गुजरात सरकार ने मामले में नए जांच दल का गठन किया
आखिरकार खारिज हो गया सरकार पर अवमानना का मामला
04 में हुई थी इशरत जहां समेत चार की मुठभेड में मौत
गुजरात सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट को सूचित किया कि इशरत जहां और तीन अन्य के मुठभेड़ मामले की जांच के लिए उन्होंने नया विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की अधिसूचना जारी की है। न्यायमूर्ति एएम कपाड़िया और न्यायमूर्ति बीएन मेहता की खंडपीठ ने सरकारी वकील द्वारा यह जानकारी देने के बाद गोपीनाथ पिल्लई के न्यायालय की अवमानना के मामले को खारिज कर दिया।
जावेद गुलाम शेख उर्फ प्राणेश पिल्लई के पिता गोपीनाथ पिल्लई ने 23 सितंबर के हाईकोर्ट के आदेश को नहीं मानने के लिए राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने तब दो हफ्ते के अंदर एसआईटी के गठन के लिए अधिसूचना जारी करने का आदेश जारी किया था। जावेद इस मुठभेड़ में मारा गया था। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि नये एसआईटी के गठन के लिए इसने अधिसूचना जारी कर दी है जिसे 19 नवंबर के गजट में अधिसूचित कर लिया गया है।
अवमानना याचिका की पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत को आश्वस्त किया था कि वह जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी। सरकारी वकील ने भी कहा था कि देरी इसलिए भी हुई कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की याचिका को 12 नवंबर को खारिज कर दिया जिसमें नये एसआईटी के गठन के लिए हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
नये एसआईटी में 1984 बैच के दिल्ली कैडर के आईपीएस अधिकारी करनैल सिंह, 1985 बैच के अधिकारी मोहन क्षा और 1986 बैच के अधिकारी सतीश वर्मा शामिल होंगे। करनैल सिंह का नाम केंद्रीय गृह मंत्रालय ने, मोहन झा का नाम राज्य सरकार ने और सतीश वर्मा का नाम याचिकाकर्ता ने सुझाया है। मुंबई की इशरत जहां (19), जावेद गुलाम शेख उर्फ प्राणेश कुमार पिल्लई, अमजद अली उर्फ राजकुमार और जीशान जौहर अब्दुल गनी को राज्य अपराध शाखा के अधिकारियों ने 15 जून 2004 को अहमदाबाद के नजदीक मार गिराया था।
मुठभेड़ के बाद गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि इशरत एवं तीन अन्य युवक लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी हैं और वे मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को मारने के अभियान पर आए हुए थे। इसने दावा किया था कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा मुहैया जानकारी के आधार पर मुठभेड़ को अंजाम दिया गया कि लश्कर ए तैयबा देश के विभिन्न हिस्सों में हमले की योजना बना रहा है। मुठभेड़ मामले की जांच एसआईटी फिर से शुरू करेगी।