नीरो सिर्फ बांसुरी बजाता था, रामबृक्ष गालियां भी देते हैं

मेरा कोना

: रोम वाले नीरो बांसुरी-मास्‍टर ये कई कदम आगे कूदते हैं देवरिया के ट्रैफिक-मास्‍टर रामबृक्ष यादव : ट्रैफिक सम्‍भालना उनके वश की बात नहीं, और बांसुरी बजाने की तमीज नहीं : अपनी नौकरी के अलावा सारा काम कर लेते हैं देवरिया के टीएसआई रामवृक्ष यादव :

कुमार सौवीर

देवरिया : इनका परिचय मत पूछिये। इनका परिचय लेते-लेते आपको कई जन्‍म लेना पड़ेगा। सतयुग या द्वापर-युग की बात के बारे में तो हमें कोई भी जानकारी नहीं है, लेकिन कलियुग में रामबृक्ष यादव का कोई भी सानी नहीं है। इनका परिचय जानना चाहते हों आप, तो आपको सीधे माधुरी दीक्षित की जीवनी वाली पोथियों को बांचना-समझना और आत्‍मसात करना पड़ेगा। माधुरी दीक्षित ने तो केवल चने के खेत पर अपनी कमर नचायी थी, लेकिन रामबृक्ष यादव तो कहीं भी अपनी कमर नचा सकते हैं। चाहे वह कमरा हो, बाथरूम हो, सभा या पुलिसलाइंस हो, या फिर कोई चौराहा-गली-चौबारा। कुख्‍यात होते जा रहे हैं रामबृक्ष यादव।

जी हां, बांसुरी बजाते कभी भी कहीं भी और किसी भी इलाके में आपको अगर बांसुरी की राग-रागिनियों का बेसुरी तान-लहरियां सुनायी पड़ जाएं, तो तत्‍काल समझ लीजिएगा कि आपके रामबृक्ष यादव ने आपके आसपास के इलाके में ही जन्‍म ले लिया है। ऐसे में लाजमी है कि आप खुद को सतर्क कर दें, और आस-पास की किसी गली-कूचे में पतली अंदाज में सरक जाएं। वरना आप पर आफत आ सकती है। आप पर भी, और आपकी गाडि़यों पर भी।

रामबृक्ष यादव की कृपा शहर की यातायात व्यवस्था पर है, और कहने की जरूरत नहीं कि वह आजकल तो राम भरोसे ही है। बाइकसवारों के हेडफोन छीन लेते है यह रामबृक्ष यादव, और अपने म्यूजियम में रखते है। महिलाओं की गाड़ी तक चेक करते है। एक स्‍थानीय पत्रकार का कहना है कि इनकी इमेज किसी दबंग जोकरों वाली है। यातायात पुलिस की शह पर प्राइवेट बसें सड़क पर बस लगा कर सवारियां भरती है, जो जाम लगने का मुख्य कारण है।

लेकिन बांसुरी, लीजिए आप उनकी बांसुरी भी सुन लीजिए। सुनने के लिए क्लिक कीजिए:-

देवरिया का बावला बांसुरी-बावला

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