सेक्स, सेक्स और सिर्फ सेक्स वाली भाजपा

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

राघवजी और मेनन जैसे कुकर्मियों की पार्टी है भाजपा

: कहीं अफसर, मंत्री तो कहीं विधायक नोंचते हैं औरतों को : पांच साल तक केवल दुराचारियों के ही किस्सेी सुनती रही जनता : हर प्रवृत्ति के बलात्कारियों का जमावड़ा है पार्टी में :

भोपाल : मध्य प्रदेश की सियासत पर सेक्स की छाया धीरे-धीरे गहराने लगी है, एक मंत्री की इस मामले में कुर्सी तक जा चुकी है, वहीं कई और लोगों पर भी उंगलियां उठने लगी है। सरकार से लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का संगठन तक अपने को घिरा हुआ महसूस कर रहा है, वहीं कांग्रेस पुराने आरोपों को हवा देने के साथ सड़क पर उतर कर सरकार व भाजपा की चाल, चेहरा व चरित्र पर सवाल खड़े कर रही है।

राज्य में नौ वर्ष से ज्यादा समय से भाजपा की सरकार है, संभवत: इस अवधि में यह पहला मौका होगा जब भाजपा के नेताओं के चरित्र पर सीधे उंगलियां उठ रही है। इसकी शुरुआत बुजुर्ग नेता नौकरबाज राघवजी पर लगे नौकर के यौन उत्पीडऩ के आरोपों से हुई है। इस आरोपों से पार्टी इतनी आहत हुई कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आनन-फानन में राघवजी से इस्तीफा मांग लिया।

नौकरबाज राघवजी का मामला अभी थमा ही नहीं था कि पार्टी के संगठन के सबसे ताकतवर पदाधिकारियों में से एक पर जबलपुर की एक महिला ने कई वर्षों से शादी का झांसा देकर दैहिक शोषण किए जाने के आरोप लगा दिए। मामला राज्य मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है। महिला की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने दो सप्ताह में जवाब भी मांगा है। इसके अलावा पशु पालन मंत्री अजय विश्नोई पर भी उन्हीं के विभाग का एक अफसर तबादले की बदले पत्नी की मांग करने का आरोप लगा चुका है।

ऐसा नहीं है कि भाजपा से जुड़े लोगों के चरित्र पर पहली बार हमला हुआ हो, इससे पहले मंदसौर के पदाधिकारी की एक अश्लील सीडी सामने आने पर उसे पद से हटा दिया गया था। एक विधायक के भतीजे पर भी एक युवती दैहिक शोषण का आरोप लगा चुकी है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्यमंत्री को खत लिखकर कहा है कि मंत्री मंडल के सदस्य विश्नोई पर भी कार्यवाही की जाना चाहिए, क्येांकि उन पर एक अफसर ने तबादले के बदल पत्नी की मांग करने का आरोप लगाया है। यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि पहले राघवजी, फिर विश्नोई और अब संगठन मंत्री अरविंद मेनन पर लगे आरोप से भाजपा का चाल, चेहरा व चरित्र उजागर हो रहा है।

भाजपा नेताओं के चरित्र पर उठती उंगली ने इतना तो साफ  कर दिया है कि राज्य की राजनीति पर अब अन्य मुद्दों की तुलना में सेक्स के प्रकरण विपक्ष के हमले का कारगर हथियार बनने वाले हैं। वहीं सरकार व भाजपा संगठन को इससे बचने का सुरक्षा कवच खोजना होगा।

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