गरीब अशरफ की बेटी के ब्याह में मायका बना मिलिट्री बेस

बिटिया खबर

कश्मीर में सेना हौवा नहीं, इंसानियत का फरिश्ता है

जम्मू : कशमीर और आसपास के इलाकों में रहने वालों पर मिलिट्री को हौवा के तौर पर पूरे देश और विदेश तक में प्रचारित किया जाने की मुहिम चलती रही है, लेकिन कई ऐसे तथ्य भी हैं जो साबित करते हैं कि सेना के चलते अमन-चैन तो है ही, साथ ही इस पूरे इलाके में इंसानियत की कहानी भी लिखी जा रही हैं। कम से कम रजौरी सेक्टर में तो सेना के जवानों ने ऐसा करिश्माई हालत पैदा कर दी है, जिससे इस पूरे इलाके में सेना के जवानों का डंका बज रहा है। सामाजिक कार्यो की कड़ी में एक और अध्याय जोड़ते हुए सेना ने कालाकोट तहसील के बेरागांव में गरीब परिवार की युवती का निकाह संपन्न करवाया। इसके लिए गरीब परिवार को हर संभव मदद की।

बेरागांव के रहने मुहम्मद अशरफ काफी गरीब है। वह अपनी बेटी के निकाह को लेकर पिछले काफी समय से चिंतित रह रहा था। इतना ही नहीं घर की हालत को देखते हुए उसकी बेटी भी काफी परेशान थी। गांव के ही रहने वाले गुज्जर नेता बाबू खान ने इस संबंध में कालाकोट क्षेत्र में तैनात आरआर बटालियन के जवानों से संपर्क किया और उन्हें मुहम्मद अशरफ की पूरी कहानी बताई।

इसके बाद सेना के अधिकारियों ने अशरफ से बात कर उसे आश्वासन दिया कि वह बेटी का रिश्ता करे और बाकी की जिम्मेवारी हमारी होगी। बुधवार को अशरफ की बेटी का निकाह हुआ, जिसमें सेना द्वारा बारातियों और अन्य लोगों के लिए खाने के प्रबंध से लेकर टैंट, पीने का पानी सहित अन्य कई प्रबंध किए गए। सेना के सहयोग से अशरफ की बेटी का निकाह संपन्न हो गया और शाम को डोली में बैठ कर वह अपने ससुराल भी चली गई। गांव के लोगों ने सेना के इस कार्य की काफी सराहना की है।

जाहिर है कि इस पूरे इलाके में एक तरफ सेना आतंकवादियों से मुकाबला करने के साथ-साथ सीमा पर दुश्मन की हर हलचल पर नजर रखे हुए है, वहीं दूसरी ओर लोगों की समस्याओं को भी दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *