: प्रमुख डिस्कशन में भारत को 99 साल का लीज बताया गया अंग्रेजों को : आईटी-यूनिवर्सिटी से जारी वाट्सऐप सूचनाएं युवाओं से लेकर बुड्ढों तक में दिमाग में बिगाड़ चुकी : युवती बोली कि तब के नेता अगर झूठ न बोलते तो भारत हमेशा बरकरार रहता : युवती चिल्लाती रही, लेकिन लल्लनटॉप वाले केवल मजा लेते रहे, हस्तक्षेप नहीं :
कुमार सौवीर
लखनऊ : सौरभ द्विवेदी के इंडिया-टुडे का संपादक बनते ही लल्लनटॉप ने अपनी चढ्ढी में पत्रकारिता करना शुरू कर दिया है। उसके एक कार्यक्रम में बताया गया है कि इस देश का अस्तित्व अब अधिकत 25 बरस ही बचा है। इसके बाद पूरा देश अंग्रेजों के हाथ में चल जाएगा। जाहिर है कि नेहरू और गांधी ने एक साजिश के तहत भारत के बजाय, अंग्रेजों के संविधान के मुताबिक शपथ ली है, और यह आजादी कम्पलीट आजादी नहीं है। हालांकि इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने इस कार्यक्रम पर तीखा दुख व्यक्त कर दिया है।
ताजा मामला है भारत की आजादी का। लल्लनटॉप में एक ग्रुप-डिस्कशन के सेशन में इसमें एक युवती को दहाड़ते हुए दिखाया गया है। बमुश्किल 25 बरस की इस युवती का दावा है कि भारत को अंंग्रेजी हुकूूमत से सम्पूर्ण आजादी नहीं दी गयी है, जैसा भारत में उस दौर के नेताओं ने मुल्क को बरगलाया था। युवती के अनुसार इस महिला को अंग्रेजों के संविधान के हिसाब से प्रधानमंत्री की शपथ दिलायी गयी थी, न कि देश की संविधान के हिसाब से, जैसाकि देश को झूठा बताया गया है।
युवती चिल्ला-चिल्ला कर बता रही है कि अंग्रेजों से हिन्दुस्तान को उस समय केवल 99 बरस के लीज के लिए दिया गया था। युवती के अनुसार यह लीज अब खत्म होने वाली है और उसके बाद यह हिन्दुस्तान वापस से अंग्रेजी हुकुमत को कर दिया जाएगा। युवती के अनुसार इसके बाद यह देश हमेशा-हमेशा के लिए भारत नहीं बन पायेगा। और फिर उसको नये तरीके से बुनाया जाना पड़ेगा। युवती की शिकायत यह है कि अगर ऐसा झूठ तब के नेताओं ने किया होता तो इस देश की यह हालत ऐसी न हो पाती हो, जो अब होने वाली है।
जाहिर है कि इस युवती की चिल्ल-पों का आधार केवल वाट्सऐप-विश्वविद्यालय से मिले दो-कौड़ी के ज्ञान के हिसाब से है, जिसे आईटी-सेल ने पिछले करीब दस बरसों में बुरी तरह प्रसारित किया और नतीजा यह हुआ कि देश के महानतम नेताओं, विख्यात शख्सियतों और देश के लिए खुद को न्यौछावन करने वालों को झूठे आधार पर उनकी छवि को बर्बाद कर और पूरे देश को एक साजिश के तहत केवल झूठ के धरातल तक पहुंचा देना ही था। कहने की जरूरत नहीं कि इस महिला ने साबित कर दिया कि उसके आईटी-सेल वाले वाट्सऐप-विश्वविद्यालय से मिली सूचनाओं ने उसका माइंड-सेट बदल दिया है और अब उसके दिमाग में केवल कपोल-कल्पित फोड़े ही पनप रहे हैं। और केवल यह महिला ही क्यों, आईटी-सेल के वाट्सऐप-यूनिवर्सिटी ने पूरे देश के युवा से लेकर बुजुर्ग तो ऐसे भयावह झूठ के दलदल में फंसा दिया है।
आपको बता दें कि करीब 33 बरस पहले चौथी दुनिया नामक सप्ताहिक समाचापत्र के संतोष भारतीय के संपादनकत्व में प्रमुख कार्टूनिस्ट चंचल के कहने पर कमर वहीद नकवी ने इस तरह की हेडिंग लगायी थी। तब हेडिंग जनसत्ता अखबार के व्यास को लेकर, जिस पर चौथी दुनिया ने अपना एक आलेख इस शीर्षक ने लगाया था कि:- व्यास ने चड्ढी में पत्रकारिता कर दी है।