मां शीतला जी निकलती हैं सृष्टि की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए
कल थी कहानी आज विज्ञान
ऐसे ही हर घर व गांव में नहीं पूजी जातीं
मां संभाले हैं घर, गली, मोहल्ले व गांव भर जिम्मेदारी
कल तक यह कहानी थी। आज विज्ञान का सच है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अप्रैल से जुलाई तक बीमार लोगों की संख्या सर्वाधिक होती है। यह वह समय होता है जब अलग अलग तरीके के संक्रमण बड़ी तेजी से फैलते हैं। इसमें जुकाम, खांसी से लेकर चेचक तक शामिल हैं। यह बीमारियां अच्छी साफ सफाई या स्वच्छता की कमी के चलते होती हैं। यही बात ऋषियों ने हजारों साल पहले कही थी। उन्होंने व्यक्तिगत ही नहीं, सामुदायिक स्वच्छता पर भी पूरा जोर दिया था। इस मौसम में मां शीतला ऐसे ही हर घर में नहीं पूजी जातीं। पुराणों की मानें तो इन चार महीनों में ब्रह्मांड की स्वास्थ्य मंत्री कही जाने वाली मां शीतला भ्रमण पर रहती हैं। इस दौरान कहीं भी गंदगी का साम्राज्य नहीं चलेगा।
भारतीय समाज में जन सामान्य विज्ञान को आसानी से समझ सके इसलिए उसे कथाओं के माध्यम से कहने की परंपरा रही है। हर घर, गली, मोहल्ले व गांव में पूजी जाने वाली मां शीतला की कहानी भी उसी में से एक है। ऋषियों ने उन्हें ब्रह्मांड के स्वास्थ्य मंत्री का दर्जा दे रखा है। वाराणसी के शीतला घाट स्थित मां शीतला मंदिर के मंहत पं. शिव प्रसाद पाण्डेय के अनुसार ऋषियों ने मां शीतला का जो स्वरूप बताया है वह खुद ही स्वच्छता को पूरी तरह समर्पित है। उनके एक हाथ में झाड़ू है, दूसरे में जल भरा कलश। मस्तक पर सूप है और वह गधे पर विराजमान हैं।
प्रचलित कथा के अनुसार वह चैत्र, बैशाख, जेठ व आषाढ़ के चार महीने विश्व के भ्रमण पर निकलती हैं। उनकी पालकी के आगे घंटाकर्ण नामक दैत्य चलता है, पीछे 64 योगिनियां रहती हैं। अगल-बगल हाहा और हू हू नामक गंधर्व रहते हैं। हर योगिनी के साथ 84-84 लाख सेना रहती है। वह हर गली, मोहल्ले व गांव में जाती हैं। जहां सफाई मिलती है, उसे छोड़ देती हैं, जहां गंदगी रहती है वहां रुक जाती हैं। यहां रोगों का प्रकोप हो जाता है और इसके बाद पूरी सफाई करने के बाद ही उनकी सेना आगे बढ़ती हैं। मां शीतला को प्रसन्न करने के लिए पूजा पाठ व व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ साथ सार्वजनिक स्थानों तक की पूरी सफाई रखना जरूरी है। मां शीतला की पूजा तो आज भी होती है पर कथा के मूल में रहा सामुदायिक स्वच्छता पर जोर अब नदारद है। श्री पाण्डेय के अनुसार नवरात्रि में मां शीतला की पूजा विशेष फलदायी होती है। दैनिक जागरण से साभार