नौकरानियों की प्लेसमेंट एजेंसियों पर गाइडलाइन बने: कोर्ट
: 82 वर्षीय बुजुर्ग पर नौकरानी ने लगाया था डेढ़ साल तक दुष्कर्म का आरोप : नहीं साबित हो सका था दुराचार का आरोप : झूठे मामलों की छानबीन के लिए अब आदर्श संहिता बने :
नई दिल्ली : सरकार को चाहिए कि वह घरों में नौकरानी सप्लाई करने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों के लिए एक गाइडलाइन तैयार करे, जिससे कि नौकरानी द्वारा लालच व ज्यादा पैसों की उगाही के लिए मालिक के खिलाफ दुष्कर्म जैसे झूठे आरोपों को रोका जा सके। यह टिप्पणी करते हुए तीसहजारी कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निवेदिता अनिल शर्मा ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी 82 वर्षीय बुजुर्ग कृष्णलाल चावला को बरी कर दिया।
अदालत ने कहा कि मुकदमे के तथ्यों से साफ जाहिर है कि नौकरानी ने अतिरिक्त पैसों की उगाही के लिए दुष्कर्म का यह झूठा आरोप बुजुर्ग पर लगाया था। अदालत ने इस फैसले की एक प्रति कानून एवं न्याय मंत्रालय, राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली पुलिस को भेजते हुए कहा कि इस तरह के झूठे मामलों से बचने के लिए विशेष गाइडलाइन बनाई जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि समाज को चाहिए कि वह दुष्कर्म पीड़िता की मदद के लिए आगे आए मगर, समाज को उन आरोपियों की भी मदद करनी चाहिए, जिनके खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराया जाता है।
पेश मामले में पुलिस ने एक 18 वर्षीय घरेलू नौकरानी की शिकायत पर 82 वर्षीय बुजुर्ग के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया था। युवती का कहना था कि बुजुर्ग ने अगस्त 2010 से जुलाई 2011 के बीच कई बार उससे दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी। आरोपी कृष्णलाल का कहना था कि नौकरानी ने उससे पैसों की मांग की और पैसे न देने पर दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसा दिया। जांच के दौरान शिकायतकर्ता से दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हो पाई थी।