: मुरादाबाद में मेडिकल छात्राओं की आत्महत्याओं का डरावना माहौल : कॉलेजियट युवक-युवतियों का जमावड़ा बन चुका था यह होटल : लेकिन हादसों की रफ्तार थमने नहीं दिख रही : ऊंचे हाथ हैं इस धंधे से जुड़े लोगों के, प्रशासन लाचार :
मुरादाबाद : एक होटल पर पुलिस ने छापा मारा। छापा के दौरान बेशुमार भगदड़ मची। कोई इधर भागा, तो कोई उधर। पाया कि यह देह-व्यापार का अड्डा बन चुका है। पुलिस ने इस छापामारी में कई युवतियों और युवकों को दबोचा और फिर उन्हें लेकर पुलिस स्टेशन ले गये। लेकिन इसी बीच पकड़े गये युवक-युवतियों को छुड़ाने, उनकी पैरवी करने और उन्हें निर्दोष साबित करने वालो की कतार लग गयी।
इस घटना पर अखबारों और चैनलों ने पहले दिन तो खबरें छापीं लेकिन उसके बाद से ऐसे अखबार खामोश हो गये, जैसे गधे की सींग। बताते हैं कि इसके लिए पत्रकारों पर दबाव पड़ा। इतना ही नहीं, पत्रकारों को तोहफे के साथ ही साथ विज्ञापन भी थमाये गये। फिर क्या, मामला अब तक ठण्डा ही पड़ा है।
आपको बता दें कि तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी को लेकर एक अजब सा अराजक और आपराधिक माहौल बनता जा रहा है। एक के बाद एक लगातार हो रहीं युवतियों की आत्महत्याओं ने इस पूरे मुरादाबाद ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों में भी डर और आशंकाओं का माहौल बन चुका है। दो दिन पहले यहां एक युवक की मौत की से मामला और संगीन होता जा रहा है। यह छात्र यहां के मेडिकल कालेज में अंतिम सत्र का छात्र था। लेकिन अब तक इस आत्महत्या का कोई भी सिरे नहीं खोजा जा सका है। यहां मारे गये यह सारे छात्र-छात्राएं मेडिकल कालेज से ही छात्र थे।
बहरहाल, अखबारों की चुप्पी ने यहां हुई सारी आत्महत्याओं के कारणों को ही दबा दिया। इतना ही नहीं, होटल हिमालय में हुई छापामारी के बाद मिले तथ्यों पर भी अब तक पर्दा ही पड़ा हुआ है। प्रशासन भी इस बारे में खामोश है।
उधर पता चला है कि इन आत्महत्याओं और देह-व्यापारिक गतिविधियों का संचालन बहुत पहुंच वाले लोगों के हाथ में है। मुरादाबाद में तो अब ऐसे पहुंच वाले लोगों के नामों की खुलेआम चर्चाएं चलनी शुरू हो गयी हैं।
हालांकि इस मेडिकल कालेज की प्रतिष्ठा को लेकर अब तक कोई भी आंच नहीं आयी है। बताते हैं कि इस कालेज और उसके अस्पताल से लोगबाग पूरी तरह संतुष्ट हैं, लेकिन गर्ल्स हास्टल अब अराजक तत्वों की खुली आमद-रफ्त का अड्डा बनता जा रहा है।