भक्‍क बे बुड़बक। यूपी रोडवेज का मतलब संविदा-कर्मियों की मौत

बिटिया खबर

: पीलीभीत बस का चालक बना बेवजह मौत का शिकार : रोडवेज को या फिर अग्निपथ, अरे मर जा बे : यूपी ही नहीं, पूरे देश में बेमौत मर रहे हैं संविदा कर्मचारी : हरामखोरी की तो मस्तमौला, काम किया तो कुत्ते की सी मौत : करतूत रोडवेज की, खमियाजा भुगत रहे संविदा-कर्मी :

कुमार सौवीर

लखनऊ : यह फोटो यह पीलीभीत डिपो के चालक श्री रंजीत सिंह की है। वे यूपी रोडवेज के पीलीभीत डिपो की बस संख्या 5095 पर ड्यूटी पर थे। रुट था बरेली-पीलीभीत। रोड पर रिठौरा के पास में इनका वाहन खराब हो गया। उसकी सॉफ्ट निकल कर गिर गई थे। गाड़ी खराब हुई तो चालक रंजीत सिंह इस बस के नीचे घुस कर गाड़ी दुरुस्‍त करने की कोशिश कर रहे थे। बस सड़क के किनारे खड़ी थी, लेकिन अचानक एक ट्रक वाले ने इनके वाहन में टक्कर मार दी। नतीजा यह हुआ कि उनकी बस का पिछला जुटृ़ा इनके ऊपर चढ़ गया। मौके पर ही रंजीत सिंह जी की मौत हो गयी। लेकिन अब रोडवेज उनको ठेंगा दिखा रहा है। बोल रहे है कि तुम संविदा चालक को, इसलिए तुम्‍हारा कोई दावा ही नहीं है। तुम जाओ भाड़ में।
दोलत्‍ती डॉट कॉम को यूपी रोडवेज के एक कर्मचारी ने एक अर्जी भेजी है। आंसुओं से भरी हुई यह अरज। लिखा है कि सेवा में, प्रबंध निदेशक महोदय, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम मुख्यालय,टेहरी कोठी लखनऊ। विषय ,कार्यशालाओ में वाहनों की मरम्मत का कार्य ठीक नही होने और स्पेयर पार्ट्स की कमी के कारण वाहनों की स्तिथि खराब हो रही है,वाहन मार्ग पर ब्रेक डाउन हो रही है दुर्घटाए बडने के साथ साथ निगम की छवि खराब हो रही है के संबंध में।
महोदय आप से स्पेयर पार्ट्स की कमी और कार्यशालाओं में वाहनों का कार्य और उसकी निगरानी ठीक से नहीं होने के कारण वाहनों का ब्रेकडाउन ज्यादा हो रहा है,कार्यशाला प्रभारी सीनियर फोरमैन दबाव बना कर वाहनों को पूरी तरह ठीक नही होने पर भी फिटनेस देकर मार्ग पर संचालित कर देते है जो की ना तो निगम हित में,कर्मचारी हित में ना ही यात्री हित में है अपितु इससे निगम की छवि खराब होती है।

महोदय एक वाहन जब दुर्घटना ग्रस्त होती है और भगवान ना करे की उसमे यात्री घायल और मर जाते हैं तो निगम को लाखो रूपये का भुगतान करना पड़ता है ,निगम के चालक परिचालक की बात मैने इसलिए नही की कि ज्यादा तर चालक परिचालक संविदा के है वह मर भी जाए तो निगम पर ज्यादा नुकसान और प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि इनके मरने या विकलांग हो जाने पर कोई देना लेना निगम को नही पड़ता क्योंकि जो देगा वह बीमा देगा निगम की तरफ से कोई ग्रेजुएटी,कम्पनशेषण दिया नही जाता ,प्रदेश में बहुत बेरोजगार है ,निगम में भर्ती के लिए तैयार हैं। किंतु महोदय निगम के चालक परिचालक जो भले ही संविदा के है लेकिन इंसान है उनका भी परिवार है उनके अपनो को भी दर्द होता है,तत्कालीन प्रबंध निदेशको एवम् आप महोदय से भी निगम की कार्यशालाओं में स्पेयर पार्ट्स और वाहनों के मेंटीनेंस को सही कराया जाय का निवेदन किया ,पीलीभीत डिपो की वाहनों के संबंध में आपको लिखा और फोरमैन पीलीभीत की लापरवाही का वीडियो भी आपको भेजा ,बरेली आर एम और सीजीएम प्रावधिक को भी भेजा लेकिन उसके विरुद्ध कुछ नही हुआ उसका परिणाम यह हुआ की पीलीभीत डिपो की वाहन की पपलर शाफत गिर गई और उसे ठीक करने जब रंजीत सिंह चालक बस के नीचे कुछ कर रहा था तभी उसकी बस में ट्रक ने टक्कर मार दी और चालक खत्म हो गया पीलीभीत की बस न 5095 है।
महोदय यह की जब कार्यशालाओं में कोई दबाव या डर नहीं होगा तो लापरवाही होती जी रहेगी और दुर्घटनाएं कभी कम नहीं होगी। मेरे संज्ञान में आया है की अभी तक इस दुर्घटना की एफआईआर नही कराई गई है1 आपसे निवेदन है की कार्यशालाओं में स्पेयर पार्ट्स की उपलब्धता पूर्ण की जाय और मेंटीनेंस ,मरम्मत का कार्य ठीक से हो के निर्देश देना चाहेंगे। निगम के सभी वर्ग के लगभग 50 हजार कर्मचारियों को बहुत समय बाद यह महसूस हो रहा है की आपके आने से निगम और कर्मचारियों की स्तिथि में सुधार होगा।

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