अखिलेश के विकास-चार्ट पर मंत्री की गालियां, मां-बहन की गालियां देते हैं मंत्री

सैड सांग

: अम्‍बेदकर नगर के एक दारोगा को तबादला की नहीं, उसकी मां के साथ दुष्‍कर्म की धमकी दी मंत्री : मंत्री की गालियों पर बिफर गया दारोगा, बोला नहीं करूंगा तुम्‍हारी चाकरी : शाहजहांपुर के जाबांज पत्रकार जागेंद्र सिंह को जिन्‍दा फूंकने की साजिश में मुख्‍य अभियुक्‍त हैं राममूर्ति वर्मा :

कुमार सौवीर

लखनऊ : मंत्री का पारा बहुत गरम था। वजह थी एक आपराधिक मामला, जिसमें मंत्री का एक खासमखास फंसा हुआ था। मंत्री ने सीधे मामले को देख रहे थानाध्‍यक्ष को ही फोन मिला दिया। लाइन पर आते ही मंत्री ने दारोगा से सख्‍त लहजे में मामला को शांत करने का हुक्‍म दिया। इस पर द ारोगा दारोगा ने कहा कि पहले मामले में मंत्री के आदमी को थाने पर आना ही होगा। यही तरीका है। बस, इस पर ही मंत्री भड़क गये। बोले:- मैं तेरी मां—- दूंगा।

शाहजहांपुर का नाम तो आप लोगों ने सुना ही होगा। अरे वही शाहजहांपुर, जहां देश के पूर्व राज्‍य गृहमंत्री स्‍वामी चिन्‍मयानंद पर उनकी चेली स्‍वामी चिन्‍मयानन्‍द ने कई बरसों तक यौन-शोषण किया और जबरिया गर्भपात कराया। अरे वही शाहजहांपुर, जिसकी पावन भूमि में जन्‍मे अवतारी समाजवादी सरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा ने वहां के एक  निडर पत्रकार जागेंद्र सिंह को जिन्‍दा फुंकवा दिया था। यह आरोप मैं नहीं, खुद जागेंद्र सिंह ने लगाया था जब 90 फीसदी जली हालत में उसने पत्रकारों के सामने लखनऊ के सिविल अस्‍पताल में बयान दिया था।

आपको बता दें कि जून-2015 की तीन तारीख को जागेन्‍द्र सिंह का घर शाहजहांपुर कोतवाली की पुलिस ने घेर लिया था और उसके बाद उस पर मिट्टी फेंक कर उसे जिन्‍दा ही फूंक दिया था। जागेंद्र सिंह से यहां के मंत्री राममूर्ति वर्मा को पिछले कई महीनों से नाराजगी थी। वह मंत्री की क रतूतों का खुलासा पूरी बहादुरी से कर रहा था, जो राममूर्ति को सख्‍त नापसंद था। उसने कई बार उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन जागेंद्र सिंह ने अपनी पत्रकारिता के मूल्‍यों को न छोड़ने का संकल्‍प रखा। बहरहाल, सरकार में खासी हैसियत रखे राममूर्ति वर्मा को बचाने के लिए पूरी सरकार जुट गयी। लखनऊ में अलग-किस्‍म की पत्रकारिता के नाम पर कलंक और घिनौना धब्‍बा रहे पत्रकारों नेताओं ने राममूर्ति वर्मा के पक्ष में लॉबी बनायी और प्रशासन से मिल कर पूरा मामला निपटा दिया गया। इसके लिए इन पत्रकारों की साजिश थी कि वे भी अपने हिस्‍से में खासी रकम खींच लेंगे, लेकिन राज्‍य सरकार ने जागेंद्र के दो आश्रितों को नौकरी, फंसी हुई 7 एकड़ जमीन का कब्‍जा और कुल 30 लाख रूपयों की नकद मदद दे कर मामला निपटा दिया। इसके बाद जागेंद्र के बेटे भी खामोश हो गये, वरना इसके पहले तो वे लोग अपने पिता की हत्‍या की जांच सीधे सीबीआई से कराने पर आमादा थे।

हां, तो यह मामला यूपी के मंत्री राममूर्ति वर्मा का ही है। उन्‍होंने ही अम्‍बेदकर नगर के उस थानाध्‍यक्ष को फोन किया था और उसके बाद उसकी मां-बहन करने की धमकी थी। नतीजा , यह कि दारोगा भड़क गया। और उसने जमकर जवाब दे दिया।

वह मामला तो खैर छिपा ही रहता। लेकिन मंत्री राममूर्ति वर्मा के ही एक निजी सचिव ने उस फोन की रिकार्डिंग मीडिया को लीक कर दी। इसके बाद तो हंगामा ही खड़ा हो गया। मंत्री के चार निजी सचिवों में से ही एक है वह निजी सचिव।

खबर है कि अब इस मामले को वह दारोगा अपने वरिष्‍ठ अधिकारी को भेज रहा है, हो सकता है कि इस मामले में एक पुलिस अधिकारी को धमकी देने का मामला भी दर्ज किया जा सके।

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