महिला स्पेशल में नहीं हुई कमांडो की नियुक्ति

बिटिया खबर

चार महीना हो गये, पर नहीं हुई तैनाती ट्रेनों में कमांडों की

फरीदाबाद : चार महीने पहले रेल बजट में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए महिला स्पेशल ट्रेनों में आरपीएफ कमांडो तैनात करने की गई घोषणा कोरी साबित हुई है। कमांडो तैनात न होने से महिला यात्रियों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा हुआ है। रेलवे के इस उदासीन रवैये के प्रति महिलाओं में रोष बना हुआ है।

पहले से तैनात जवान भी हटाए

26 फरवरी 2013 को संसद में पेश किए गए रेल बजट में घोषणा की गई थी महिला स्पेशल ट्रेन या महिला बोगियों में आरपीएफ की महिला जवान तैनात की जाएगी, इसके लिए विशेषतौर पर महिलाओं की भर्ती भी की जाएगी, लेकिन अभी तक महिला बोगियों में महिला जवान तैनात नहीं की गई हैं। ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। महिला यात्रियों का कहना है कि जवान तैनात करने की बात तो दूर, महिला बोगियों में पहले से गश्त कर रही महिला जवानों को भी हटा लिया गया है। यह रेलवे की दोहरी नीति महिलाओं की सुरक्षा पर भारी पड़ सकती है।

रेल बजट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर की गई घोषणा से व्यवस्था में बेहतरी की उम्मीद बंधी थी, लेकिन जवान तैनात न किए जाने से महिला यात्रियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। महिला बोगियों में जवान तैनात न किए जाने से छेड़छाड़ की घटनाएं घट रही हैं। बावजूद रेलवे की आंख नहीं खुल रही हैं। उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द महिला जवानों की नियुक्ति कर उन्हें तैनात किया जाए।

शांति आर्य, दैनिक यात्री संघ की उपप्रधान

आरपीएफ थाना प्रभारी पीके वर्मा महिला स्पेशल ट्रेन में कमांडो की नियुक्ति पर तो कुछ नहीं कह सके, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा महिला बोगियों में नियमित गश्त होती है और आरपीएफ की वीरांगना टीम भी समय-समय पर गश्त करती है। दो दिन पहले महिला बोगियों में सवार 11 पुरूष यात्रियों को गिरफ्तार किया गया था।

महिलाओं की सुरक्षा के प्रति रेलवे गंभीर है। महिला बोगियों में महिला जवान तैनात करने के लिए जल्द ही उच्च अधिकारियों से बातचीत कर स्थाई समाधान निकाला जाएगा।

एएस नेगी, उत्तर रेलवे के प्रवक्ता

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