: पहले सिनेमा, फिर शिक्षा के बाद राजनीति और राजनीति से नीचे उतरा कवि-राज का कुर्ता-पाजामा : कविता और पत्रकारिता की नावों में एकसाथ सवारी बहुत भारी पड़ गयी दीवाना-पागल को : अभी कई लोगों के चेहरों से मुखौटे को उतार देगा :
कुमार सौवीर
नई दिल्ली : #मीटू मूवमेंट आंदोलन अब अच्छे-अच्छों तक के पाजामे को ढीला करता दिख रहा है। युवतियों और महिलाओं द्वारा छेड़े गये इस स्वत:स्फूर्त आंदोलन ने समाज के कई ऐसे लोगों को बेनकाब करना शुरू कर दिया है, जिनके बारे में कोई भी चारित्रिक शिकायत या संकेत तो दूर, उनकी बेदाग छवि पर कोई भी दाग तक की आशंका तक नहीं थी। लेकिन अब इस आंच से बड़े-बड़े नामवर लोग बिलकुल नंगे होते जा रहे हैं। ताजा नकाब तो दीवाना और पागल जैसे शब्दों से अलंकृत और खासी ख्याति हासिल कर चुके ऐसे कवि के चेहरे से उतरता जा रहा है, जो अपनी कविता के साथ ही अपनी राजनीतिक छवि में भी एक बड़ा स्तम्भ खड़ा करने के की जुगत में था। ताजा खबर में इस शख्स को केवी के तौर पर कुख्याति फैलती जा रही है।
आपको बता दें कि यौन-शोषण के खिलाफ देश ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में इस समय #मीटू-मूवमेंट बाकायदा तहलका मचा रहा है। बॉलीवुड से शुरू होकर पत्रकारिता और राजनीति को चपेट में ले चुका है, यह मूवमेंट शोसल मीडिया पर भी लोगो के चेहरों से मुखौटे को उतार देगा। इस आंदोलन में तब तक करीब पांच लाख से ज्यादा महिलाओं ने अपने साथ हो रहे यौन-शोषण की शिकायत की है, अपने साथ हुए कृत्यों का खुलासा किया है और ऐसे घटिया लोगों को सरेआम नंगा करने का एक जबर्दस्त अभियान छेड़ दिया है।
इस मूवमेंट के ताजा शिकार “कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है” वाले कविराज हुए हैं और एक बात घटिया इंसान वो होता है जो शराफत का चोला पहनकर घटिया हरकत करता है, मुझ जैसा इंसान कुछ भी हो सकता है लेकिन घटिया नही हो सकता। इस मामले में ताजा मोड़ तब आया जब अतुल गंगवार नामक एक व्यक्ति ने खुलासा किया। इस व्यक्ति ने यह खुलासा अपनी एक महिला मित्र से हुई बातचीत के आधार पर किया है।
उस महिला ने खुलासा किया कि उसकी दो सगी बहन-मित्रों के साथ इस कविराज ने निर्वस्त्र करने को कहा था। यह तब हुआ, जब यह दो बहनें ही नहीं, बल्कि उनका पूरा परिवार ही इस पागल-दीवाना कविराज का पागलपन के स्तर तक प्रशंसक था। इस हादसे के बाद यह दोनों युवतियां बुरी तरह सहम गयी थीं।
पाठकों के लिए यह बातचीत का स्क्रीन-शॉट आप सब के सुलभ संदर्भ में प्रकाशित किया जा रहा है।