रचा इतिहास, इस दिशा में बनीं पहली भारतीय खिलाड़ी
ग्वांग्झू : भारत की नई स्टार पीवी सिंधू ने शुक्रवार को ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए महिला सिंगल्स में सातवीं वरीयता प्राप्त चीन की शिजियान वांग को लगातार गेमों में 21-18, 21-17 से हराकर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश करने के साथ ही देश के लिए कांस्य पदक पक्का कर दिया। भारत ने इससे पहले इस टूर्नामेंट के महिला सिंगल्स का पदक नहीं जीता था।
विश्व की 12वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू का सेमीफाइनल में सामना कैरोलीना मारिन और रातचानोक इंतानोन के बीच होने वाले मैच की विजेता से होगा। सिंधू से पहले भारत के लिए प्रकाश पादुकोण ने पुरुष सिंगल्स और ज्वाला गट्टा-अश्विनी पोनाप्पा की जोड़ी ने महिला डबल्स में विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप का कांस्य पदक जीता था। पादुकोण ने कोपेनहेगन में 1983 में और गट्टा-अश्विनी ने लंदन में 2011 में यह कारनामा किया था।
शुक्रवार की सुबह भारत अपनी नंबर एक खिलाड़ी और तीसरी वरीयता प्राप्त साइना नेहवाल व पारुपल्ली कश्यप की क्वार्टरफाइनल में हार के साथ निराशा के सागर में डूबा हुआ था, लेकिन सिंधू ने अपने स्वप्निल प्रदर्शन का सिलसिला जारी रखते हुए एक और चीनी खिलाड़ी को लुढ़काकर सेमीफाइनल में स्थान बनाया। साइना को 13वीं वरीयता प्राप्त दक्षिण कोरिया की यिओन जू बेई ने 23-21, 21-9 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया। साइना को चौथी बार विश्व चैंपियनशिप के कवार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है।
कश्यप ने तीसरी वरीयता प्राप्त चीन के पेंगयू दू के खिलाफ तीन गेम तक सराहनीय संघर्ष किया, लेकिन वह एक और उलटफेर को अंजाम नहीं दे पाए। भारतीय खिलाड़ी को एक घंटे 15 मिनट तक चले संघर्ष में 21-16, 20-22, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा।