ग्राहको को लूट लिया बैंक मैनेजर ने। राममंदिर के लिए

दोलत्ती

: जौनपुर में 270 शिक्षकों-कर्मचारियों से प्रति ग्राहक ढाई हजार की कटौती कर ली, ग्राहक बेहाल : टीडी कालेज के प्रबंधक के निर्देश पर कटौती : लुटेरे की हिमाकत तो देखो! बोला कि फिर काटूंगा :

कुमार सौवीर

लखनऊ : उधारी की उगाही न होने पर बैंक वाले पहले माफिया, गुंडे, वकीलों की टोली अथवा हिजड़ों का गिरोह की सेवाएं लिया करते थे। लेकिन अब यह काम बैंक के मैनेजरों ने खुद ही करना शुरू कर दिया है। अब वे अपने ही ग्राहकों के एकाउंट खातों से ढाई-ढाई हजार रुपयों की कटौती कर रहे हैं। वह भी ऐसे ग्राहकों ने कभी कर्जा ही नहीं लिया।

यह सरेआम लूट चल रही है देश की सबसे बडे़ बैंक यानी स्‍टेट बैंक आफ इंडिया में, और किस्‍सा है जौनपुर के एक जाहिल और मूर्ख एसबीआई के मैनेजर का। इस मैनेजर ने यहां के एक बड़े कालेज के 270 शिक्षकों और कर्मचारियों से राममंदिर निर्माण योजना के लिए प्रति खातेदार के खाते से ढाई हजार रुपयों की कटौती कर ली है।

अब जरा इस मामले से हम आपको पूरी तरह रू-ब-रू कराते हैं। पिछली सदी में में दुनिया जब विश्‍वयुद्ध में खुद को बर्बाद करने में जुटी हुई थी, जौनपुर के रहने वाले तिलकधारी सिंह नामक एक महान व्‍यक्ति ने अपनी सोच को युद्ध से परे झटका और लोगों में समझ, शिक्षा और शांति का माहौल बनाने के लिए एक कालेज की स्‍थापना कर दी। सन-1918 में स्‍थापित इस कालेज का नाम है तिलकधारी कालेज, जो आज छात्रों को स्‍नातकोत्‍तर स्‍तर की पढाई कराता है। यूपी का इकलौता महानतम कालेज है यह टीडी कालेज, जिसमें छह संकाय हैं, और इसमें छात्रों की तादात बीस हजार के आसपास है।

तिलकधारी सिंह के इस अभियान को उनके वंशजों और उसकी प्रबंधकारिणी ने किसी बच्‍चे की तरह पाला-पोसा। लेकिन पिछले 25-30 बरसों से अब आरोप लगने लगे हैं कि कालेज के प्रबंधक किसी दुर्दांत लुटेरे की तरह कालेज की सम्‍पत्ति को लूट रहे हैं। खैर, बाकी खोजबीन तो बाद में होती रहेगी, फिलहाल तो यह किस्‍सा सुनिये कि दो बार अपने दिल का ऑपरेशन करा चुके इस कालेज के मैनेजर अशोक सिंह की ताजा करतूतें क्‍या हैं। अशोक सिंह का भतीजा केपी सिंह भी जौनपुर से सांसद रह चुका है, लेकिन इस खानदान की लुटेरी छवि ने जनता ने केपी सिंह को पिछले चुनाव में खूब धोबी-पाटा दिया।

सूत्र बताते हैं कि दरअसल कालेज का मौजूदा भाजपा का कट्टर समर्थक है। यही वजह है कि इस मैनेजर ने भाजपा और राममंदिर निर्माण की योजना में भरपूर योगदान किया। लेकिन अपने घर या जेब से नहीं, अपने कर्मचारियों, परिचितों और बाकी लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर। मसलन, अयोध्‍या में बनने वाले राममंदिर निर्माण को पूरा करने के लिए इस अशोक सिंह मैनेजर के कहने पर कालेज के कर्मचारियों और शिक्षकों के खाते से यह रकम कटवा ली। हालांकि अब यह तय नहीं हो पाया है कि पौने सात लाख रूपयों की काटी गयी यह रकम अशोक सिंह को दी जाएगी, या किस अन्‍य तरीके से। जो भी हो, होगी तो यह सरेआम लूट।

कालेज और उसके कर्मचारियों-शिक्षकों के खाते मैनेज करने वाले एसबीआई के प्रबंधक नितिन कुमार से जब यहां के कर्मचारियों और शिक्षकों ने इस सरेआम डकैती और लूट स्‍तर की इस कटौती के खिलाफ पूछतांछ की, तो बताते हैं कि मैनेजर से खाताधारियों से बेहूदगी और उन्‍हें धक्‍के मार कर बैंक से भगा दिया। गुंडा-मवाली की शैली में धमकी देने वाले इस मैनेजर नितिन कुमार ने खाता धारकों को यह भी चेतावनी दी, कि आगे से भी इसी तरह की कटौती करता रहूंगा, तुम लोगों की औकात हो तो रोक लेना।

दोलत्‍ती संवाददाता ने जब मैनेजर नितिन कुमार से बातचीत की, तो उनका कहना था कि इस कटौती के बारे में कालेज के प्रबंधक ने उनको लिखित पत्र भेजा था। लेकिन नितिन कुमार इस सवाल का जवाब नहीं दे पाये कि किसी खाता धारक में जमा हो चुके रकम को किसी दूसरे के निर्देश पर किस आधार पर बैंक मैनेजर काट सकता है। नितिन तो यह भी जवाब नहीं दे पाये कि अगर कालेज प्रबंधक को अपने कर्मचारियों से कटौती करनी थी, तो उनके वेतन पर उतनी कटौती की एडवाइस जारी करके यह कटौती करते और तब बैंक बाकी रकम को उनके खातों में जमा करता। लेकिन वेतन का भुगतान ग्राहक के खाते में हो जाने के बाद अवैध कटौती किया जाना तो सरासर लूट, डकैती और ग्राहकों के साथ विश्‍वासघात ही है।

दोलत्‍ती संवाददाता से बातचीत के दौरान स्‍टेट बैंक के मैनेजर नितिन कुमार ने दोलत्‍ती को बताया कि इस विवाद को सुलझाने के लिए उन्‍होंने कालेज के प्रबंधक अशोक सिंह से बातचीत की है, और विस्‍तृत वार्ता के लिए वे अभी अशोक सिंह के पास जा रहे हैं। लेकिन नितिन ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि आखिर यह ग्राहकों के खातों से हुई ऐसी कटौती को ग्राहकों के बैंक के प्रति उनके अविश्‍वास, असुरक्षा और सरासर लूट, डकैती के तौर पर देखा जाए या नहीं।

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