: सीबीआई भी बिकी मुलायम के हाथों में, खरबों की सम्पत्ति को लाखों में समेटा : खरबों की सम्पत्ति कौडि़यों के मोल खरीदा, किराया बीस लाख महीना :
कुमार सौवीर
लखनऊ : सीबीआई ने प्रमाणपत्र जारी कर दिया है कि मुलायम सिंह यादव और उनका कुनबा वाकई समाजवादी विचारधारा पर अडिग है। इस पूरे खानदान के पास बस चंद लाखों की ही सम्पत्ति है। वह तो गनीमत है कि इस जायदाद से किराये के तौर पर आने वाली आमदनी खासी अच्छी हो जाती है, वरना यह कुनबा भुखमरी की हालत तक पहुंच जाता। और इस खानदान द्वारा पोषित, समर्थित और पल्लवित समाजवादी की अमर-बेल एक झटके में ही सूख कर बर्बाद हो जाती।
जी हां, देश की सर्वाधिक विश्वसनीय मानी जाने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई ने मुलायम के खानदान पर लगने वाले “गंदे-संदे और निहायत झूठ व अपमानजनक” आरोपों को एक सिरे से ही खारिज कर दिया है। सीबीआई अदालत में हाल ही सीबीआई ने मुलायम सिंह यादव और उनके पूरे कुनबे की हैसियत की जांच के बाद सारे दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत कर दिये हैं। पेश किये गये दस्तावेजों के मुताबिक सीबीआई की मानें तो मुलायम सिंह यादव और उनके पुत्र अखिलेश यादव बहुत हैंड-टू-माउथ की हालत में हैं।
लेकिन मुलायम सिंह यादव और उनके पूरे खानदान की सम्पत्ति की जांच को सीबीआई तक पहुंचाने वाले अधिवक्ता विश्वनाथ चतुर्वेदी सीबीआई की जांच को बेहूदा, बकवास और निहायत झूठा साबित कर रहे हैं। विश्वनाथ चतुर्वेदी ने ही सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी कि मुलायम खानदान के पास अकूत सम्पत्ति है और वह अघोषित भी है।
विश्वनाथ चतुर्वेदी के अनुसार मुलायम सिंह यादव परिवार की आय से अधिक मामले में सीबीआई ने कोर्ट को सौंपी जाँच रिपोर्ट मे इटावा की कोठी की क़ीमत मात्र 50 हज़ार और डिम्पल तथा अखिलेश के राजभवन के सामने स्थित कामर्शियल सम्पत्ति की क़ीमत 37 लाख बतायी है। उस सम्पत्ति का किराया 20 लाख महीने है।
मुलायम सिंह यादव की कोठी,और अखिलेश यादव का गेस्ट हाउस के मामले में सीबीआई ने कोर्ट को सौंपी जाँच रिपोर्ट में कोठी की क़ीमत मात्र २० हज़ार और गेस्ट हाउस की क़ीमत ३२ हज़ार बतायी है। इस आकलन से भी मुलायम कुनबे पर केस बनता है। विश्वनाथ पूछते हैं कि लेकिन १३ साल बीतने के बाद भी अब तक एफआईआर क्यों नही लिखी गई? सीबीआई पिंजरे का तोता है।