खंझड़ी-माफिया की यूनिवर्सिटी में कॉपी खरीद का घोटाला

दोलत्ती

: शैक्षिक नहीं, अनाचार, लूट और मूर्खताओं के नए प्रतिमान स्थापित : करोड़ों डकार लिया पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रशासन ने, लूट में बंदरबांट पर व्यापार मंडल पर दो-फाड़ :
दोलत्ती संवाददाता
लखनऊ : वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में खंझड़ी-माफिया के नेतृत्व में उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद का एक नया घोटाला सामने आया है। बताते हैं कि शैक्षिक नहीं, बल्कि अनाचार, लूट और मूर्खताओं के नए प्रतिमान स्थापित करने वाली इस यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अकेले इस घोटाले में करोड़ों रुपये डकार लिया। अब बवाल खड़ा हुआ है तो शासन ने यूनिवर्सिटी पर शिकंजा कसते हुए रजिस्ट्रार से जवाब-तलब किया है।
आपको बता दें कि भुगतान, नियुक्ति और कुलपति के मूर्खतापूर्ण व्यवहार आदि मामलों को लेकर खासा हंगामा चल रहा है। इसी के चलते हालन्हि रजिस्ट्रार छुट्टी पर चले गए थे। लेकिन अब उत्तर पुस्तिकाओं की खरीद में करोड़ों के खेल का आरोप है। शासन ने राज्य सभा सांसद नरेश अग्रवाल व उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह बिन्नू की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन से जवाब तलब किया गया है।
आरोप है कि सत्र 2019 -20 में हुई उत्तर पुस्तिकाओं की खरीदारी में व्यापक खेल किया गया है। बिना टेंडर कराए ही उत्तर पुस्तिकाओं की आपूर्ति का आदेश चहेती फर्म को विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दिया। तकरीबन ढाई करोड़ रुपए की खरीदारी का मामला है।
बता दे कि सरकार का साफ तौर पर निर्देश है कि कोई भी खरीदारी ई टेंडर के माध्यम से की जाए पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सरकारी मानकों की न सिर्फ अनदेखी की बल्कि मनमाने तरीके से एक उत्तर पुस्तिका आपूर्तिकर्ता को क्रय का आदेश दे दिया। उत्तर पुस्तिकाओं की खरीदारी के एवज में फर्म को भुगतान भी किया जा रहा है। उद्योग व्यापार मंडल के विजय प्रताप सिंह पन्नू कहते हैं की विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी व अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से विवि में उत्तर पुस्तिका खरीदारी का बड़ा रैकेट काम कर रहा है, जो विश्वविद्यालय को करोड़ों की आर्थिक चोट भी पहुंचा रहा है। इसी मामले पर प्रदेश सरकार उप सचिव सर्वेश कुमार ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव से शिकायत के प्रति बिंदु का जवाब देने का निर्देश 15 जून तक दिया था।
हालांकि इस मामले को दूसरे लहजे में भी देखा जा रहा है। कारण है इस धंधे की शिकायत भाजपा के उद्योग व्यापार मंडल द्वारा किया जाना। एक सूत्र ने बताया कि यूनिवर्सिटी में लूट का यह खेल का खुलासा व्यापार मंडल के लोगों के आपसी झंझट और लूट में बन्दर-बांट के चलते है।

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