नौकरबाज मंत्री का नौकर लापता, भाजपा बेहाल

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

8 को पेश आयेगा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

भोपाल : नौकर के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण के आरोप के बाद लगातार 10 वर्ष से मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री रहे 79 वर्षीय राघवजी का नौकर फिलहाल लापता है। मध्या प्रदेश सरकार में भूचाल लाने वाले इस कांड के चलते अब सरकार सांसत में आ गयी है। खबर है कि 8 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही है, उससे ठीक पहले राघवजी का यह घटनाक्रम सत्ता पक्ष को परेशानी में डालने वाला है। उधर खबर है कि राघवजी का नौकर अचानक लापता हो गया है।

आपको बता दें कि राघवजी के नौकर राजकुमार दांगी ने एक शिकायती पत्र स्थानीय हबीबगंज थाने में दिया था कि राघव जी उसके साथ अपाकृतिक यौन-संबध रखते हैं और मना करने पर उसे प्रताडि़त करते हैं। दांगी ने इस मामले पर राघवजी की एक सीडी भी उपलब्धा कराने की बात कही थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। उधर खबर है कि राघवजी ने इस्तीफा फैक्स से मुख्यमंत्री को भेजा जिसके बाद उसे स्वीकार किया गया। राघवजी के विभाग जैसे वित्त और वाणिज्य कर विभाग का प्रभार जल संसाधन मंत्री जयंत मलैया को सौंप दिया गया है।

तेजी से बदलता घटनाक्रम शुक्रवार की सुबह से उस समय शुरू हुआ जब राघवजी के नौकर राजकुमार ने स्थानीय थाने में लिखित शिकायत भेजी। शिकायत में राजकुमार ने कहा है कि नौकरी दिलाने के नाम पर वे कुकृत्य करते रहे। उसने अपने परिवार को सुरक्षा देने की मांग भी की है। उसने इसके साथ ही अपने साथी घनश्याम कुशवाहा का शपथ पत्र भी लगाया है।

इसमें कुशवाहा ने दांगी के साथ मंत्री के कुकृत्य की रिकॉर्डिंग मोबाइल पर करने की बात कही है। इसके साथ ही उसने स्वयं के साथ भी मंत्री द्वारा अश्लील हरकत करने की बात कही है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने भाजपा के स्थानीय नेताओं और बाद में दिल्ली में नेताओं से चर्चा की। फिर मुख्यमंत्री ने फोन पर राघवजी से इस्तीफा मांगा और राघवजी ने इस्तीफा फैक्स कर दिया।

हालांकि, इस घटनाक्रम के बाद राघवजी ने खुद को निर्दोष बताया है। इस संबंध में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘राघवजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। साथ ही इससे भाजपा की चाल, चरित्र और चेहरा सामने आ गया है।’ राघवजी शिवराज सिंह मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले दूसरे मंत्री हैं।

इससे पहले विजय शाह ने एक विवादित बयान के बाद 16 अप्रैल 2013 को इस्तीफा दिया था। ऐसे समय में जब 8 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव ला रही है, उससे ठीक पहले राघवजी का घटनाक्रम सत्ता पक्ष को परेशानी में डालने वाला है।

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