: सेंट जॉन्स स्कूल में अबोध बच्ची के साथ हुआ हादसा पर बुरी तरह भड़की थी मां : जीसस फॉदर और मदर मेरी की दुहाई की गुहार लगाता रहा प्रधानाचार्य आमोल राज : गनीमत थी कि उस दिन प्रदर्शनी की तैयारियों के लिए स्कूल बंद था :
कुमार सौवीर
लखनऊ : नाम:- आमोल राज। पदनाम:- प्रधानाचार्य। संस्थान का नाम:- सेंट जॉन्स स्कूल इंटर कॉलेज। कालेज का पता:- सिद्दीकपुर, जौनपुर। संचालक संस्था का परिचय:- ईसाई समुदाय के डायोसिस ऑफ वाराणसी का बिशप। कर्म-कुकर्म:- कक्षा-सात में पढ़ने वाली एक मासूम बच्ची के साथ दुराचार का कुत्सित प्रयास। हादसे का समय:- विज्ञान प्रदर्शनी की तैयारी। हादसे के समय छात्रों की उपस्थिति:- प्रदर्शनी की तैयारियों के चलते केवल प्रतिभागी छात्र ही उपस्थित थे। बाकी छात्रों को अवकाश दिया जा चुका था।
हादसा का परिणाम:- अरे जमकर हुई कुटम्मस, दे लात, दे मुक्का, दे तमाचे, दे बाल उखक्कड़ी, दे जमीन पर घसीटम-घसीटा। झांपड़-कन्टापों से हुए लाल-लाल गाल। सूजा हुआ मूं। फटे गाल, कोहनियां घायल।
पिटाई का मुख्य नेतृत्व कर्ता:- प्रताडि़त मासूम बच्ची की मां, जो उसी स्कूल में शिक्षक के पद भी कार्यरत थी।
जी हां, अब तक आप सुन-समझ ही चुके होंगे कि जौनपुर के इस प्रतिष्ठित स्कूल में क्या-क्या हुआ, और क्या-क्या नहीं हुआ। दरअसल, एक निहायत शर्मनाक हादसे का चश्मदीद बन गया था उस दिन वह स्कूल। जौनपुर में इस स्कूल का नाम और साख बेहिसाब और बेइंतिहा है। करीब ढाई हजार से ज्यादा बच्चे-बच्चियां यहां पढ़ने आते हैं, और वहां अपने बच्चों को पढ़ाना इसके पहले तक किसी भी अभिभावक के लिए चरम-गर्व की बात समझी जाती थी। लेकिन इस हादसे के बाद एक ही धक्के में यह पूरी की पूरी साख धूल में मिल गयी। और जो कुछ बचा-खुचा भी था, वह उस स्कूल के संचालिक यानी बनारस डॉयोसिस बिशप की करतूतों के चलते चकनाचूर हो गया।
ईसाई समुदाय, सेंट जॉन्स स्कूल और डॉयोसिस ऑफ वाराणसी के बिशप
से जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:-
आपको एक बार फिर से बता दें कि उस सेंट जॉन्स स्कूल में क्या-क्या हुआ था उस दिन। दरअसल, कालेज में उस दिन विज्ञान की प्रदर्शनी लगाने की तैयारियां चल रही थीं। इसके लिए केवल उन्हीं बच्चों को बुलाया जा रहा था, जो प्रदर्शनी की तैयारियां में जुटे थे, बाकी बच्चों की छुट्टियां कर दी गयी थीं। लेकिन उसी दौरान कालेज के प्रधानाचार्य ने प्रदर्शनी की तैयारी में जुटी कक्षा-सात एक बच्ची को अपने प्रधानाचार्य कक्ष में बुलाया। कुतूहल में उसी कक्षा की दो अन्य बच्चियों भी प्राचार्य-कक्ष में आ गयीं। प्राचार्य ने उन बच्चियों को उस कमरे के कोने में रखा कुछ सामान उठा कर उसे प्ले-ग्राउंड तक ले जाने का आदेश दिया। जब यह लड़कियां बाहर गयीं, तो उसी वक्त बची एक बच्ची को प्रचार्य ने अपने पास बुलाया। पहले तो उसके गाल सहलाये, फिर उस बच्ची की पीठ थपथपाते हुए अचानक उसे अपने से लिपटा कर उसके वक्षों को बुरी तरह दबोच दिया। इसके पहले कि आमोल राज कुछ और कर पाता, दर्द से बिलबिलाती वह बच्ची झटक कर आमोल की पकड़ से छूटी और फिर अपनी शिक्षिका के पास पहुंच गयी।
डॉयोसिस आफ वाराणसी बिशप के नियंत्रण में अन्य धार्मिक क्रिया-कलापों के अलावा 104 स्कूल-कॉलेज भी संचालित होते हैं। लेकिन वाराणसी बिशप के इस एक इंटर कालेज में ऐसे ईसाई धार्मिक ध्वज को तहस-नहस कर दिया गया। इस डॉयोसिस के अधीन बनारस, जौनपुर, मऊ, भदोही, चंदौली, गाजीपुर आदि जिलों में विभिन्न कार्यक्रम चल रहे हैं। इसमें चार डिग्री कॉलेज, 26 इंटर कॉलेज, पांच हाईस्कूल, 11 जूनियर हाईस्कूल, पांच प्राइमरी स्कूल और सात विकलांग शैक्षिणिक संस्थान के अलावा 26 बोर्डिंग्स संस्थान भी चल रहे हैं, जहां आवासीय शैक्षिणक व्यवस्था है। (क्रमश:)