: राजनीति में घाट-घाट का पानी पीने वाले नरेश अग्रवाल ने दागी सांसद का बचाव किया : आजम खान ने ट्रेन-टीटी को भरे स्टेशन पीट कर मुर्गा बनवाया था : फिर सपा और शिवसेना में क्या है चारित्रिक फर्क : रेलवे श्रमिक संघ के सचिव शिवगोपाल मिश्र ने भी की घटना की भर्त्सना :
कुमार सौवीर
लखनऊ : शिवसेना के सांसद और मूलत: अराजक गुण्डा की छवि वाले रवींद्र गायकवाड़ की करतूत पर भले ही पूरे देश की राजनीतिक दलों ने जमकर निन्दा और घोर भर्त्सना की हो, लेकिन समाजवादी पार्टी की नजर में गायकवाड़ का कृत्य ऐसा हर्गिज नहीं है, जिसके तहत उन्हें देश की विमान कम्पनियां उड़ान भरने से मना कर दें। कांग्रेस, बसपा के बाद सपा में शामिल सपा के राज्य सभा सांसद नरेश अग्रवाल ने गायकवाड़ के पक्ष में दलीलें दीं, ताकि उन्हें हवाई जहाज से उडान भरने की इजाजत मिल जाए।
नरेश अग्रवाल की इस करतूत को देश के वरिष्ठ पत्रकारों ने जम कर आड़े हाथों लिया है। वरिष्ठ सम्पादक ओम थानवी कहते हैं कि शरम की बात है कि शिवसेना के बिगड़ैल और फूहड़ सांसद गायकवाड़ का समाजवादी पार्टी संसद में बचाव कर रही है। और तो और, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी कड़ा रूख अपनाने में सकुचा रही हैं। सांसद फँसता है तो उसकी बिरादरी का विवेक मानो कहीं दुबक जाता है। एक स्वर में सांसद ऐसे कृत्य की निंदा करें तो दुबारा ऐसा शायद न हो।
आपको बता दें कि गायकवाड़ की पैरवी करते समय नरेश अग्रवाल ने नियम-कानूनों तक का संदर्भ लेने की जहमत नहीं उठायी। राज्य सभा में यह पैरवी करते वक्त उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि क्या एयरलाइंस किसी सांसद को ऐसे समय में यात्रा करने से रोक सकती हैं, जब वह अपने आधिकारिक दायित्व की पूर्ति के लिए यात्रा करने जा रहा हो। लेकिन नरेश अग्रवाल की ऐसी पैरवी को खुद उपसभापति पी जे कुरियन ने सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने इस आधार पर नरेश अग्रवाल को टोक दिया कि वह मामला दूसरे सदन के व्यक्ति से संबंधित है।
बरहाल, आपको याद होगा कि करीब साढ़े साल पहले ही सत्ता के नशे में चूर सपा के बुजुर्ग तुर्क-नेता आजम खान ने ठीक इसी तरह की करतूत की थी, जैसी मुम्बई में शिवसेना के रवींद्र गायकवाड ने किया। रवींद्र ने जहाज के अधिकारी को जूतों से कुचल दिया, जबकि आजम खान ने लखनऊ जा रही ट्रेन लखनऊ मेल के टीटी को स्टेशन पर ही थप्पड़ मारे थे और बाद में सरेआम स्टेशन पर उससे मुर्गा बनने को कहा था।
रेलवे मेंस यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव और देश की ट्रेड यूनियन आंदोलन के सर्वोच्च नेता शिवगोपाल मिश्र ने गायकवाड की करतूत को निहायत शर्मनाक करार देते हैं। उनका कहना है कि जो भी नेता या सांसद ऐसे घटिया सांसद की करतूतों का समर्थन कर रहे हैं, वे यकीनन खुद ही दागी हैं। श्री मिश्र ने बताया कि अगर रामपुर रेलवे स्टेशन पर आजम खान ने उक्त टीटी से सरेआम माफी नहीं मांग ली होती तो उनकी यूनियन उस पर कड़ी कार्रवाई करते।