जागरण ने पाकिस्‍तानी दयालु-गलीचा तो दिखाया, हिन्‍दुस्‍तानी फटा कच्‍छा नहीं

सैड सांग

: जिस महानता का बखान कर रहा है जागरण, उसके लिए दो लाख दरहम वसूले थे पाकिस्‍तानी बाप ने : शाहजहांपुर वाले जांबाज पत्रकार जागेंद्र सिंह के खानदान ने भी तो जोरदार मुआवजा वसूला अपने बाप की हत्‍या पर : जागरण ने इस खुलासा करने से किनारा कर लिया कि आखिर दुबई में हत्‍या करने वाले लोग कौन थे :

कुमार सौवीर

लखनऊ : दैनिक जागरण ने आज अपने पहले पन्‍ने पर एक खबर छापी है। सबसे नीचे, दो कॉलम में छपी है यह खबर। खबर का शीर्षक है:- पाकिस्‍तानी बाप ने बेटे के कातिल 10 भारतीयों को बख्‍शी जिन्‍दगी। इस खबर में जिक्र किया गया है कि किस तरह एक बाप ने अपने बेटे के दस हत्‍यारों के प्रति निहायत दयापूर्ण व्‍यवहार करते हुए उसे पूरी तरह माफ कर दिया। इस बाप के इस फैसले से दस हत्‍यारे भारतीयों को फांसी के फंदे से बचा लिया गया।

लेकिन सच बात तो यह है कि दैनिक जागरण ने इस पूरी खबर में उस घटना के मूल स्‍वरूप में जबर्दस्‍त घातक और षडयंत्री व्‍यवहार करते हुए सत्‍य को बुरी तरह मोड़ा-मरोड़ा और उसे सच के बजाय गहरे अंधेरों में फेंक दिया। इतना ही नहीं, इस खबर के साथ यह आपराधिक छेड़छाड़ इसलिए किया गया, ताकि इस खबर को पठनीय यानी रीडेबल बनाया जा सके। लेकिन दुख की बात है कि इस खबर अपने इस षडयंत्रों के बावजूद अपने मूल चरित्र को नहीं छिपा सकी।

मोटी-मोटे तौर पर आप यह समझ लीजिए कि अबूधाबी में कोई डेढ़ साल पहले एक हादसा हुआ। इसमें  अवैध शराब की बिक्री ही मूल कारण थी। कारण में थे कुछ पाकिस्‍तानी और भारतीय युवक। शराब को लेकर झगड़ा हुआ और हिन्‍दुस्‍तान के दस लोगों ने पाकिस्‍तान के कुछ लोगों को पीट दिया। इस हादसे में पाकिस्‍तान के पेशावर के रहने वाले मोहम्‍मद रियाज की मौत हो गयी।

इस हादसे के बाद अबूधाबी की पुलिस ने इन सभी दस पंजाबियों को दबोच कर जेल भेज दिया, जहां अदालत ने उन युवकों पर कत्‍ल का इल्‍जाम आयद कर दिया। अरब कानून के मुताबिक किसी खून का मतलब सिर्फ खून ही होता है। या फिर अगर कोई पीडि़त परिवार का कोई करीबी रिश्‍तेदार उस कत्‍ल के लिए जिम्‍मेदार अपराधी को खून माफ कर

उस हादसे में मारे गये मोहम्मद रियाज़ के पिता का नाम है फ़रहान मोहम्मद। फरहान पेशावर में ही रहते हैं। इन युवकों को मौत से बचाने में लिए जुटे लोगों ने फरहान मोहम्‍मद से सम्‍पर्क किया और फरहान ने रियाज़ के खून को माफ कर दिया। एक दिन पहले ही फरहान अबूधाबी की अदालत में पहुंचा और उसने अपने बेटे का खून माफ करने का ऐलान कर दिया। अगले 12 अप्रैल को अदालत इस बारे में अपना आदेश पारित करेगी।

लेकिन जागरण ने इस पूरी खबर में कई गम्भीर तथ्‍यों को या तो छिपा लिया, या फिर उसे इग्‍नोर कर दिया। पहली बात तो यह सारे के सारे भारतीय युवक पंजाबी ही थे। मतलब सिख। और दूसरा तथ्‍य यह कि फरहान मोहम्‍मद ने अपने बेटे की मौत की सजा इस कारण से माफ नहीं की, कि वह कोई बहुत दयालु और इंसानियत पर यकीन रखने वाला शख्‍स ही है। हकीकत यह है कि फरहान ने इस माफी के लिए बाकायदा दो लाख दिरहम वसूले हैं। सऊदी अरब के हिसाब से प्रति दिरहम का भारतीय मुद्रा में मूल्‍य 17 रूपया 36 पैसा है और इस हिसाब से फरहान ने इसके लिए बाकायदा 3471436 रूपया और 20 पैसा वसूल लिया।

इस पूरी खबर को पढ़ने-समझने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- मौत, कीमत, जागेंद्र सिंह, पत्रकार

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