गुप्तांगों में बोरोप्लस की मालिश करवाते थे राघवजी

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

नौकरबाजी से निकलने की छटपटाहट में पटेरिया

: बैकडेट में नोटरी हलफनामा दिखाया जा रहा है घनश्याम का : नौकर ने लगाया था अप्राकृतिक देह-शोषण का अरोप : राघवजी और पटेरिया को पुलिस के फंदे में फांसने की कवायद शुरू :

कुमार सौवीर

भोपाल : शिवशंकर सिंह उर्फ मुन्ना पटेरिया ने भारतीय जनता पार्टी में शुचिता के अपने तथाकथित आंदोलन चला कर राघवजी को बेइज्जत तो करवा दिया, लेकिन अब अब जिस आग में वे राघवजी को झुलसाने में गये थे, वह खुद उनके ही हाथ-चेहरे को को झुलस रहा है। पहले तो पार्टी ने उन्हें  अनुशासनहीन करार देकर पार्टी से निलम्बित कर दिया था, लेकिन अब ताजा घटनाक्रमों में पता चला है कि पटेरिया को अपनी इस हिकामत की कीमत पुलिस के लफड़े में फंसा कर चुकानी पड़ेगी।

पुलिस ने राघवजी के खिलाफ तो मुकदमा दर्ज कर दिया है, लेकिन अब पटेरिया पर भी चोरी से उनकी फोटो खिंचवाने के आरोप में जेल में भेजने की कवायद की जा रही है। हालांकि पटेरिया ने भी इस मामले में खुद को साफ-सुथरा साबित करने की हरचंद कोशिशें शुरू करना कर दिया है। आज मीडिया को पटेरिया के खेमे ने घनश्याम कुशवाह के नाम से जारी एक नोटरी हलफनामा जारी किया गया है। हालांकि यह हलफनामा 29 जून को तैयार किया जाने की बात कही जा रही है और इसमें 29 जून की ही तरीख पड़ी है, लेकिन साफ तौर पर माना जा रहा है कि यह हलफनामा बैकडेट में ही तैयार किया गया है। कारण यह कि इस हलफनामा की शैली और उसको तैयार करने का तरीका असामान्य ही प्रतीत हो रहा है। साफ तौर पर लग रहा है कि राघवजी और पटेरिया के प्रकरण के बाद मचे बवाल के बाद ही यह हलफनामा की जरूरत मानी गयी थी और उसके बाद ही यह हलफनामा तैयार किया गया।

बहरहाल, उन्हें इस हलफनामा में घनश्याम कुशवाह, पुत्र गरीब सिंह कुशवाह, उम्र 20, पता, नीमखिरियां, जिला विदिशा, मध्य प्रदेश के नाम से तैयार किया गया है। नोटरी नोट में लिखा है कि घनश्याम कुशवाह को उसके एक रिश्तेदार ने वित्त मंत्री राघवजी  के यहां नौकरी दिलायी थी जहां वह उनके सरकारी मकान में चपरासी के पद पर नौकरी करता था। घनश्याम के अनुसार वहां सरकारी काम के बजाय उससे वहां चाय, नाश्ता , खाना वगैरह बनवाया जाता था। घनश्या म के अनुसार कुछ दिन बाद ही धीरे-धीरे राघवजी ने उससे अपने हाथ-पांव दबवाने और मालिश करवाना आदि काम शुरू करा दिया था।

फिर गुप्तांगों पर भी अश्लील हरकतें करवाना शुरू करवाया। हलफनामा में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि राघवजी अपने गुप्तांगों पर घनश्याम कुशवाह से तेल और बोरोप्ल स लगवाते थे और मालिश करवाते थे। बंगले पर राजकुमार सिंह दांगी भी रहता था, राघव जी अप्राकृतिक मैथुन करते थे, जिसे मैंने भी देखा है और उसकी मैंने मोबाइल पर रिकोर्डिंग भी करायी है।

अब सवाल यह है कि आखिर राघवजी के खिलाफ यह हलफनामा लिखवाने की जरूरत किसी को क्या और क्यों पड़ी थी। जाहिर है कि इस तरह घनश्याम को मूल षड्यंत्रकारी बनवाने की कोशिश की जा रही है, ताकि जो भी षडयंत्रकारी हो, उसकी ओर से पुलिस का ध्यारन भंग हो जाए और आखिरकार घनश्याम कुश्वाहा को ही इस पूरे प्रकरण में लपेट दिया जाए। जाहिर है कि ऐसी हालत में इस कांड के मूल और इकलौता षडयंत्रकारी शख्स केवल शिवशंकर सिंह पटेरिया के अलावा और कोई है ही नहीं।

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