मोबाइल व कोराना अब अभिन्‍न हिस्‍सा बने हैं। एडजेस्‍ट करो

दोलत्ती

: बेटियों को समझाना होगा कि तुम कत्‍तई अपराधी नहीं हो : धोखा तो दूसरे ने दिया है, उसके जिम्‍मेदार तुम कैसी हो सकती हो : जिन्‍दगी बहुत बडी है, बहुत खूबसूरत है, और बहुत बची हुई है : यौवन-दो :
कुमार सौवीर
लखनऊ : एक और बच्‍ची है जो हवस के शैतानों की शिकार बनी। उसकी भी ठीक ऐसी ही कहानी है। हृदयविदारक। घटना-स्‍थल एक ही, दृश्‍य भी एक ही है, लहजा भी एक जैसा ही। अब वह लड़का तो अपने आनंद में बहुत कर चुका, लेकिन उसकी करतूतें अब उस लड़की की जी का जंजाल बन चुकी है। वह लड़की पागलपन नहीं, लेकिन अवसाद की कगार तक पहुंच कर बावली हो चुकी है, जबकि वह लड़का लापता है। पूरे मोहल्‍ले में हंगामा हो चुका है। लड़की अब कुछ करे भी तो क्‍या करे, यह डर उसके हृदय का विदीर्ण और दिशाहीन बनाता जा रहा है।
इस लड़की की एक मित्र है, जिसके साथ उसकी अभिन्‍नता है। वह लड़की कई महीनों से उदासीन थी। बार-बार पूछने पर भी कुछ नहीं बोल रही थी। लेकिन एक दिन उसने अपनी सहेली से अपना राज खोल ही दिया। बताया कि उसका एक वीडिया वायरल हो गया है। कॉलेज से लेकर मोहल्‍ले के शोहदे तक उसका जीना हराम किये हैं। हो सकता है कि उस लड़की को ऐसा भ्रम ही हो कि पूरा जमाना सिर्फ उस पर ही घूर रहा है, लेकिन उस लड़के के दिल में जो चोर धंस गया है, उसका क्‍या किया जाएगा।
काफी पूछताछ के बाद आखिरकार उस परेशान-हाल बच्‍ची ने अपनी मित्र से पूरी सचाई जाहिर कर दी। यह भी बताया कि वह लड़का सम्‍पन्‍न परिवार का है और इसी के चलते हालत यह है कि वह कानून को ठेंगे पर रखता है। आप उसे शोहदा कह लीजिए। गिरगिट में अपना रंग दिखाया तो जरूर, लेकिन काफी देर बाद पता चला! अब जब पता चला है, तो हालत यह है कि चिडि़यां चुग गयीं खेत। मामला मुझ तक पहुंचा।
इस मामले में मेरा स्‍पष्‍ट मानना है कि पहले तो उस बच्‍ची को मजबूत बनाया जाए। इतना कि वह ऐसी घटनाओं से एम्‍यून हो जाए। शुरूआत तो हमें अपने घरों से करनी होगी। उसमें भी निर्णायक औरसूत्रधार की भूमिका निभायेंगी आपके-हमारे घरों की गृहणियां। मतलब संबंधित बच्‍ची की मां, दादी, नानी वगैरह।
उन्‍हें बच्चियों को बचपन से ही ऐसे खतरों को सूंघना और उसका प्रतिरोध करना होगा। ऐसी हालत कभी न आये, इसके लिए बेटियों के लिए काउंसिलिंग करनी होगी। संबंधों का सीमांकन महसूस करना, समझना, पढ़ना और उसे क्रियान्‍वयन होने से होने वाले संकटों से उन्‍हें सतर्क करना होगा। बताना होगा कि ऐसी घटनाओं का अंजाम क्‍या हो सकता है। इसके लिए कुशल मनोविज्ञानियों से भी सहयोग लिया जा सकता है।
लेकिन इसके बावजूद गलतियों की गुंजाइशें काफी बनी रहेंगी, यकीनन। ऐसी हालत में हमें बच्चियों से उनके अपराध-बोध से निकालना होगा। उन्‍हें बताना होगा कि अव्‍वल तो तुमने कोई गलत अपराध किया ही नहीं। और अगर कुछ हुआ भी है तो वह गलत तो हो सकता है, लेकिन अपराध तो हर्गिज नहीं।
बेटियों को समझाना होगा कि जिस व्‍यक्ति ने तुम्‍हारा वीडियो वायरल किया, उसके लिए तुम कत्‍तई भी अपराधी नहीं हो। हां, तुमसे इतनी गलती जरूर हो गयी कि तुम अपने साथी के चयन के लिए गलत व्‍यक्ति को चुन गयीं थीं। तो गलत कौन हुआ, वह व्‍यक्ति जिसने तुम्‍हारा वीडियो वायरल किया, या फिर तुम जिस पर तुमने विश्‍वास किया। जाहिर है कि ऐसे सवालों को जवाब बेटियों को नये तरीके से समझने-समझाने का रास्‍ता खोजेंगे। और फिर तुम पायोगे कि जिस व्‍यक्ति ने नितांत रिश्‍तों के रिश्‍तों को जगजाहिर किया, वह तुम्‍हारे विश्‍वास का भाजन नही नहीं हो सकता है। हरगिज नहीं।
फिर सवाल उठेगा कि मानो उस व्‍यक्ति ने गलती से अपना मोबाइल कहीं दूसरी जगह रख दिया हो, और उसका मोबाइल किसी और के हाथों में चल गया हो। उसके बाद उस तीसरे व्‍यक्ति ने उस मोबाइल से वह वीडियो निकाल कर उसे वायरल कर दिया हो तो। ऐसी हालत में भी तुम कत्‍तई भी दोषी नहीं हो। असली दोषी तो वह व्‍यक्ति है जो इतना लापरवाह है, जो ऐसी कांड कराने की आशंकाओं को जन्‍म दे सकता है। ऐसी हालत में ऐसे व्‍यक्ति के साथ तुम कैसे भरोसा कर सकती है। खत्‍म करो। खुद को तसल्‍ली दो, और उस व्‍यक्ति को खारिज करो। दुनिया में लाखों लोग मौजूद हैं, जो तुम्‍हारी योग्‍यता और क्षमताओं का सम्‍मान कर सकते है। बशर्ते तुमने ऐसा भरोसा पैदा भी किया हो। लेकिन इसके बावजूद तुम ऐसे हादसों के लिए कत्‍तई जिम्‍मेदार नहीं बन सकती हो। जाओ मस्‍त रहो।
जिन्‍दगी बहुत बडी है, बहुत खूबसूरत है, और बहुत बची हुई है। उसमें खुद को खोजो, अपने लायक व्‍यक्ति को फिर से खोजो। और अपने अनुभवों को भविष्‍य की कसौटी परखो। तुम पाओगी कि तुम दिग्विजयी हो।
और सच बात तो यही है कि कैमरा और उससे बनने वाले वीडियो अब हमारे जीवन का अभिन्‍न हिस्‍सा बन चुके हैं। हमेशा-हमेशा के लिए। ठीक उसी तरह, जैसे कोरोना। हमें जिस तरह कोरोना को अपने जीवन में ठौर देकर उसे अपनी जिन्‍दगी में एडजेस्‍ट करना ही होगा, उसी तरह अब मोबाइल कैम और वीडियो को भी एडजेस्‍ट करना सीखना होगा। (क्रमश:)

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