अवसाद की चपेट में आती जा रही हैं भारतीय बेटियां
जबलपुर हाईकोर्ट में हाजिर हुई इंजीनियर युवती ने कहा
जबलपुर. पिछले कुछ दिनों से लापता एक 22 वर्षीय इंजीनियर युवती ने मंगलवार को हाईकोर्ट में दो टूक कहा कि वह अपनी मां की बजाय अपनी सहेली के साथ रहना चाहती है। मामले को काफी संजीदगी से लेते हुए जस्टिस जस्टिस केके लाहोटी और जस्टिस सुषमा श्रीवास्तव की युगलपीठ ने युवती को उसकी मर्जी के मुताबिक जीवन जीने की इजाजत देकर उसकी मां के द्वारा दायर मामले का निराकरण कर दिया।
युवती की मां की ओर से दायर इस मामले में कहा गया था कि उसकी 22 वर्षीय पुत्री 7 सितंबर से लापता है। उनका आरोप था कि उनकी पुत्री को कुछ लोगों ने बहका कर रखा है, लिहाजा उनके बंधन से उनकी पुत्री को मुक्त कराया जाए।
इस मामले पर हाईकोर्ट ने पूर्व में जबलपुर पुलिस को कहा था कि वे आवेदक की पुत्री को कोर्ट में पेश कराएं। मामले पर आज कोर्ट में हाजिर हुई युवती और उसकी मां के जब बयान हुए, तब युगलपीठ ने मामले की सुनवाई चैम्बर में करने के निर्देश भी दिये। युगलपीठ ने युवती के बालिग होने पर उसे अपनी मर्जी के मुताबिक जीवन जीने की स्वतंत्रता दी।