अयप्पन के हौसले को हर ओर मिल रही है प्रशंसा
कोच्चि : केरल के कोच्चि में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी गर्भवती पत्नी को बचाने के लिए उसे कंधे पर रखकर 40 किमी. का सफर तय किया, लेकिन वह अपने बच्चे को बचा न सका। अपने क्षेत्र के आसपास अस्पताल की सुविधा न होने पर वह 40 किमी. तक जंगलों में चलकर गया और वहां से जीप के जरिए अस्पताल पहुंचा।
कोन्नी के जंगलों में रहने वाले आदिवासी अयप्पन की पत्नी सात महीने से गर्भवती थीं और पिछले मंगलवार सुबह उनकी तबीयत खराब हो गई। अयप्पन सुबह छह बजे अपनी पत्नी को अस्पताल लेकर गया। भारी बारिश में अयप्पन किसी तरह अपनी पत्नी को कंधे पर उठाकर कोक्काथोड़ तक पहुंचा और वहां से जीप कर पाथनामथिट्टा जिले के अस्पताल में शाम छह बजे पहुंचा।
वहां पर पत्नी की हालत बिगड़ने पर उसे कोट्टायम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इतनी मुश्किलें उठाने के बावजूद अयप्पन की पत्नी की जान तो बच गई लेकिन बच्चे को न बचाया जा सका। डॉक्टर ने बताया कि महिला जब अस्पताल में आई तब उन्हें सूजन और उच्च रक्तचाप की समस्या थी। उन्हें बेहोशी भी आने लगी थी जिससे मां और बच्चे की तबीयत बिगड़ गई थी। महिला का इलाज करने वाली डॉक्टर ने बताया कि बुधवार को मृत बच्चे के जन्म के लिए लेबर पेन इंजेक्श न दिया गया था। अब मां की तबीयत में सुधार है।
अयप्पन अपने परिवार के साथ कोन्नी के जंगलों में रहता है और वे शहद व जंगल के अन्य उत्पाद बेचकर अपना जीवन चलाते हैं। अब इस जोड़े को आर्थिक सहायता देने के लिए कई लोग सामने आ रहे हैं।