: एएसपी ने पुलिस से कहा, मारो साले पत्रकारों को : खो दिया आपा अपर कप्तान ने, झूठा मुकदमा में फंसाने की धमकी दी : श्मशान घाट के पास चल रही थी खुदाई, वजह का अब तक पता नहीं : झूठा मुकद्दमा दर्ज करने की दी धमकी, बोले भागो वरना अंजाम बुरा होगा :
संवाददाता
मैनपुरी : समाजवादी पार्टी की सरकार जब भी आती है, यूपी के सबसे संवेदनशील जिलों में से एक बन जाता है मैनपुरी। बीती शाम यहां के एक श्मशान घाट के पास हो रही खुदाई को लेकर पुलिस और पत्रकारों के बीच खासी तूतू-मैंमैं हो गयी। हालत यहां तक बढ़ी कि वहां मौजूद अपर पुलिस अधीक्षक ने पत्रकारों से अभद्रता की और वहां मौजूद पीएसी के जवानों को ललकारते हुए कहा कि:- मारो इन साले पत्रकारों को।
आपको बता दें कि न जाने किन कारणों से नगर के शमशान घाट के निकट खुदाई का काम चल रहा था। काफी पूछताछ के बावजूद प्रशासन अब तक यह नहीं बता पा रहा था कि इस खुदाई का मकसद क्या है और किन कारणों से यहां पर यह उत्खनन का काम चल रहा है। इस बारे में पत्रकारों ने जब भी पुलिस और वहां मौजूद सरकारी अवर अभियंता से पूछताछ की तो कोई भी जवाब नहीं दिया गया।
आपको बता दें कि मैनपुरी नगर में ही ईशन नदी के पाट के आसपास प्रशासन के लोग कई दिनों से खुदाई का काम कर रहे थे। कल जब कई पत्रकार इस खुदाई की कवरेज करने गए दो पत्रकारों के साथ पहले तो अवर अभियंता शिवप्रकाश राजपूत ने गाली गलौज की। इस अभद्रता पर जब वहां मौजूद पुलिस के अफसरों ने ऐतराज किया तो मौके पर मौजूद पीएसी के जवानों ने अवर अभियंता राजपूत के कहने पर पत्रकारों के साथ मारपीट की।
मौके पर पहुँचे एएसपी दिगम्बर कुशवाह पत्रकारों को देख कर अपना आपा खो बैठे और कहा कि इनको खूब पीटो। साथ ही एएसपी ने पत्रकारों के खिलाफ झूठा मुकद्दमा दर्ज करने की भी धमकी दे डाली। इसके बाद कोतवाल सुजात हुसैन ने भी दोनों पत्रकारों के साथ धक्कामुक्की और मारपीट की।
घटना के बाद से पत्रकरों में रोष व्याप्त हो गया। सभी पत्रकारों के इस संबंध में जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान से मुलाकात की है।
(मैनपुरी के एक पत्रकार के भेजे गये एक मेल के आधार पर)