बांग्लादेश में सुधारवादी और कट्टरपंथी भिडे
खुदा तय करे कि अल्लाह या अमीनी: शेख हसीना
मर्द से कभी बराबर नहीं हो सकती औरत: कट्टरपंथी
महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जे पर बवाल
औरतों को सम्पकत्ति में अधिकार देना बांग्लादेश के मुसलमानों को गवारा नहीं। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने जिस नई नीति में महिलाओं को मर्दों के बराबर अधिकार देने का प्रस्ता व रखा है, उससे वहां के कट्टरपंथियों में जबर्दस्ति आक्रोश है। उनका कहना है कि यह शरई सिद्धांतों के पूरी तरह खिलाफ है और इसीलिए अमीनी सिद्धांतों पर ही बात होनी चाहिए। जबकि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने साफ कर दिया है कि अब तय यह होना है कि अल्लाीह बडा है या अमीनी। उनका कहना है कि महिलाओं को पुरूषों के बराबर अधिकार देने की नीति शरई और कुरान के सिद्धांतों के आधार पर ही बनायी गयी है। बहरहाल, इस मसले पर विरोधी दलों और सरकार ने एक दूसरे के खिलाफ कमर कस ली है। सरकार ने भी पूरे बांग्लासदेश में सुरक्षा व निगरानी के कडे इंतजाम कर दिये हैं। भारी तादात में सुरक्षाबल तैनात कर दिये गये हैं।
बांग्लादेश में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार की सरकार की घोषणा पर बवाल उठ खड़ा हुआ है। यहां विपक्षी पार्टियों समेत कई संगठन नई नीति के खिलाफ उतर आए हैं और देशव्यापी बंद से सरकार को झुकाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि किसी हिंसक घटना की खबर नहीं है। पुलिस ने चाकचौबंद व्यवस्था कर रखी है। राजधानी ढाका में दस हजार अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
सरकार की राष्ट्रीय महिला विकास नीति 2011 के विरोध में विपक्षी पार्टियों और इस्लामी संगठनों ने सोमवार को देश भर में हड़ताल का आह्वान किया। जिसके चलते स्कूल, कॉलेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और उसके सहयोगी संगठन इस्लामिक ओइक्या जोते (आइओजे) ने हड़ताल की अगुवाई की। हड़ताल का आह्वान रविवार को एक मदरसे के छात्र की मौत के बाद किया गया था। नई नीति के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिस से हुए संघर्ष में इस छात्र की मौत हुई थी।
विरोधी राजनीतिक दलों के समर्थन में कट्टर इस्लामी संगठन भी आ गए हैं। इनका कहना है कि नई नीति पवित्र कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ है। विवादित धार्मिक नेता और आइओजे के चेयरमैन मुफ्ती फजलुल हक अमीनी ने तर्क दिया कि इस्लाम कहता है, महिला कभी भी पुरुष के बराबर नहीं हो सकती। रविवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना ने विपक्षी दलों और अमीनी को जनता को गुमराह करने के लिए लताड़ लगाई थी। उन्होंने कहा कि नई नीति कुरान और हदीस (पैगंबर मुहम्मद साहब के उपदेश) को ध्यान में रखकर घोषित की गई है।
उन्होंने इस्लामिक संगठनों द्वारा धार्मिक कट्टरपंथियों और आतंकवादियों का सहारा लेने का हवाला देते हुए कहा, कौन ज्यादा ताकतवर है, अल्लाह या अमीनी? अमीनी इस्लाम को लेकर लोगों के बीच गलत धारणा फैला रहे हैं। विपक्ष ने कहा है कि वह किसी हाल में चुप नहीं बैठेगा। संसद के भीतर और बाहर विरोध जारी रखेगा। उसने वर्तमान सरकार को इस्लाम विरोधी करार दिया है।