सरकार में तेल लगाने को खूंटे पर बैठ गया संपादक

बिटिया खबर

: फर्जी छाप मारा कि 52 हजार मेडिकल-कर्मियों की भर्ती होगी, यूपी कैबिनेट का फैसला 10 हजार : लिंग-वर्द्धक यंत्र वाले हिंदुस्‍तान का ताजा कारनामा : सारे अखबारों ने जो आंकड़े दिये, उससे पांच गुना ज्‍यादा उचका दिया बिड़ला के अखबार ने : दोलत्‍ती ने सवाल उठाया तो कूंकूं करने लगे संपादक :

कुमार सौवीर

लखनऊ : महा-संत कबीर ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनके असली दोहे को कुछ इस तरह का विस्‍तार देने पर मजबूर हो जाएंगे हिन्‍दुस्‍तान के अखबार, कि पूरी पत्रकारिता ही शर्मिंदा हो जाएगी। लेकिन आज वह फलीभूत हो गया, जो नहीं होना चाहिए था। वह भी उस कबीर के साथ हो गया, जिसने किसी की मक्‍खन-पॉलिश की ही नहीं। कबीर साहब का दोहा है:- अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप। अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप
मगर महान उद्योगपति रहे बिड़ला जी के अखबार हिन्‍दुस्‍तान के संपादकों ने आज वह कालिख बिड़ला जी अखबार पर पोत डाली है, जो अक्षम्‍य है। लेकिन इससे साबित तो हो ही गया है कि यह अखबार अब न केवल रसातल तक पहुंचने को आमादा है, बल्कि उसके साथ ही उस पर हिन्‍दी पत्रकारिता की हत्‍या का संकल्‍प भी ले लिया है।
ताजा मामला है यूपी का, जहां मुख्‍यमंत्री सरकार की कैबिनेट ने विगत दिनों कुछ फैसले लिये थे। कैबिनेट बैठक के अनुसार प्रदेश सरकार ने तय किया था कि 10 हजार मेडिकल-कर्मियों की भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया। मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों और सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में विभिन्न श्रेणी के पदों पर भर्ती होनी है। इसमें 15 हजार पदों पर नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ भी शामिल है। इसके तहत अस्पतालों में बेडों की संख्या व मेडिकल कालेजों में सीटों की संख्या के आधार पर पदों का निर्धारण एक तय फार्मूले से होगा।नए बन रहे मेडिकल कालेजों के अलावा चिकित्सा विश्वविद्यालयों व सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में लखनऊ के पीजीआई, लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, केजीएमयू, कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान व अस्पताल व यूपी आयुर्विज्ञान संस्थान सैफई तथा नोएडा के बाल चिकित्सा व स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान नोएडा में स्नातक, परास्नातक पाठयक्रमों के मद्देनजर एमसीआई मानकों के तहत पद सृजित होंगे। इसका अनुमोदन मुख्यमंत्री करेंगे।
कहने की जरूरत नहीं कि सारे अखबारों ने इसे प्रमुखता के साथ छापा कि प्रदेश में जल्‍द ही 10 हजार नये मेडिकल-कर्मियों की भर्ती की जाएगी। लेकिन हिन्‍दुस्‍तान के संपादक और उनके पत्रकार तो पत्रकारिता के लिए नहीं, बल्कि सरकार का तलुआ चाटने की फिराक में रहते हैं न, इसलिए हिन्‍दुस्‍तान अखबार ने इस संख्‍या को दस हजार के बजाय उसे पांच गुना से भी ज्‍यादा ऊंचा उचका दिया। अपने विशेष संवाददाता की ओर से हिन्‍दुस्‍तान ने हेडिंग में ही लिख दिया कि यूपी में 52 हजार के करीब नौकरियां दी जा रही हैं।
खबर में लिखा गया कि यूपी सरकार अपने राजकीय मेडिकल कालेजों व सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में जल्द ही 52 हजार पदों पर भर्तियां करेगी। इसमें से 10 हजार नए शैक्षणिक व गैरशैक्षणिक पद सृजित करेगी। इसे कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। वर्ष 2021 में 45127 पदों पर भर्ती की मंजूरी दी जा चुकी है साथ ही दो हजार डॉक्टरों की भी भर्तियां होनी हैं। इस तरह कुल 57127 पदों पर भर्तियां होंगी, जिनमें से पांच हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
जाहिर है कि दोलत्‍ती डॉट कॉम को यह खबर बुरी तरह चौंका गयी। दोलत्‍ती ने सीधे हिन्‍दुस्‍तान अखबार के स्‍थानीय संपादक सुनील द्विवेदी को फोन कर मामला की कैफियत पूछी। तो उन्‍होंने बहुत भोले अंदाज में पूरा रटा हुआ आंकड़ा तोते-सुग्‍गा की तरह सुना दिया। इस पर दोलत्‍ती डॉट कॉम ने जानकारी चाही कि ऐसी हालत में असली खबर तो पिछले साल 45127 स्‍वीकृत किये गये पदों की भर्ती नहीं किये जाने को लेकर है, इस पर सुनील द्विवेदी ने दबे शब्‍दों में माना कि हां, इस पर खबर तो होनी ही चाहिए। लेकिन इसके बावजूद ऐसी खबर आज तक छापने की औकात नहीं जुटा पाये बिड़ला-अखबार का हिन्‍दुस्‍तान के संपादकगण।

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