मीडिया की छुच्‍छी निकाल दी जज ने, जागरण को नोटिस जारी

बिटिया खबर
: फर्जी खबर छाप कर छवि धूमिल करने का मामला लखनऊ के एसीजेएम ने संज्ञेय अपराध माना, जवाब-तलब के लिए आदेश : जागरण प्रकाशन लि के मालिक-एमडी, सीईओ, ऑनलाइन पोर्टल के रिपोर्टर की करतूत पर नोटिस : सामाजिक प्रतिष्‍ठा धूमिल करने की साजिश, मानहानि का मामला :

कुमार सौवीर
लखनऊ : खबरों के धंधे से जुड़े लोगों की मनमर्जी और बदनियती दिन दूनी, रात चौगुनी होती जा रही है। किसी पर भी, किसी भी तरह का आरोप लगा कर आपराधिक मनमर्जी में माहिर होते जा रहे हैं मीडिया वाले। ऐसे पत्रकारों और उनकी टीम-संस्‍थान का मकसद समाचार के बजाय बदनीयती से मानहानि का धंधा चमका देना भर रह गया है। शर्मनाक बात तो यह है कि ऐसी मनमर्जी में बड़े समाचार संस्‍थान भी बढ़-चढ़ कर कूदते दीख रहे हैं, जिनमें टाइम्‍स ऑफ इंडिया, अमर उजाला, हिन्‍दुस्‍तान दैनिक जागरण जैसे बड़े और प्रतिष्ठित कहे जाने वाले खबरची समूह तक शामिल हैं। इन समूहों की पहुंच काफी ऊपर तक होने के चलते कोई भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर पाने में साहस नहीं जुटा पाता है।
लेकिन यूपी के एक बड़े न्‍यायाधीश रह चुके एक बड़े न्‍यायाधिकारी ने अपने साथ हुई एक वारदात पर चुप रहने के बजाय सीधे-सीधे ऐसे समाचार संस्‍थान और उसके कारिंदों को अदालत में घसीट लिया है। ताजा मामला है दैनिक जागरण का, और इस मामले में शिकायतकर्ता-वादी हैं राजेंद्र सिंह, जो लखनऊ के जिला जज रह चुके हैं। अदालत में दायर की गयी शिकायत के तहत यह मानहानिकारक कृत्‍य राजेंद्र सिंह के खिलाफ तब हुआ, जब वे लखनऊ में जिला जज एवं सेशंस जज के तौर पर तैनात थे। इस जज के मामले में दैनिक जागरण के मालिकों से लेकर रिपोर्टरों तक को अदालत में घसीट लिया है। इस जज के मामले की सुनवाई के दौरान राजधानी की एक अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है कि उस जज के साथ हुए ऐसे आपराधिक कृत्‍य पर इस अखबार और उसके कारिंदों पर कड़ी सजा क्‍यों नहीं दे दी जाए।
इस मामले में जागरण प्रकाशन लिमिटेड के मालिक, जागरण डॉट कॉम के मालिक महेंद्र मोहन, सीईओ संजय गुप्‍ता, और संबंधित रिपोर्टर को भारतीय दंड संहिता की धारा-500 की सपठित धारा-34 और 501 और 502 सपठित धारा-34 के तहत होगी। लखनऊ के ससीजेएम तृतीय ने इस बारे में तत्‍सबंधी सभी प्रतिवादियों को अदालत-संख्‍या 27 में तलब किया है।

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