: सरकारी नौकरी दिलाने के नाम के धंधे पर खबर छपी तो कांग्रेसी की पत्नी धमकी देने लगीं : सीएम, डीजीपी और कोर्ट तक घसीटने पर धमकी : रात डेढ़ बजे नेता की पत्नी मंजू शुक्ला ने फोन कर दी धमकी, कि अंजाम बहुत बुरा होगा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : एक खबर क्या छपी, हंगामा हो गया। खबर छपी थी कि कांग्रेस के एक नेता पर लोगों से सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर भारी रकम उगाही का मामला सामने आया है। इस खबर की पुष्टि के लिए जब कांग्रेस की अनुशासन समिति के अध्यक्ष से सम्पर्क किया गया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि इस मामले में उस कांग्रेसी नेता पर अनुशासनिक कार्रवाई के तहत उसे पार्टी की सदस्यता से निलम्बित कर दिया गया है।
प्रमुख न्यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम ने इस मामले पर हस्तक्षेप किया और इस पूरे मामले में सभी पक्षों से बात करते हुए खबर प्रकाशित की। इस खबर में सभी प्रभावि पक्षों से उनका पक्ष पूछ कर पूरे मामले में तह तक पहुंचने की कोशिश की गयी थी। सभी पक्षों से बातचीत करने का मकसद यह था कि खबर में सभी पक्षों को शामिल किया जा सके और खबर को संतुलित तरीके से और बिना किसी पक्षपात के साथ पेश किया जा सके।
इस बारे में एक वरिष्ठ न्यायाधिकारी और संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवाधिकार प्रकोष्ठ पर डेपुटेशन पर तैनात अंचल द्विवेदी के किसी परिचित के साथ तथाकथित धोखाधड़ी की गयी थी जिसमें एक लाख रूपयों का चूना लगाया गया था। आरोप लगे थे राजधानी की सरोजनी नगर के नेता और खुद को विधानसभा चुनाव क्षेत्र के प्रत्याशी के तौर पर जोर लगा रहे कांग्रेसी नेता शैलेंद्र दीक्षित पर। अंचल का अरोप था कि शैलेंद्र ने एनआरएचएम में नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति की ओर से एक लाख यह रकम शैलेंद्र दीक्षित के सीधे बैंक अकाउंट में जमा की गयी थी। अंचल का अरोप था कि अंचल ने इस मामले में धोखाधडी की, और एक लाख रूपयों का चूना लगा दिया। जबकि शैलेंद्र का कहना था कि उन्होंने यह रकम अपने लिए नहीं उगाही थी। हालांकि शैलेंद्र ने कुबूल किया कि यह रकम उन्होंने अपने एकाउंट में जमा करायी थी। वे मानते हैं कि यह अपराध उसने हो गया।
लेकिन इस मामले में वे नहीं, अंचल द्विवेदी जैसे लोग अपराधी हैं। जबकि अंचल ही इस मामले में वादी हैं, और उन्होंने इस मामले में यूपी कांग्रेस कमेटी और अदालत में भी कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है कि उनके एक लाख रूपयों की उगाही शैलेंद्र दीक्षित ने इसके पहले शैलेंद्र की पत्नी मंजू शुक्ला ने मुझे फोन करके शैलेंद्र से बात करायी थी। इसके पहले मंजू शुक्ला ने मुझे खुद को लखनऊ विश्वविद्यालय में वरिष्ठ शिक्षिका के तौर पर अपना परिचय दिया था। बहरहाल, मंजू शुक्ला के कहने पर फोन पर शैलेंद्र दीक्षित ने बताया कि वे अपनी बेगुनाही के लिए अपने कुछ कागज देना चाहते हैं। इस पर मैंने कहा कि वे जो भी कागज वगैरह देना चाहते हैं, मुझसे मिलने के बजाय, पहले मेरे वाट्सअप पर भेज दें तो बेहतर होगा। लेकिन इस पर वे बोलीं कि वे फोन पर नहीं, बल्कि आमने-सामने पर बात करेंगी। उन्होंने मुझ से मेरा पता भी पूछा। बाद में वाट्सअप पर उन्होंने यही बात दोबारा लिखी। मगर उन्होंने वह कागज मुझे नहीं भेजे।
बाद में मैंने इस बारे में उन्हें लिखा कि घर आने की जरूरत नहीं, आप केवल वे कागज मुझ तक भेज दें। लेकिन यह कागज भेजने के बजाय रात करीब डेढ़ बजे उनका फोन आया जिसमें उन्होंने मुझे धमकी देनी शुरू कर दी, कि मैं तुम्हारे घर-बेडरूम तक को जानती हूं। जाओ, अपनी बीमार मां और अपनी बच्चियों को सम्भालो, वरना अंजाम बहुत बुरा होगा। उन्होंने यह भी धमकी दी कि वे बहुत ऊंचे लोगों से परिचित हैं, मुझे तबाह करने की क्षमता रखती हैं।
मंजू शुक्ला ने धमकी दी कि वे अभी इस मामले में पुलिस रिपोर्ट कराने जा रही हैं। बाद में एक नम्बर से फोन भी आया कि मंजू शुक्ला ने इस मामले पर एक शिकायत पुलिस में दर्ज करायी है।
इसके पूर्व इसी प्रकरण पर मेरी बिटिया डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर को पढ़नेे के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:- नौकरियां दिलाने के फर्जीवाड़े में फंसे कांग्रेसी नेता, पार्टी से निलम्बित