: एक लाख रूपया वसूल लिया बेरोजगार को नौकरी दिलाने के नाम पर : एनआरएचएम में नौकरी दिलाने का आरोप, सीधे बैंक में जमा करायी गयी थी यह रकम : अनुशासन समिति के अध्यक्ष ने शैलेंद्र पर हुई कार्रवाई को स्वीकार लिया :
कुमार सौवीर
लखनऊ : अपनी छवि चमकाने की जद्दोजहद के बीच यूपी कांग्रेस में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मामला धोखाधड़ी का है। खबर है कि लखनऊ के एक नेता ने सरकारी नौकरी के लिए एक व्यक्ति से एक लाख रूपयों उगाह लिया। यूपी कांग्रेस अनुशासन प्रभारी रामकृष्ण बाजपेई भी मानते हैं कि यह मामला संगीन है, और फिलहाल इस नेता को पार्टी की सदस्यता से निलम्बित कर दिया गया है। जबकि नौकरी दिलाने के नाम पर उगाही करने वाले इस नेता ने इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन माना है कि वह इस धंधे में माध्यम बन गया।
करीब ढाई दशकों से कांग्रेस यूपी की सत्ता में अपनी हैसियत के झंडे फहराने की जुगाड में है। कहीं खाट पर बात तो की रैम्पों की बहार। हर तामझाम अपनाने को तैयार है। मकसद सिर्फ यह कि कैसे भी हो, पार्टी की तनिक भी छवि सामने आ पाये। इसके लिए हर विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ सकने वाले लोगों की छवि का ब्योरा जुटाया जा रहा है। भरसक कोशिशें चल रही हैं, कि सभी प्रत्याशियों को हर कीमत पर बेदाग ही खोजा-परखा जाकर ही उन्हें टिकट दिया जाए। ताकि अगले चुनाव में कांग्रेस का झंडा फहरा सके।
लेकिन लखनऊ में ऐसे प्रयासों को भारी झटका हुआ है। यहां सरोजनीनगर सीट के लिए अपनी जोर-आजमाइश में जुटे एक नेता का नाम सरकारी विभाग में नौकरी दिलाने के लिए नाम पर बाकायदा धोखाधड़ी के बल पर भारी-भरकम उगाही के धंधे का खुलासा हो गया है। उस नेता का नाम इस कुत्सित धंधे में उछलने से इस पूरे विधानसभा चुनाव क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे लखनऊ और आसपास के इलाकों में भी माहौल सरगर्म हो गया है।
इस नेता का नाम है शैलेंद्र दीक्षित। मूलत: ठेकेदार है शैलेंद्र, लेकिन पिछले कुछ समय से वे कांग्रेस में चुनाव की तैयारी में जुट गये बताया जाता है। और हैरत की बात है कि यह आरोप किसी अन्य साधारण व्यक्ति ने नहीं, बल्कि न्यायपालिका में कार्यरत रह चुके एक वरिष्ठ न्यायधिकारी और फिलहाल संयुक्त राष्ट्र संघ में मानवाधिकार के क्षेत्र में सेवारत शख्स ने लगाया है। अंचल द्विवेदी नामक इस अधिकारी का आरोप है कि उन्होनें शैलेंद्र दीक्षित ने एक व्यक्ति को एनआरएचएम यानी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में सरकारी नौकरी के लिए उगाही की है और एवज में एक लाख रूपयों की वसूली कर डाली।
अंचल द्विवेदी का आरोप है कि शैलेंद्र दीक्षित ने एक लाख रूपयों की उगाही की है। लेकिन अंचल द्विवेदी के आदमी को सरकारी नौकरी नहीं मिली। इस बारे में जब अंचल ने शैलेंद्र से अपना पैसा मांगा तो शैलेंद्र ने पहले तो आनाकानी की, लेकिन बाद में उन्हें धमकी देनी शुरू कर दी। इतना ही नहीं, उल्टे अंचल द्विवेदी को ही झूठा और दलाल करार दे दिया। साथ ही शैलेंद्र ने अंचल को यह भी धमकी दे डाली कि वे उसको तबाह कर देंगे।
बताते हैं कि अंचल ने इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं तक खबर भेज दी। प्राथमिक तौर पर अंचल की शिकायत संगीन पायी गयी हैं, और पार्टी की अनुशासन समिति ने शैलेंद्र को पार्टी की सदस्यता से निलम्बित कर दिया है।
उधर मेरी बिटिया डॉट कॉम ने इस बारे में जब शैलेंद्र दीक्षित से सम्पर्क किया तो शैलेंद्र ने माना कि वे इस गंदे धंधे में माध्यम बन गये थे, लेकिन शैलेंद्र का यह भी आरोप है कि अंचल खुद ही इस गंदे धंधे में लिप्त हैं। हालांकि मेरी बिटिया डॉट कॉम से बातचीत के दौरान शैलेंद्र इस बात का जवाब नहीं दे पाये कि एक लाख रूपयों की वसूली उन्होंने क्यों की।