नक्‍सल प्रभावित बस्‍तर में नेपाली सहयोग से दिव्‍य खेती

बिटिया खबर

: ‘मां दंतेश्वरी हर्बल समूह’ के उलाबखे’ माडल की धमक : आदिवासी वैद्य, किसानों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म : भारत- नेपाल संयुक्त प्रगतिशील किसान संघ का गठन :
दोलत्‍ती संवाददाता
बस्‍तर : आज 28 दिसंबर को नेपाल से प्रगतिशील किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने जाते हुए साल की आखिरी हफ्ता कोंडागांव बस्तर के मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के तथा रिसर्च सेंटर का निरीक्षण भ्रमण में गुजारा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व नेपाल काठमांडू के वृक्षमित्र इंद्रजीत शर्मा ने किया। प्रतिनिधिमंडल के दुभाषिए का कार्य प्रतिनिधि मंडल के विशेषज्ञ सदस्य थारू जनजाति के परंपरागत चिकित्सक वैद्य अमाओस चौधरी ने किया। अमाओस चौधरी ने बताया कि थारू जनजाति आज भी अपने परंपरागत चिकित्सा पद्धति तथा वन औषधियों के उपयोग से जटिल से जटिल रोगों का इलाज कर लेते हैं, उनके क्षेत्र में पाई जाने वाली एक दुर्लभक्ष जड़ी से किडनी के सभी कठिन से कठिन रोग हो जाते हैं दूर, यहां तक कि यह जड़ी बूटी “डायलिसिस ” से भी छुटकारा दिलाती है
उल्लेखनीय है कि नेपाल सरकार पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से वृक्षारोपण का का कार्य के बढ़ावा देना चाहती है, इससे वहां के ग्रामीणों को बेहतर रोजगार भी मिलेगा। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु , इस दल ने मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के द्वारा विकसित किए गए ” उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती” के माडल को चयनित किया है। इस दल ने बताया कि कोंडागांव में की जा रही जैविक पद्धति से काली मिर्च की विशेष प्रजाति की खेती को देखने के लिए वह लगभग ढाई हजार किलोमीटर से आए हैं। उन्होंने बताया कि वह देश विदेश के कई उन्नत कृषि फार्म का निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन यहां पर ऑस्ट्रेलिया टीम के साथ काली मिर्च की खेती विशेषकर काली मिर्च के उत्पादन को देखकर दंग है। उन्होंने ने कहा कि, बिना किसी खर्च के एक एकड़ जमीन से प्रतिवर्ष 20 से 25 लाख तक की आमदनी का यह जरिया भारत ही नहीं नेपाल की अर्थव्यवस्था को भी सहायता पहुंचा सकता है तथा वहां के किसानों को भी आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बना सकता है।
इस दल ने कोंडागांव की “उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती” (उलाबखे ) के माडल को अपने देश में भी सर्वप्रथम पायलट प्रोजेक्ट ग्रुप में 101 हेक्टेयर से शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इन पौधों की खेती की तकनीकी का हस्तांतरण, तकनीकी प्रशिक्षण तथा इसके उत्पादों के विपणन हेतु नेपाल की किसानों के साथ “मां दंतेश्वरी हर्बल समूह” के साथ एक द्विपक्षीय एक करार करेगा, इस हेतु मां दंतेश्वरी हर्बल समूह का एक दल शीघ्र ही नेपाल जाएगा।
भारत तथा नेपाल के किसान मिलकर जैविक पद्धति से हर्बल खेती एवं मार्केटिंग के लिए दोनों देशों के बीच एक साझा मंच,”भारत- नेपाल संयुक्त प्रगतिशील किसान संघ” का गठन करने की जरूरत महसूस करते हैं। शीघ्र ही इस साझा मंच के गठन की विधिक औपचारिकताएं पूर्ण की जाएंगी।

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