प्रशासन की शह, सुधीर की जिद: हॉटस्पॉट बना जी-न्यूज

बिटिया खबर

: रातोंरात 28 से 66 तक पहुंच गया जी-न्यूज में कोरोना का ग्राफ : सवाल कि जी-न्यूज का दफ्तर को सील क्यों नहीं किया गया : डीएनए वाले सुधीर चौधरी का हुक्म था कि नौकरी छोड़ो या काम करो :

श्याम मीरा सिंह

नई दिल्ली : जी न्यूज के कोरोना संक्रमित कर्मचारियों की संख्या 29 से बढ़कर 66 पहुंच चुकी है। देश में कई ऐसे जिले और प्रदेश हैं जिनमें कोरोना मरीजों की संख्या जी न्यूज की संख्या से कम है। कुलमिलाकर जी न्यूज कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया है। इन 66 लोगों से अन्य कितने लोग संक्रमित हुए होंगे अंदाजा मुश्किल है। लेकिन इसमें इन 66 लोगों की कोई अधिक गलती नहीं है, कोई जानबूझकर तो महामारी को न्यौता नहीं देगा, लेकिन एक कम्पनी में 66 कर्मचारियों का संक्रमित हो जाना कोई सामान्य घटना नहीं है। 66 की संख्या जी न्यूज के प्रबंधन में एक बड़ी लापरवाही की तरफ इशारा कर रही है। सुधीर चौधरी जी न्यूज में एंकर होने के अलावा सबसे बड़ी जिम्मेदारी पर भी हैं। मैनेजमेंट में भी उनका बराबर का हिस्सा है। न्यूजलाउंड्री की रिपोर्ट के अनुसार सुधीर चौधरी को जब कुछ कर्मचारियों में संक्रमण के लक्षणों के बारे में पता चला तो उन्होंने कहा कि चाहे जो हो, शो चलते रहना चाहिए, शो बन्द नहीं होना चाहिए। साफ है शुरुआती लक्षणों को ही नजरअंदाज किया गया। धीरे धीरे बाकी लोग भी संक्रमण की गिरफ्त में आते गए। इसका परिणाम आज ये है कि कोरोना मरीजों की संख्या 29 से बढ़कर 66 पहुंच चुकी है, आगे कितनी पहुंचेगी मालूम नहीं।

सुधीर चौधरी और जी न्यूज के मैनेजमेंट ने न केवल अपने कर्मचारियों की हेल्थ के साथ कम्प्रोमाइज किया है बल्कि देश के अन्य नागरिकों की हेल्थ के साथ भी कम्प्रोमाइज किया है। ऐसे असंवेदनशील मैनेजमेंट पर तुंरत कार्यवाई करते हुए कम्पनी सील कर देनी चाहिए। DNA जैसा जहरीला शो कोई इशेंशियल सर्विसेज में नहीं आता है जिसके कारण सैंकड़ों कर्मचारियों की जान को दाव पर लगा दिया जाए। कर्मचारियों की जान क्या इतनी सस्ती लगी कि पता चलने के बावजूद कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए बाध्य किया गया।

कायदे से जैसे ही दो-एक कर्मचारियों का पता चला था तभी उनके सम्पर्क में आने वाले सभी कर्मचारियों को क्वारंटाइन किया जाना चाहिए था। लेकिन वे कर्मचारी ही तो सर जी का शो लिखते थे, उन्हें ही क्वारंटाइन कर दिया जाता तो सर जी का जहर फैलाने वाला शो कैसे आता? सरकार को डिफेंड कैसे किया जाता? मुसलमानों को कोरोना के लिए जिम्मेदार कैसे ठहराया जाता।

जो आदमी एक वर्ग विशेष के लिए जहर फैला सकता है उसके अंदर अपने कर्मचारियों के लिए संवेदनाएं होंगी इसकी कहीं कोई गुंजाइश नहीं है। यदि सरकार नागरिकों, कर्मचारियों के स्वास्थ्य से सच में चिंतित है ऐसे चैनल के मैनेजमेंट, एचआर और मालिक पर तुरंत कार्यवाई की जानी चाहिए।

1 thought on “प्रशासन की शह, सुधीर की जिद: हॉटस्पॉट बना जी-न्यूज

  1. Zee का DNA लोकप्रिय है, इसको सुनना देखना आज की पत्रकारिता में निष्पक्ष लगता है, को स्वतंत्र आवाज देता है, अगर आपके पास इतने सबूत है कि सुधीर जी की गलती है तो गवाह बनिए किसने रोका है, मगर आपके तथ्य एकदम मिथ्या है DNA की तुलना आप नही कर सकते, DNA सबूत के साथ होता है, और आप की बात एक दिमागी उपज है, यह अंतर है पत्रकारिता का,

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