बंसल बेईमान था, लेकिन सीबीआई का डीआईजी तो वाकई कमीना और शातिर हत्‍यारा निकला

सैड सांग

: बीके बंसल के पूरे खानदान को आत्‍महत्‍या पर मजबूर करने वाले संजीव गौतम को बचाने की मजबूरी का सबब क्‍या है : सीबीआई के जल्‍लादों को बचाने की साजिश अब अमित शाह पर गहरे जाने लगी  हैं : मतलब तो यह हुआ कि जांच के नाम पर सीबीआई में केवल धांधलियां ही होती हैं :

कुमार सौवीर

लखनऊ : कम्‍पनी मामलों के विभाग का महानिदेशक रहा बीके बंसल बेईमान था। उसका पूरा का पूरा खानदान ही घुटा बेईमान था। उसने बेहिसाब दौलत जुटा ली थी। दर्जनों की तादात में उसकी सम्‍पत्तियां थीं, कई बैंकों में खाते और बैंक-लाकर भी थे। आज कल इस लहजे से भी कुछ खबरें आने शुरू हो गयी हैं। लेकिन बंसल को बेईमान करार देने की ऐसी कोशिशों के चलते सीबीआई की हत्‍यारी कार्यशैली, उसके अफसरों का जल्‍लाद-पना और किसी भी अफसर को किसी भी स्‍तर तक प्रताडि़त करने की सीबीआई की साजिशों का भी इस हादसे ने बेपर्दा कर दिया है।

सबसा बड़ा सवाल तो सीबीआई के डीजीआई संजीव गौतम पर है। सूत्रों का कहना है कि संजीव की सीबीआई में पोस्टिंग ही नियम-विरूद्ध थी। वह भारतीय राजस्‍व सेवा का अधिकारी है, फिर उसे किसी पुलिस अफसर की तरह सीबीआई में कैसे पदस्‍थापित कर दिया गया। सच बात तो यह है कि संजीव की सीबीआई में डीजीआई के तौर पर नियुक्ति पूरी तरह नियम-विरुद्ध थी।

संजीव गौतम की हत्‍या में प्रमुख अभियुक्‍त रहा है, वह भारतीय राजस्‍व सेवा का अधिकारी है। जब की नियमानुसार सीबीआई में सिर्फ भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी ही प्रतिनियुक्ति पर भेजे या बुलाये जा सकते हैं। अब सवाल तो यह है कि जब संजीव गौतम आईआरएस अफसर था, तो फिर किन और कैसे नियमों को धता बताते हुए गृह मंत्रालय ने सीबीआई में संजीव गौतम को प्रतिनियुक्ति दे दिया। इतना ही नहीं, ऐसा लगा कि अब संजीव को हमेशा हमेशा के लिए ही सीबीआई में नियुक्‍त कर दिया गया है। एसपी पद से होते हुए संजीव अब डीजीआई तक के अहम पद तक पहुंच गया था, यह आश्‍चर्यजनक है।

आपको बता दें कि यह वही संजीव गौतम हैं जिसने बीके बंसल से बीजेपी के एक बहुत बड़े नेता का करीबी होने का दावा किया था। इतना ही नहीं, बंसल ने संजीव का जिक्र अपने आखिरी खत में भी किया था। इसके बाद आप अपना रूमाल निकाल कर अपनी आंख जरूर पोंछ लेंगे कि बंसल के आरोपों के मुताबिक संजीव गौतम ने ही बंसल समेत उसके पूरे के पूरे खानदान को आत्‍महत्‍या के लिए मजबूर कर दिया। तनाव इतना बढ़ा कि बंसल अपनी पूरी पीड़ा भी नहीं व्‍यक्‍त कर पाया।

सीबीआई की हत्‍यारी प्रवृत्ति, बंसल-परिवार का सामूहिक आत्‍महत्‍या काण्‍ड और सीबीआई के चलते तबाह हो चुके लोगों की पीड़ा से जुड़े इस मामले में हमारी नजर लगातार सतर्क है। हम लगातार आप को अपडेट देते रहेंगे। हां, आपको इस बारे में कोई और जानकारी मिल हो तो हमें तत्‍काल सम्‍पर्क कीजिएगा। आप मुझे अपनी बात kumarsauvir@gmail.com, meribitiyakhabar@gmail.com पर भेज सकते हैं या फिर 09415302520 पर सम्‍पर्क कर सकते हैं

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