घुटा शातिर और घाघ है 4 पीएम वाला संजय शर्मा, झूठा हंगामा खड़ा कर गया

मेरा कोना

: कैमिस्‍ट्री-कैफे में खुद ही मारपीट की थी संजय के गुर्गों ने, पुलिस प्रेस-नोट से खुलासा : संजय शर्मा के अनुसार प्रेस में घुस कर बदमाशों ने हमला किया, मगर प्रेस के सीसीटीवी में यह कथित हादसा नदारत : झूठी रिपोर्ट दर्ज कराके मुख्‍यसचिव तक पर हंगामा किया संजय ने :

कुमार सौवीर

लखनऊ : पत्रकारिता के नाम पर पत्रकारिता के साथ ही नहीं, बल्कि कानून और जन-साधारण तक के साथ व्‍यभिचार करने का शौक कई पत्रकारों में है, और खूब है। लखनऊ में भी ऐसे पत्रकारों की तादात भी दर्जनों से कम नहीं होगी। लेकिन इस गंदे धंधे में जो ग्रेविटी और घिनौना 4 पीएम वाले संजय शर्मा में है, वे बेहिसाल है। खुद को पत्रकार कहलाते हुए चंद बरसों में अफसरों के जरिये बेहिसाब दौलत जुटाने वाले वाले इस शख्‍स को खुद लखनऊ की पुलिस ने ही बेपर्दा कर दिया है। गोमती नगर में हुई एक तथाकथित घटना के बारे में पुलिस ने अपनी विवेचना में साफ दर्ज कर लिया है कि इस मामले ने 4 पीएम नामक तथाकथित अखबार के लोगों ने ही यह मारपीट पड़ोस में संचालित कैमिस्‍ट्री-कैफे में खुद की। लेकिन बेहद शातिराना अंदाज में संजय शर्मा ने इस पूरे मामले को न केवल बेतरह तोड़ा-मरोड़ा, बल्कि उसके सहारे सूचना विभाग और गृह विभाग के प्रमुख सचिवों के अलावा मुख्‍य सचिव तक को धोखा दे डाला।

बात आगे सरकाने के पहले हम आपको बता दें कि दरअसल यह मामला क्‍या है। संक्षेप में इस घटना को आप इस तरह समझ लीजिए कि संजय के एक मित्र का एक हुक्का बार चलता है। मित्र एक छोटा-मोटा बिल्‍डर है। संजय के छापाखाना से एक मकान बाद है यह हुक्‍का-बार। नाम है केमिस्‍ट्री कैफे। संजय अक्‍सर यहां आते हैं। फ्री में ही। देखादेखी प्रेस के कई लोग भी वहां आने लगे। वे भी फ्री वाले, संजय की स्‍टाइल में। एक दिन टोका-टाकी हो गयी, तो संजयशर्मा और प्रेस वालों की जुबान का जायका बिगड़ गया। कल उसी कैफे के एक कर्मचारी के एक्टिवा स्‍कूटर पर 4 पीएम के तथाकथित रिपोर्टर बैठे थे, कर्मचारी ने ऐतराज किया तो उस कर्मचारी को पीट दिया गया। चो‍टहिल कर्मचारी ने फोन कर अपने दोस्‍तों को बुलाया, तो मारपीट हो गयी। प्रेसवाले प्रेस के भीतर भागे, तो अंदर घुस कर पिटाई हो गयी। लेकिन ज्‍यादा नहीं।

इस वीडियो में साफ दर्ज हो चुका है कि 4पीएम नामक अखबार को लेकर जो हंगामा चल रहा है, उसे उस अखबार के कर्मचारियों ने ही उसकी शुरूआत की थी। इन्‍हीं कर्मचारियों ने पड़ोस के कैमिस्‍ट्री-कैफे के बाहर कैफे के पार्टनर को हल्‍के से विवाद पर पीट दिया था। लेकिन बाद में सड़कछाप मवालियों की हरकत करने वाले लोगों के पक्ष में पत्रकार, अभिव्‍यक्ति और अखबार की स्‍वतंत्रता का ढिंढोरा मचाया जाने लगा। इतने पर भी जब इन लोगों का मन नहीं भरा, तो इन लोगों ने कल मुख्‍य सचिव से भेंट कर “पत्रकारों और अभिव्‍यक्ति की आजादी” हड़पने वाले अपराधियों को तत्‍काल गिरफ्तार करने की मांग कर ली।

4पीएम अखबार में हुए तथाकथित अभिव्‍यक्ति पर हमले का असली नजरा देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कर इस वीडियो को निहारिये:-

असलियत तो देखिये जरा

इस वीडियो में साफ दर्ज है कि कैमिस्‍ट्री कैफे के बाहर कुछ लोग एक एक्टिवा पर निहायत अभद्र शैली में बैठे हैं। सूत्रों के अनुसार यह एक्टिवा इस कैफै के पार्टनर की है, और इस वीडियो में एक मिनट 55 सेकेंड में से ही उस पार्टनर को थप्‍पड़ दे थप्‍पड़ की बारिश शुरू हो जाती है। बताया गया है कि यह हमला संजय शर्मा के प्रेस के ही कर्मचारी हैं, जिनका मकसद किसी भी तरह इस कैफे को अराजकता का अड्डा में तब्‍दील करना है।

इसके बावजूद संजय शर्मा ऐंड कम्‍पनी ने झूठ बोला, और मुख्‍य सचिव व गृह प्रमुख सचिव व सूचना प्रमुख सचिव के पास एक प्रतिनिधिमंडल लेकर विस्‍तृत झूठ की गंदी चादर बिछा डाली। हैरत की बात है कि सच जानने के बावजूद प्रतिनिधि मंडल में शामिल पत्रकारों ने संजय शर्मा के झूठ की पैरवी की, और ऐसा समां बांध लिया ताकि निर्दोष लोगों को जेल भेजा जा सके। और बस इतना भर ही तिल था, जिसे संजय शर्मा ने ताड़ बना डाला है। और कलंकित होने लगी पत्रकार की पत्रकारिता

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पत्रकार पत्रकारिता

यह तो हमारा निष्‍कर्ष है। अब जरा उस विवेचना पर गौर फरमा लीजिए, जो पुलिस ने अपनी जांच में पाया है। कहने की जरूरत नहीं कि इस मामले में पुलिस ने लगातार तटस्‍थ होकर ही अपना काम किया है। बहरहाल, पुलिस ने इस घटना पर जो एक प्रेस-नोट जारी किया है, उसने इस झूठे संजय शर्मा की मूल कलई को पूरी तरह खुरच डाला है।

पुलिस के अनुसार:- शाम 4 बजे  केमेस्‍ट्री कैफे में दो लड़के और एक लड़की आये थे। इन लोगों में से एक लड़के ने अपना एक्टिवा स्‍कूटर कैफे के बाहर खड़ा किया। इसी बीच 4 पीएम का एक कर्मचारी उस एक्टिवा पर बेहद अभद्र तरीके से बैठ गया। इस पर एक्टिवा मालिक युवक ने उस पर ऐतराज किया। कुछ देर तक बकझक होती रही। इसी बीच 4 पीएम के भी कई कर्मचारी मौके पर आ गये। अचानक 4 पीएम के रिपोर्टर ने एक्टिवा मालिक युवक को ताबड़तोड़ कई झांपड़ रसीद कर दिये।

मारपीट में अकेले पड़ चुके इस युवक ने अपने मित्रों को फोन कर बुलाया। संजय शर्मा का आरोप है कि इन लोगों ने उनके प्रेस में घुस कर तोड़फोड़ व मारपीट की, लेकिन पुलिस जांच में यह सारे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुए। पुलिस का कहना है कि उस समय प्रेस के किसी भी सीसीटीवी कैमरे में ऐसी किसी भी घटना का कोई भी मामला रिकार्ड नहीं पाया गया है। मतलब यह कि यह पूरा का पूरा मामला ही झूठा है, और चूंकि इस पूरे मामले में संजय शर्मा ही अपने चेले पत्रकारों के गिरोह को सक्रिय करते रहे हैं, इसलिए स्‍पष्‍ट है कि संजय शर्मा ही मूल षडयंत्रकारी हैं।

मेरी बिटिया डॉट कॉम की नजर में यह मामला खासा संवेदनशील और अराजकतापूर्ण पत्रकारिता से जुड़ा हुआ है। हम इससे जुड़ी खबरें लगातार आप तक पहुंचाते रहेंगे। इस मसले से जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

झुलसती पत्रकारिता का धुंआ

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