: नैतिकता-संहिता बांचने लगे शिवशरण सिंह, बोले कि अफवाहों से बचना जरूरी : मैं विशेष वर्ग की मान्यताओं को कटवाने की कोशिश नहीं करा रहा :
दोलत्ती संवाददाता
लखनऊ : जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति का चुनाव की तारीख आने लगी है, समिति में सुगबुगाहट तेज होने लगी है। आरोप और प्रत्यारोप के हमले तेज होने लगे हैं। हालत यहां तक आ चुकी है कि वोटों के ध्रुवीकरण का अभियान तक छिड़ गया है। खुलेआम कहा जाने लगा है कि पत्रकारों की राजनीति अब अभूतपूर्व ढंग से निहायत गंदी हो चुकी है।
शुरूआत की है समिति के सचिव शिवशरण सिंह ने कहा है कि वे पहले दिन से ही निरंतर ईमानदारी के साथ सभी पत्रकारों के सहयोग के लिए कार्य करता रहे हैं । फिर भी उनके खिलाफ विरुद्ध विभिन्न प्रकार की अफवाहों को फैला कर बदनाम करने की साजिश की गई। जो आज पत्रकारिता जगत में पत्रकारिता के गिरते स्तर के लिए बहुत ही शर्मनाक है । वैसे भी पत्रकारों की एकता को लेकर तरह तरह की बातें होती रहती हैं। हमारा प्रयास पहले दिन से चल रहा है कि सीनियर पत्रकार का सम्मान हमारे जूनियर साथी करें और सीनियर से मेरा अनुरोध है कि वह अपने जूनियर को अपना आशीर्वाद देकर उनको पत्रकारिता के स्तर को बचाने अपना स्वच्छ भविष्य बनाने में सहयोग करें।
शिवशरण बोले कि पत्रकारों की राजनीति इतनी गंदी नहीं होनी चाहिए जितनी आज है । यह हवा भी फैलाई गई कि हम विशेष वर्ग की मान्यताओं को कटवाने का प्रयास कर रहे हैं । अफवाह वह धार्मिक हो या जातिगत हो यह सभी निराधार हैं । वाट्सऐप पर जारी अपने एक पत्र में शिवशरण ने किसी अनाड़ी लेखक की शैली में तथ्यों को बेहद बेतरतीब ढंग से पेश करने की बचकानी कोशिश की है। लेकिन आखिरी में यह भी जोड़ लिया कि:- मुझसे जो भी गलती हुई हो उसे उसकी मैं क्षमा चाहूंगा लेकिन झूठे आरोप से हमें निजात दिलाने में आप सब का सहयोग और आशीर्वाद भी हमें चाहिए ।