हाई कोर्ट के 7 जजों की प्रशासनिक समिति ने पाया यह नतीजा : बच्चे को बचाने के लिए जया ने किया था पुलिस वालों पर प्रतिवाद : कॉलेज के बच्चों के झगड़े में कूदी पुलिस ने किया था तांडव : किसी कुख्यात अपराधी की तरह उस बच्चे को थाने में बर्बरतापूर्वक पीटा था :
कुमार सौवीर
रेणुकूट ( सोनभद्र ) : यूपी न्यायिक अधिकारी सेवा की वरिष्ठ अधिकारी और अपर जिला एवं सेशन जज जया पाठक को एक मारपीट के मामले में दोषी ठहराया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में सात जजों की एक प्रशासनिक समिति ने इस मामले में जया पाठक को उनके उस अपराध का जिम्मेदार ठहरा दिया है, जिसमें जया ने अपने बच्चे को बचाने की कोशिश के तहत बच्चे को बर्बरता से पीट रहे पुलिसवालों पर हाथ उठा दिया था। खबर है कि अब इसके बाद यह समिति जया पाठक से जवाब तलब करेगी कि क्यों ना उनके उस अपराध के लिए कौन सी सजा तजवीज कीजिए।
ज्ञातव्य है कि कुछ ही महीना पहले जया पाठक ने देहरादून की कोतवाली में एक पुलिस वाले को तब पीट दिया था जब वहां मौजूद पुलिस वाले जया पाठक के बच्चे को बर्बरता पूर्वक पीट रहे थे। उस समय उन्नाव में अपर जिला जज के तौर पर तैनात जया पाठक अपने बच्चे से मिलने देहरादून गई थीं, जो वहां की पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग पढ़ रहा था।
हमले के समय पुलिस वालों ने उस बच्चे के साथ न केवल अमानवीय व्यवहार किया बल्कि उस बच्चे की मां यानी जया पाठक के सामने उसे भद्दी और नंगी गालियां भी दीं। कोतवाली मुख्य गेट से थाने तक ले जाते समय पुलिस वालों ने उस बच्चे को कुछ इस तरीके से घसीटा और पीटा था, मानो वह बच्चा किसी कॉलेज का छात्र नहीं, बल्कि कोई कुख्यात अपराधी रहा हो।
इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जया पाठक को निलंबित कर दिया था। और उन के मामले में जांच के लिए सात जजों की एक प्रशासनिक समिति का गठन भी कर दिया था। अब खबर है कि इस समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। विश्वस्त सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार समिति की रिपोर्ट में जया पाठक को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया गया है। इसके बाद संभवतः यह समिति जया पाठक से जवाब तलब करेगी। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति की होने के चलते एक बड़े विवाद का कारण भी बन सकती है।