: वाराणसी में हुआ अभूतपूर्व हादसा, तमाशा बने खड़े रहे राहगीर : पटिया इलाके में झगड़ते दो सांड़ों की लड़ाई में मारी गयी बीएचयू की निधि यादव : इनसे बचे सो सेवे कासी… लेकिन असल सवाल यह है कि आखिर कैसे सेवे हो पायेंगे श्रद्धालुजन :
मेरी बिटिया संवाददाता
वाराणसी : अविमुक्ति क्षेत्र काशी में एक अभूतपूर्व हादसा में बीएचयू की एक छात्रा की मौत ने पूरे बनारस को दहला दिया है। कुछ दिन पहले ही निधि यादव नामक इस बच्ची को दो झगड़ते सांड़ों के चलते गम्भीर चोट आ गयी थी। लेकिन फैकल्टी ऑफ एजुकेशन, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रा निधि यादव, (बी.एड. द्वितीय वर्ष) का कल निधन हो गया। निधि 20 फरवरी को दोपहर के वक्त एटीएम से पैसा निकालने घर से निकली थी, जिसके बाद वह कभी घर वापस नही लौटी।
इस घटना का स्थान पटिया वाराणसी है, जो कि भेलूपुर थाने के अंतर्गत आता है। निधि की मौत की वजह था एक सांड। जब निधि पैसे निकालने एटीएम की ओर जा रही थी तो रास्ते मे दो सांड लड़ रहे थे। बदनसीबी से निधि वहां से गुजर रही थी। उनमे से एक सांड निधि की तरफ मुड़ गया और उनसे निधि पर ही आक्रमण कर दिया। निधि वही पर बुरी तरह चोटिल हो गयी और जिसके करीब आधे घंटे बाद तक उसे किसी ने अस्पताल नहीं पहुँचाया। लोग बस खड़े होकर तमाशबीन बने हुए थे। बताते हैं कि इस हादसे के बाद वहां खड़े लोग इस हादसे का वीडियो बनाने में व्यस्त रहे, लेकिन निधि को अस्पताल पहुंचाने की कोई भी कोशिश किसी ने नहीं की। अंततः ट्रामा सेंटर बीएचयू में उनका निधन हो गया।
मूलत: आजमगढ़ निवासी और गाजियाबाद में रह रहे शिवबदन यादव ने इस घटना के बारे में लिखा है कि डीएलडब्ल्यू के जानकीनगर कॉलोनी की रहने वाली निधि गत मंगलवार की शाम चार बजे घर से एटीएम जाने के लिए स्कूटी से निकली थी। उसी के मोहल्ले में सड़क पर दो सांड आपस में लड़ रहे थे। जिसके चलते जाम लगा हुआ था। निधि जैसे ही स्कूटी खड़ीकर किनारे हुई एक सांड ने उसपर हमला कर दिया। गम्भीर रूप से घायल निधि को राहगीरो ने एक निजी नर्सिंग होम पहुंचाया जहां से उसे बीएचयू के ट्रामा सेंटर भेज दिया गया था।
ट्रामा सेंटर में निधि के पर्स की तलाशी ली गई तब पता चला की वह बीएचयू शिक्षा संकाय में बीएड फोर्थ सेमेस्टर की छात्रा है। घरवालों को सूचना देने के साथ ही निधि को आईसीयू में भर्तीकर इलाज शुरू किया गया। शिक्षा संकाय के स्टूडेंट एडवाइज प्रो. प्रेमशंकर राम ने बताया कि निधि को सिर, जबड़े व चेस्ट में गम्भीर चोट लगे थे। शनिवार (24 फरवरी को) उसकी मौत हुई। अपने ही मुहल्ले की सड़क पर कुछ देर तक निधि लहुलूहान पड़ी थी। कुछ लोगों ने हिम्मत दिखाकर उसे लाइफलाइन नर्सिंग पहुंचाया। गम्भीर हालत होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था। इस घटना के बाद शिक्षा संकाय में शोक सभा कर छात्रा को श्रद्धाजलि दी गई।
अब सवाल यह है कि निधि के निधन की ज़िम्मेदारी किसकी है?