वह तो सभी जानते हैं कि पाकिस्‍तानी कलाकार आतंकवादी नहीं होता, मगर…

मेरा कोना

: सलमान अगर सलाह देने के बजाय कार्रवाई का माद्दा दिखायें तो बेहतर : क्‍या यह उचित नहीं होगा कि पाकिस्‍तान से आने वाले कलाकार आतंकवाद पर अपना नजरिया भी साफ करें : कलाकारों का यह दायित्‍व है कि वे देश के घाव पर मलहम लगायें, मिर्च नहीं :

कुमार सौवीर

लखनऊ : पाकिस्‍तान से आने वाले कलाकारों को लेकर सलमान खान ने कोई अनोखी बात नहीं कही है। बल्कि ऐसी बात कही है, जिसे कहना और समझना वक्‍त की जरूरत है। हां, बेहतर तो यह होता कि सलमान और ऐसे पैरवी करने वाले लोग साफ तौर पर अपना नजरिया भी रख देते कि आतंकवाद पर उनकी राय क्‍या है।

मैं काफी पश-ओ-पेश में रहा हूं पिछले दो दिनों तक। साफ और सपाट बात कह दी थी सलमान खान ने। बोले कि:- पाकिस्‍तान का कलाकार आतंकवादी नहीं होता है। ऐसे में पाकिस्‍तान से भारत में अपना हुनर दिखाने के लिए आने वाले कलाकारों का पूरे सम्‍मान के साथ इस्‍तकबाल किया जाना चाहिए। उन्‍हें अहसास कराया जाना चाहिए कि पाकिस्‍तान के कलाकार आतंकवादी नहीं है, बल्कि वह हुनरमंद है और कोई भी कलाकार केवल कलाकार ही होता है, आतंकवाद से उसका कोई लेना-देना नहीं होता है।

उरी हादसे के बाद से ही पूरा हिन्‍दुस्‍तान ही नहीं, बल्कि नेपाल, श्रीलंका, बांग्‍लादेश, अफगानिस्‍तान और भूटान समेत देश सन्‍नाटे में आ गये थे। इन देशों ने तो दक्षेस-देशों के उस सम्‍मेलन का खुला बहिष्‍कार कर दिया जो पाकिस्‍तान के इस्‍लामाबाद में होने वाला था। इस बहिष्‍कार कर नतीजा यह निकला कि यह सम्‍मेलन खारिज हो गया। इतना ही नहीं, यह तक स्‍पष्‍ट हो गया कि भविष्‍य में द‍क्षेस सम्‍मेलन हमेशा के लिए खत्‍म हो गया। कम से कम तो यह अब तब तक आयोजित नहीं ही होगा, जब तक आतंकवाद की फैक्‍ट्री बन चुके पाकिस्‍तान को ठीक तरीके से समझ न आ जाए।

भारत में भी इस मामले पर खासा दुख और क्षोभ फैला हुआ था। देश के विभिन्‍न क्षेत्रों में पाकिस्‍तान की इस करतूत की जमकर भर्त्‍सना-निंदा की गयी। बड़ी तादात में मदरसों और मुस्लिम समाज और संस्‍थानों ने भी पाकिस्‍तान की खासी मजम्‍मत-मलम्‍मत की। इसने साफ कर दिया कि उरी हादसे से पूरा का पूरा देश खासा दुखी और अशांत है। हां, इसी बीच कई अतिवादी गुटों ने यह ऐलान कर दिया कि पाकिस्‍तानी कलाकारों को भारत में अपना प्रदर्शन करने के लिए इजाजत नहीं दी जाएगी, और अगर वे आमादा ही होंगे, तो उन्‍हें मुंह की खानी पडेगी।

इसी बीच सलमान खान ने एक बयान जारी कर दिया कि पाकिस्‍तानी कलाकार आतंकवादी नहीं होता है।आपको यह कहने की जरूरत क्‍या पड़ेी सलमान जी। चंद लोगों या गुटों की बात छोड़ दीजिए, तो यह बात तो पूरा देश जानता है। ऐसे में आपने कौन सी कमाल की सलाह उछाल दी।

हां, सलमान चूंकि खुद एक कलाकार हैं, इसलिए वे कलाकार सम्‍प्रदाय की पीड़ा को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। सच बात तो यह है कि कोई भी कलाकार केवल कलाकार ही होता है, आतंकवाद से तो उसका कोई भी रिश्‍ता ही नहीं हो सकता।

लेकिन क्‍या यह बेहतर नहीं होता कि सलमान खान जैसे बड़े कलाकार पहले आतंकवाद और पाकिस्‍तान की करतूतों की भर्त्‍सना-निंदा करते। इतना ही नहीं, पाकिस्‍तान से आने वाले कलाकारों से भी बाध्‍य करते या समझाते कि चूंकि हमारे देश में पाकिस्‍तानी हुकूमत से प्रश्रय हासिल कर आतंकवादी हरकतें हो रही हैं, ऐसे में उसकी सख्‍त निन्‍दा की जाए। लेकिन सच और शर्म की बात तो यह है कि सलमान खान ने पाकिस्‍तानी कलाकारों की हिमायत तो खूब की है, लेकिन आतंकवाद के मसले पर लगातार खामोश हैं।

सलमान जी, आजकल हमारा देश पाकिस्‍तानी आतंकवाद से दो-चार हो रहा है। ऐसे में आप जैसे कलाकारों का यह दायित्‍व है कि वे देश के घाव पर मलहम लगायें, मिर्च नहीं।

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