प्रधानमंत्री ने क्‍यों कहा कि डीएम अफसर की उम्र 30 से ज्‍यादा न हो

सैड सांग

: देश के डीएम की मीटिंग में मोदी के सम्‍बोधन से मची बमचिक : आईएएस अफसर का मूल्‍यांकन प्रोन्‍नति नहीं, नतीजों से : उम्र का ताल्‍लुक प्रभावी कार्यशैली से नहीं, प्रभावोत्‍पादकता से : प्रोन्‍नत अफसरों की लगन सीधी भर्ती वाले से कम नहीं : उम्र अगर पैमाना है, तो सबसे पहले इस्‍तीफा दे दें मोदी : बड़ा बाबू -एक :

कुमार सौवीर

लखनऊ : हैरत की बात है कि किसी प्रशासनिक अधिकारी की कार्यकुशलता का पैमाना उसकी उम्र कैसे हो सकती है। भले ही वह 30 से 40 बरस का हो, अथवा 40 से 50 की उम्र का। खास तौर पर आईएएस अफसर के संदर्भ में तो यह बात कोई मायने ही नहीं रखती। और फिर सबसे बड़ी बात तो यह है कि किसी की उम्र उसकी क्षमता का नकारात्‍मक पक्ष मान लिया जाए, तो तो सबसे पहले तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही इस्तीफा दे देना चाहिए, जिन्‍होंने यह बयान दे दिया कि बड़ी उम्र के लोगों को डीएम की कुर्सी थमाने से विकास कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उनका कहना है कि 30 बरस के अफसरों को ही डीएम बनाया जाना चाहिए। बहरहाल, प्रधानमंत्री के इस बयान पर भले ही कोई खुल कर न बोल रहा हो, लेकिन यह बयान प्रशासनिक अफसरों के मनोबल को खासा नुकसान कर रहा है।

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जी हां। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही देश के विभिन्‍न जिला अधिकारियों के समूह के साथ एक बैठक की। उसमें उन्होंने पाया कि देश के 115 से अधिक अल्पविकसित जिलों में से 80 से ज्यादा डीएम 40 उम्र के ज्यादा के थे। प्रधानमंत्री का कहना था कि ऐसे काम हो ही नहीं हो सकता है। मोदी के मुताबिक किसी भी डीएम की उम्र 27 से 30 साल होनी चाहिए। उनका कहना है कि इससे ज्‍यादा की उम्र के जिलाधिकारी अगर होंगे, तो उससे विकास की रफ्तार कमजोर होगी।

यह तो है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नजरिया। लेकिन अगर हकीकत में देखा जाए तो किसी भी जिले में 30 साल की उम्र से कम के आईएएस अफसर की तैनाती की तैनाती कर पाना हंसी-ठट्ठा की बात नहीं। यह खासी मुश्किल-तलब बात है। वजह यह कि सामान्‍य तौर पर 25 से 27 बरस की उम्र तक डीएम या एसपी की तैनाती हो पाना नामुमकिन सी बात है। हकीकत यह है कि 25 साल की उम्र के आसपास ही तक आईएएस की प्रतियोगिता से पास कर पाते हैं युवक। उसके बाद जिला के प्रमुख की कुर्सी हासिल करने वाले अफसर को पहले तो अपनी पूरी ट्रेनिंग हासिल करनी होती है। उसके बाद प्रशिक्षु के तौर पर उसके बाद सीडीओ की कम से कम एक बरस की नौकरी के बाद ही कोई अफसर जिलाधिकारी की कुर्सी तक पहुंच पाता है। और तब तक किसी भी अफसर की उम्र सामान्य तौर पर किसी भी छोटे जिले में 30 और बड़े जिले में 40 बरस की उम्र के बाद ही हो पाती है।  (क्रमश:)

प्रोन्‍नत आईएएस अफसरों पर की गयी प्रधानमंत्री की टिप्‍पणी से ऐसे अफसर खासे क्षुब्‍ध हैं। वह तो उनकी जुबान और दांत के बीच लगाम फंसी हुई है, इसलिए वे इस बारे में खुल कर बात नहीं कर सकते। सवाल उनकी सेवा दायित्‍वों और उनके संकल्‍पों का है। लेकिन इस मसले पर वे अपनी दबे पांव राय जरूर व्‍यक्‍त कर रहे हैं। यह खबर श्रंखलाबद्ध है। इसकी बाकी कडि़यों और आईएएस अफसरों से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:-

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