दोलत्ती रिपोर्टर
नई दिल्ली : दुनिया में अनेकों ऐसे लोग हैं, जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं, लेकिन जिम्मेदारियों के बोझ और नौकरी के तनाव में फंसकर वह अपनी प्रतिभा से न्याय नहीं कर पाते हैं। तमाम प्रतिभाशाली लोग नून-तेल-लकड़ी के चक्रव्यूह में ऐसे फंस जाते हैं कि जीवन भर उसी में उलझकर रह जाते हैं। इन लाखों बहुमुखी प्रतिभाशाली लोगों में कुछ ही बिरले होते हैं, जो जिम्मेदारियों के साथ अपने शौक, हॉबी और प्रतिभा के साथ न्याय कर पाते हैं।
इन्हीं चुनिंदा बिरले लोगों में शामिल हैं श्वेता जया, जो टीवी पत्रकार-न्यूज एंकर जैसी जिम्मेदारी और तनाव वाली नौकरी के बीच समय निकालकर अपने शौक और प्रतिभा से भी पर्याप्त न्याय कर रही हैं। श्वेता जया की पहचान एक शानदार न्यूज एंकर के साथ शब्दों संग भीतर तक उतर जाने वाली पत्रकार के रूप में भी है, लेकिन जब छठ पूजा के तीन दिन पहले सोशल नेटवर्किंग साइट एक सांग प्रमोशन की एक पोस्टर में श्वेता की तस्वीर दिखी तो चौंकना लाजिमी था।
पहले से समझ नहीं आया कि यह श्वेता किसी और का प्रमोशन कर रही हैं या अपना, लेकिन इसके साथ के लेख को पढ़ा तब पता चला कि यह छठ गीत किसी गायक या गायिका ने नहीं बल्कि खुद श्वेता जया ने गाए हैं। जब इसकी तहकीकात शुरू हुई तो यह भी सामने आया कि छठ पर्व की महिमा बताते भोजपुरी और हिंदी गीत के बोल और किसी ने नहीं बल्कि खुद श्वेता ने लिखे हैं और गाने के धुन को भी खुद ही कंपोज भी किया है।
पिछले लगभग डेढ़ दशक से इलेक्ट्रानिक मीडिया में सक्रिय श्वेता जया कहानी, कविता, गीत, आर्टिकल लेखन के साथ फोटोग्राफी का भी शौक रखती हैं। इस शौक का प्रदर्शन भी वह अपने आसपास के नजारों को अपने कैमरे में कैद करके दिखाती रहती हैं। श्वेता जया की पहली कोशिश शानदार है। गीत के बोल से लेकर धुन, स्वर सुनकर कहीं से भी नहीं लगता है कि वह पहली बार अपनी इस विधा का प्रदर्शन कर रही हैं। एंकरिंग की तरह श्वेता गीत और गायन के साथ भी पूरी तरह न्याय करती नजर आती हैं।
श्वेता के हिंदी में गाए गए छठ गीत को मात्र दो दिन के भीतर ही 25 हजार से ज्यादा व्यू मिल गए। भोजपुर गीत को भी दस हजार के लगभग व्यू मिले हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि श्वेता ने इस गीत का ना तो बहुत प्रमोशन किया और ना ही कोई ब्रांडिंग की, लेकिन यह गीत एक दूसरे के मोबाइल से होता हुआ पचीस हजार से ज्यादा लोगों तक पहुंच गया, जो इस गीत और गायिका की सफलता की पहचान है। गीत की एडिटिंग भी कमाल की है।
श्वेता के गीत को जाने-माने अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा ने इंट्रोड्यूस किया है। श्वेता के इस प्रतिभा के संदर्भ में जाने-माने अभिनेता विजय पांडेय कहते हैं, ”श्वेता जया केवल पत्रकार या लेखिका ही नहीं हैं, वे एक संवेदनशील इंसान भी हैं। हम जब अपने जन्मदिन और तमाम खुशियां अपनों के साथ मनाते हैं या मनाना पसंद करते हैं, अपनी उन खुशियों के दिन श्वेता किसी अनाथालय के बच्चों या फिर किसी भूखे का पेट भर रही होती हैं।”
जब हमने इस संदर्भ में श्वेता से सवाल किया कि आखिर उनके दिमाग छठ गीत का आइडिया कैसे आया, तो श्वेता ने बताया कि अपने देश की विविध परंपराओं और संस्कृति को सबके सामने लाना उनका मकसद था। अक्सर हिंदीभाषी लोग हमारी रीजनल भाषा में गाये जानेवाले गीतों को नहीं समझ पाते और हमारे त्योहारों और परंपराओं के बारे में भी नहीं जान पाते। इसको ध्यान में रखकर ही मैंने एक ऐसा छठ गीत लिखा, जो भोजपुरी के अलावा शुद्ध हिंदी में है, जिसमें छठ पूजा की विधि और महात्म्य सबकी जानकारी समेटी गई है।
श्वेता ने ये भी बताया कि आगे भी वो ये कोशिश जारी रखेंगी, जिससे आज की युवा पीढ़ी का इंटरेस्ट हमारी समृद्ध परंपराओं और संस्कृति को समझने में बढ़ सके। श्वेता बताती हैं कि मीडिया में आने से पहले उन्होंने संगीत भी सीखा है। वो मैहर घराने से थीं और ”बेस्ट सिंगर ऑफ़ इलाहाबाद” का अवार्ड भी ले चुकी हैं, लेकिन पत्रकारिता के पेशे में रहते हुए व्यस्त दिनचर्या में समय निकालना मुश्किल हो रहा था।