शर्मनाक: अपनों ने भी एबीपी के रिपोर्टर को मंझधार में छोड़ा

दोलत्ती

: पुख्‍ता सुबूत के बावजूद मुम्‍बई का रिपोर्टर जेल में, मीडिया ने मुंह मोड़ा : बांद्रा स्‍टेशन पर भीड़ पर एबीपी अकेली पड़ी, बाकी मीडिया खामोश :
कुमार सौवीर
लखनऊ : इस हालत को क्‍या कहा जाए कि एक ओर कोरोना वायरस नामक हत्‍यारा बेकाबू है, रिपोर्टर अपनी ड्यूटी पर है, लेकिन अपनी छीछालेदर से भयभीत पुलिस उस रिपोर्टर के ही खिलाफ जुट गयी है, मगर हैरत की बात है कि बाकी मीडिया समूह इस मामले में एबीपी न्‍यूज से अपना पिंड छुड़ाने की जुगत में हैं। एक-दूसरे से मुंह ही नहीं चुरा रहे हैं, बल्कि सच बात तो यही है कि वे सच बोलने की हिम्मत ही नहीं जुटा पा रहे हैं। सारे के सारे अखबारों में यह खबर जिस तरह पेश की जा रही है, उससे लगता है कि एबीपी न्‍यूज चैनल के रिपोर्टर ने कोई देशद्रोही कृत्‍य किया है। पुलिस अधिकारी के अनुसार महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में स्थित आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है पुलिस उसे मुंबई लेकर आ रही है। दरअसल एक खबर में पत्रकार राहुल कुलकर्णी ने कहा था कि लॉकडाउन के कारण मुंबई में फंसे श्रमिकों के लिए विशेष ट्रेनें चलायी जाएंगी। दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार इस मामले में टीवी पत्रकार पर आईपीसी की धारा 188, 269, 270 और 117 के तहत केस दर्ज किया गया है ।
लेकिन ऐसे दौर में, जब बड़े से बड़े मीडिया समूह अपने रिपोर्टर को छोटे-छोटे मामलों में भी बलि का बकरा बना डालने पर तनिक भी नहीं हिचकते हैं, कम से कम मीडिया की ऐसी हरकतों के बावजूद एबीपी न्‍यूज चैनल का प्रबंधन अपने मराठी चैनल में तैनात अपने रिपोर्टर के साथ पूरी शिद्दत के साथ खड़ा है। इतना ही नहीं, यह चैनल यह भी खुलेआम ऐलान भी कर रहा है कि उसके पास अपनी खबर को लेकर सारे पुख्‍ता प्रमाण हैं। दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार चैनल का साफ कहना है कि एबीपी माझा की इस खबर और उसके अपडेट्स को आपराधिक कृत्य कहना अपमानजक है और हमारा चैनल अपने रिपोर्टर के साथ हर कीमत पर रहेगा।
आपको बता दें कि बीते मंगलवार की शाम बांद्रा में भीड़ जुटने के मामले में मुंबई पुलिस ने एबीपी माझा नामक एक मराठी न्यूज चैनल के एक पत्रकार को गिरफ्तार किया है। इस रिपोर्टर का नाम राहुल कुलकर्णी बताया जाता है। मुंबई पुलिस के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने मीडिया को बताया था कि राहुल कुलकर्णी को मराठवाड़ा के उस्मानाबाद से हिरासत में लिया गया जहां का वह निवासी है। उसे मुंबई लाया गया और औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक इस पत्रकार पर ट्रेनसेवा शुरू करने के बारे में गलत जानकारी फैलाने का आरोप है। पुलिस उपायुक्‍त त्रिमुखे ने बताया कि पत्रकार को कल अदालत के सामने पेश किया जाएगा।
विशेष ट्रेनों के शुरू होने संबंधी खबर को लेकर बुधवार को यहां एक समाचार चैनल के संवाददाता को गिरफ्तार कर लिया गया। दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार कहा गया है कि इसी खबर के कारण बांद्रा में मंगलवार को लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए। एक मराठी समाचार चैनल में कार्यरत कुलकर्णी की गिरफ्तारी की सूचना राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी। देशमुख ने कहा, ‘‘पुलिस ने खबर प्रसारित करने के लिए पत्रकार राहुल कुलकर्णी को गिरफ्तार कर लिया, जिस खबर की वजह से अफवाह फैल गयी थी।’’ कुलकर्णी ने हाल ही में एक खबर में कहा था कि लॉकडाउन के कारण फंसे हुए लोगों के लिए जन साधारण विशेष ट्रेनों का परिचालन फिर शुरू किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि कुलकर्णी पर भादंसं की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास मंगलवार को 1000 से ज्यादा प्रवासी मजदूर एकत्रित हो गए थे जिनमें अधिकतर बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से थे। वे राज्य सरकार से परिवहन व्यवस्था की मांग कर रहे थे ताकि अपने अपने घर लौट सकें। बाद में पुलिस ने यहां जुटी भीड़ पर जोरदार लाठीचार्ज भी किया।
इस मामले में सारे के सारे मीडिया समूह इकतरफा ही रिपोर्टिंग करते दिख रहे हैं। किसी भी मीडिया समूह ने इस मामले की तह तक जाने की कोई भी जरूरत नहीं समझी। इतना ही नहीं, किसी भी मीडिया ने एबीपी माझा के रिपोर्टर राहुल कुलकर्णी अथवा एबीपी न्‍यूज के संपादक से उनका पक्ष तक लेने की कोई भी जरूरत नहीं समझी। सारे मीडिया की खबरें सिरे से ही अतिरंजित हैं, और राहुल का पक्ष ही नदारत है।
दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार मुंबई के बांद्रा में मंगलवार को जुटी भीड़ के मामले में संवाददाता राहुल कुलकर्णी की गिरफ्तारी को लेकर एबीपी माझा ने कहा है कि हम कानून के तहत जरूरी और त्वरित कदम उठाएंगे.
बहरहाल, मुंबई के बांद्रा में भीड़ के इकट्ठा होने और इस संबंध में संवाददाता राहुल कुलकर्णी की गिरफ्तारी पर एबीपी माझा प्रबंधन ने राहुल के साथ ही कदमताल किया है। इस चैनल के अनुसार मुंबई के बांद्रा वेस्ट स्टेशन में जुटी भीड़ और एबीपी माझा पर चली एक खबर के आपसी संबंध को बताने वाली कई रिपोर्ट्स आ रही हैं. ये रिपोर्ट्स पूरी तरह से गलत हैं और इन्हें एबीपी माझा की छवि खराब करने के लिए फैलाया जा रहा है.
चैनल की खबर को जनहित में प्रसारित किया गया था, जिसका आधार वैध दस्तावेज और जानकारी थी. दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री के लॉकडाउन बढ़ाने के संबंध में दिए गए दिये गए संबोधन और रेल मंत्रालय की तरफ से कई ट्रेन को रद्द करने और 3 मई 2020 तक के किराए के रिफंड की घोषणा के बाद दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक हमने कई खबरें चलाई. एबीपी माझा पर हमने साफ कहा कि कोई भी ट्रेन नहीं चलेगी. इसलिए करीब दोपहर 3:45 पर बांद्रा वेस्ट स्टेशन पर जुटी भीड़ और चैनल की खबर को आपस में जोड़े जाने की कोई वजह नहीं बनती.
दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार एबीपी माझा की इस खबर और उसके अपडेट्स को आपराधिक कृत्य कहना अपमानजक है. हम इस बात से स्तब्ध और निराश हैं कि हमारे संवाददाता राहुल कुलकर्णी को इस खबर के संबंध में गिरफ्तार किया गया. हम कानून के तहत जरूरी और त्वरित कदम उठाएंगे. हम पूरे विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम जिम्मेदार पत्रकारिता के रास्ते से भटके नहीं हैं.
पत्रकारिता और मीडिया जरूरी सेवाएं हैं. रेल मंत्रालय के 13.4.2020 के उस पत्र से इनकार नहीं किया जा सकता जिसमें प्रवासी मजदूरों को उनके गृहजिलों में वापस भेजने के लिए ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है. हम एक जिम्मेदार और सम्मानित चैनल हैं, हम समाज के एक बड़े वर्ग को जानकारी और खबर देकर एक आवश्यक सेवा प्रदान कर रहे हैं.
दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार एबीपी माझा प्रबंधन ने साफ कह दिया है कि हम कोई भी खबर या जानकारी किसी विश्वसनीय सूत्र से लेने से पहले और उसे प्रसारित करने से पहले उसकी सत्यता की हर संभव जांच करते हैं. प्रधानमंत्री के भाषण से पहले सुबह में चलाई गई खबर के बावजूद, रेल मंत्रालय की इस घोषणा के बाद कि 3 मई 2020 तक कोई ट्रेन नहीं चलेगी, हमने फौरन अपने चैनल पर एक जिम्मेदार मीडिया संस्थान होने के नाते ये खबर चलानी शुरू कर दी. हम ये कहना चाहते हैं कि पत्रकारों को गिरफ्तार करने से पहले हर तथ्य और परिस्थिति की जांच पड़ताल होनी चाहिए.
दोलत्‍ती संवाददाता के अनुसार अब जरा इस सर्कुलर पर एक नजर डालिये, जिस में साफ लिखा है कि 13 अप्रैल-20 की मीटिंग में जनसाधारण स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया है। फंसे यात्रियों व मजदूरों की तादाद सही आकलन कर डिवीजन को प्रस्ताव भेजने का निर्देश है ताकि उस हिसाब से ट्रेन चलाने पर विचार किया जा सके। जब यह लेटर एबीपी रिपोर्टर के हाथ लग गया और उसने खबर चला दी। लेकिन इस खबर को रेल मंत्रालय तथा पीयूष गोयल ने फौरन गिरफ्तार करवा दिया। दोलत्‍ती संवाददाता के मुताबिक अपनी कारस्तानी छिपाने के लिए पीयूष और उनका मंत्रालय हिटलरशाही पर उतारू हो गया है। सही खबर चलाने पर पत्रकार को गिरफ्तार किया जा रहा है, अब सरकार लॉकडाउन में क्या इमरजेंसी भी लागू करने जा रही है? एक पत्रकार खबर नहीं निकालेगा, खबर नहीं लिखेगा तो क्या करेगा ? फिर तो इसके लिए भी एक गाइडलाइन जारी कर देना चाहिए।

1 thought on “शर्मनाक: अपनों ने भी एबीपी के रिपोर्टर को मंझधार में छोड़ा

  1. भारतसरकार व राज्यसरकारे..न्यूज चैनल्स पर पूरी तरह रोक लगा दे..वे जो भी सरकारी बुलेटिन जारी करेगे..सिर्फ वो ही दिखाया जायेगा..हर जिलाधिकारी एसपी अपना बुलेटिन जारी करे..वो ही दिखाये…शासन व प्रशासन की कार्यप्रणाली पर न्यूज चैनल्स की निगेहबानी से इंकार नहीं…पत्रकार पुख्ता है..उसे निर्भिक रहना चाहिए…

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