रोडवेज: वेतन 27 रुपये, छह संक्रमित, सीएम दिखायेंगे झंडी

दोलत्ती

: योगी जी। झंडी बाद में दिखाइयेगा। रोडवेज में कोरोना पसरा है : रोडवेज में फटा कोरोना का बम, प्रशासन मामले को दबाने में जुटा :

दोलत्‍ती संवाददाता

लखनऊ : यूपी रोडवेज ने पिछले पांच महीनों के दौरान जो शर्मनाक झूठ परोसा है, जिस तरह सरकार की आंख में धूल झोंका है, जिस तरह प्रचार के नाम पर बेहिसाब रकम फूंकी है, वह अपने आप में एक निहायत शर्मनाक हादसे की तरह इतिहास के पन्‍ने पर हमेशा-हमेशा के लिए दर्ज हो चुका है। लेकिन अब बवाल तो इस बात पर हो रहा है कि एक तरफ तो रोडवेज की कार्यशाला में आधा दर्जन कर्मचारियों को कोरोना हो गया है, वहीं दूसरी ओर मुख्‍यमंत्री रोडवेज की बसों को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि रोडवेज में कोरोना के हमले की खबर को लगातार दबाये रखने की साजिशें चल रही हैं। उधर हालत यह है कि रोडवेज के संविदा कर्मचारियों को वेतन के नाम पर हाथ पर धेला-दमड़ी थमायी जा रही है। एमडी साहब की बात दीगर है, लेकिन कर्मचारियों को मिले “वेतन” से पूरा रोडवेज आजकल बेहद शर्मसार और गुस्‍से में है।

सच बात तो यही है कि रोडवेज में कोरोना की धमक पहुंचाने का जिम्‍मेदार तो खुद रोडवेज प्रशासन ही है। वजह यह कि करीब 15 दिन पहले यहां के एक कर्मचारी में कोरोना लक्षण मिले थे। यह पता चलते ही इस कर्मचारी की कोरोना संक्रमण की जांच करायी गयी। रोडवेज कर्मचारियों के प्रमुख नेता जसवंत सिंह बताते हैं कि इस जांच में इस कर्मचारी को कोरोना की पुष्टि हो गयी थी। लेकिन इसके बावजूद रोडवेज के अफसरों ने अपनी कार्यशाला में तैनात बाकी कर्मचारियों की जांच कराने की कोई जरूरत ही नहीं समझी।

जसवंत सिंह बताते हैं कि करीब 12 दिन पहले यहां के कुछ कर्मचारियों में भी कोरोना जैसे लक्षण दिखे तो यहां के ऐसे करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारियों की जांच करायी गयी। लेकिन इस जांच की रिपोर्ट आने से रोडवेज प्रशासन के हाथपांव फूल गये। पता चला कि कार्यशाला के आधा दर्जन से ज्‍यादा कर्मचारियों को कोरोना ने डंस लिया है। यह खबर आते ही रोडवेज प्रशासन कांपने लगा है। वजह यह कि कल यानी गुरुवार को मुख्‍यमंत्री रोडवेज की करीब ढाई सौ बसों को हरी झंडी दिखायेंगे। घबराहट की बात तो यह है कि अब इतनी जल्‍दी यह कैसे पहचाना जाए कि इस कार्यक्रम में शामिल रोडवेज अफसरों में किस-किस को कोरोना संक्रमण है या नहीं है। जाहिर है कि इस खबर से कार्यशाला में हड़कंप मच गया है। जिन बसों को कल मुख्यमंत्री को दिखानी है हरी झंडी उन्हीं बसों की साज-सज्जा में लगे थे कर्मचारी। अब बसों को सजावट के लिए भेजा गया अवध बस स्टेशन।

उधर आग लगाने वाली खबर तो यह है कि रोडवेज में तैनात करीब तीस हजार संविदा कर्मचारियों को वेतन के नाम पर ठेंगा दिखाया जा रहा है। वह भी उन कर्मचारियों को, जो कोरोना-काल में प्रवासी श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाने का भारी-भरकम खतरनाक दायित्‍व सम्‍भाले हुए थे और रातदिन हाड़तोड़ मेहनत करते रहे। लेकिन कोरोना की उपलब्धियों में उनकी अटूट मेहनत को दरकिनार करके रोडवेज प्रशास ने उन कर्मचारियों को सपरिवार भुखमरी की हालत तक छोड़ दिया है। हालत तो यह है कि इनमें कई कर्मचारी तो ऐसे हैं जिन्‍हें पिछले महीने के पारिश्रमिक के तौर पर केवल 27 रुपयों का ही भुगतान किया गया है।

कर्मचारी नेता जसवंत सिंह बताते हैं कि अकेले लखनऊ क्षेत्र के संविदा चालकों-परिचालको का वेतन अप्रैल माह में 60 फीसदी से 80 फीसदी तक कम आया है। यह घोर अन्याय और अमानवीय शोषण की हालत है। जिससे कर्मचारियों में आक्रोश है।

2 thoughts on “रोडवेज: वेतन 27 रुपये, छह संक्रमित, सीएम दिखायेंगे झंडी

  1. बेशर्म रोडवेज प्रसाशन और बेशर्म कर्मचारी नेता कुछेक को छोड़कर

  2. BEHAD YAHA K ADHIKARI AUR RODWAYS PRASHASAN BAHUT HI BESHARAM H ,KEWAL APNA PET BHARTE H BHALE HI SAMVIDA KARMCHARI BHUKHE MAR JAYE HAM LOGO NE PRAVASIYO KO APNE JAN PR KHELKR AUR APNE PURE PARIVAAR KA JAN KHATRE ME DALKR RATO DIN BINA THAKE UNKO UNK GHR TK PAHUCHYA AUR SALARY KUCH NI MILA ,VNS KA KASHI DIPO KA ACCOUNTENT KAHATA H KI MD SAHAB NE KAHA H 21MARCH KO LOCKDOWN DATE MILA H JO 21MARCH KO DUTY KIYA H USI KO APRIL MAH NAUNE PAUNE SALARY MILEGI BAKIYO BHUKHE MAR JAO NI MILEGI……JABKI LOCKDOWN DATE 22MARCH H …..AB AP BATAYE HAM SAMVIDA KARMCHARI KA GHAR KAISE CHALEGA HAM LOGO K BAL BACHHE BHUKE MR RAHE H …..PLS HELP KARE AUR AISE BHARST ADHIKARIYO TURANT SUSNEP KARE,…PLS HELP US

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