना। तीसरा उसे जरूरत होती है उन युवकों की जरूरत जिनमें हो शक्तिशाली स्‍पर्म यानी वीर्य। यानी तीन मोर्चों पर जूझता रहता है डॉ चड्ढा। अब तक अपना बेदम-सा व्‍यवसाय बढ़ाने की चिन्‍ता से बेहाल, प्रयासरत, जुझारू व्‍यक्ति, लेकिन जिन्‍दादिल। कोशिशों-प्रयासों का जिन्‍दा और मुकम्मिल पुलिन्‍दा। (क्रमश:)

यह लेख तीन अंकों में है। इसका अगला अंक पढ़ने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:

रज और वीर्य को बराबर के तराजू पर रखिये, कोई भी कमतर नहीं है।

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