ओपी-पुलिस: पत्रकार गोद में, माफिया फर्राटे पर, लाठी वादी पर

सैड सांग

: उन्‍नाव की कोतवाली में जो कुछ भी हुआ, वह डीजीपी के दावों नंगे कर देता है : प्रभारी दारोगा के ऑफिस में राष्‍ट्रीय सहारा का रिपोर्टर ऐसे चिल्‍ला रहा, जैसे दफ्तर उसके बाप का हो : सारी कुर्सियों पर काबिज थे पत्रकार, पीट दिया गया निरीह नागरिक :

कुमार सौवीर

लखनऊ : दफ्तर है थाने का प्रभारी दारोगा का। प्रभारी अपनी कुर्सी पर है। सामने की सारी कुर्सियों पर गंगाघाट क्षेत्र के सारे पत्रकार चाय, जलेबी और समोसा चर रहे हैं। कमरे में दो वादी महिलाएं निरीह भाव में खड़ी हैं। एक युवक अपने घर दो बार हो चुकी चोरी और हत्‍या के प्रयास की रिपोर्ट पर बातचीत कर रहा है। प्रभारी घुग्‍घू-बांदर की तरह अपनी कुर्सी पर उधर-उधर तांक-झांक रहा है, लेकिन वहां मौजूद सारे पत्रकार उस युवक को खौखिया रहे हैं, धमकिया रहे हैं। शोर हो रहा है, लेकिन प्रभारी खामोश है। युवक जब कुछ जानकारी प्रभारी से जानना चाहता है, तो प्रभारी सिर्फ इतना ही बोल रहा है कि जांच चल रही है। ज्‍यादा बोलने पर प्रभारी उठ कर उसे अपने साथियों की सहायता से युवक को मारपीट कर बाहर कर देता है।

निम्‍न लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को गौर से देखिये। इसमें राजधानी से सटे उन्‍नाव जिले के गंगाघाट पुलिस कोतवाली का नजारा है। आपको साफ पता चल जाएगा कि यूपी के किसी भी थाने में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ और डीजीपी ओपी सिंह की पुलिस में किस तरह आम आदमी के साथ व्‍यवहार हो रहा है। यूपी के विधानसभा के अध्‍यक्ष हृदयनारायण दीक्षित इसी जिले से विधायक हैं।

उन्‍नाव में गंगा नदी के किनारे बसा है शुक्‍लागंज-गंगाघाट शहर। यहां की पुलिस कोतवाली का दिल दहला देने वाला एक वीडियो देखना चाहें तो कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:-

ओपी-पुलिस

इस वीडियो को गौर से देखियेगा। आपको साफ पता चल जाएगा कि प्रभारी दारोगा के दफ्तर में रखी गयीं सरकारी कुर्सियों पर हक किसका है? यह भी आपको पता चल जाएगा कि इन कुर्सियों पर कौन लोग काबिज हैं? चाय-पकौड़े, समोसे-जलेबी किस की जेब से ढीला हो रहा है और किसके पेट में जा रहा है? यह महिलाएं क्‍यों उस कमरे में खड़ी हैं? वह युवक किस बात की शिकायत कर रहा है? प्रभारी क्‍यों खामोश है? और पत्रकार क्‍यों ऊंची आवाज में चिल्‍ला रहे हैं? उनका धमकियां देने का अंदाज क्‍यों इतना आक्रामक है? क्‍यों इस युवक को कमरे से मारपीट कर भगाया जा रहा है। और सबसे बड़ी बात तो यह है कि भाजपा की सरकार के मुखिया मुख्‍यमंत्री योगी और डीजीपी ओपी सिंह की पुलिस का चरित्र क्‍या है ?

है न हैरतनाक नजारा और उससे जुड़े दर्दनाक सवाल? इस वीडियो में साफ है कि इस युवक के घर दो बार चोरी हुई है, और एक बार तो उसकी भाभी की हत्‍या की भी कोशिश हो चुकी है। लेकिन पुलिस ने मौके पर जाने तक की जहमत नहीं उठायी। युवक का आरोप है कि पत्रकारों ने भी पुलिस से मिलीभगत की और यह खबर छाप दी कि पुलिस मौके पर पहुंची थी। जबकि युवक ऐसी खबरों का खंडन कर रहा है। उस पर वहां मौजूद उन्‍नाव के सम्‍मानित पत्रकारगण कोतवाली में ही चिल्‍ल-पों कर उस युवक को धमका रहे हैं। इतना ही नहीं, प्रभारी दारोगा के ऑफिस में राष्‍ट्रीय सहारा का रिपोर्टर तो ऐसे चिल्‍ला-खौखिया रहा है, जैसे यह कोतवाली नहीं, उसके बाप का दफ्तर हो।

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