आत्महत्या नहीं, सीबीआई ने किया बंसल परिवार का सामूहिक हत्‍याकाण्‍ड

सैड सांग

: कार्पोरेटर अफेयर के महानिदेशक बीके बंसल को हालातों ने अवसाद में डाल दिया था, थी आत्‍महत्‍या की प्रवृति : बेहाल बंसल और उसके परिवार के हर सदस्‍य को सीबीआई की सख्ती ने तोड़ दिया था, त्रस्‍त बंसल-परिवार ने आत्‍महत्‍या कर डाली : अब सवाल तो यह है कि सीबीआई में कौन है वह बड़ा अफसर, जिसने यह सामूहिक हत्‍याकाण्‍ड कराया :

नई दिल्ली : केंद्रीय सरकार में कम्‍पनी मामलों के महानिदेशक रहे बीके बंसल और उसके पूरे खनदान को लाश में तब्‍दील कर देने वाला हादसा क्‍या वाकई खुदकुशी थी या फिर एक सोची-समझा सामूहिक हत्‍याकाण्‍ड। ताजा साक्ष्‍य बताते हैं कि बंसल परिवार हत्‍याकाण्‍ड के मामले में सीबीआई की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। साक्ष्‍यों के अनुसार योगेश बंसल की मेडिकल रिपोर्ट से ये इस बात का खुलासा हुआ है कि योगेश बंसल में सुइसाइडल टेंडेंसी थी। बीके बंसल की मेडिकल रिपोर्ट भी मिली है जिससे ये साफ है कि उनकी सेहत भी ठीक नहीं थी। ऐसे में सवाल ये है कि अगर सीबीआई को इस बात का पता था तो उसने बंसल से पूछताछ में सावधानी क्यों नहीं बरती? जाहिर तौर से ये मेडिकल रिपोर्ट सीबीआई के अफसरों के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।

20 अगस्त,2016 को हिसार के एक हॉस्पिटल की योगेश बंसल की मेडिकल जांच की इस रिपोर्ट में साफ-साफ इस तथ्य का जिक्र भी किया गया है। इतना ही नहीं, इससे पहले बीके बंसल की भी 20 जुलाई की इस मेडिकल रिपोर्ट से इस बात का खुलासा होता है कि अपनी पत्नी और बेटी की मौत की खबर मिलने के बाद बीके बंसल को इमर्जेंसी की हालत में सफदरजंग अस्पताल लाया गया था।

ऐसे में सवाल ये कि बी के बंसल की मेडिकल कंडीशन को देखते हुए केस से जुड़े सीबीआई के अधिकारियों ने बी के बंसल से पूछताछ में सावधानी क्यों नहीं बरती? साथ ही उनके बेटे योगेश बंसल की भी मेडिकल रिपोर्ट को संज्ञान में क्यों नहीं लिया? जब कोर्ट ने पहले ही योगेश के डिप्रेशन में होने का जिक्र किया था। दोनों ने ही अपने सुइसाइड नोट में सीबीआई अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। ऐसे में क्या केस से जुड़े सीबीआई के अधिकारियों पर खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज नहीं होना चाहिेए?

कोर्ट के आदेश में बीके बंसल को जमानत देते हुए उनकी बीमारी और उनके बेटे के डिप्रेशन का भी जिक्र किया था। साथ ही पड़ताल के दौरान सीबीआई अधिकारी ये भी भूल गए कि बीके बंसल की पत्नी सत्यबाला और और उनकी बेटी नेहा पहले ही खुदकुशी कर चुकी है। उन्हें पत्नी और बेटी की मौत से सदमे में आए बीके बंसल और उनके बेटे योगेश की मेडिकल कंडीशन का जरा भी अंदाजा नहीं रहा। क्या सीबीआई अधिकारी हालात की संवेदनशीलता को भांपे बगैर बीके बंसल से सख्ती के साथ पूछताछ करते रहे?

बीके बंसल ने अपने सुइसाइड नोट में सीबीआई के पांच अधिकारियों का जिक्र कर उन पर मानसिक तौर से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इनमें डीआईजी संजीव गौतम, एसपी अमृता कौर, डीएसपी रेखा सांगवान और केस के जांच अधिकारी हरनाम सिंह शामिल हैं। गौरतलब है कि सीबीआई ने कॉरपोरेट अफेयर्स के डीजी रहे बीके बंसल को 16 जुलाई 2016 को 9 लाख की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। फिलहाल सीबीआई ने इस मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है लेकिन सवाल ये कि क्या इससे बंसल परिवार को दोबारा जीवनदान मिल जाएगा?

आईबीएन-7 के सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बीके बंसल का सुसाइड नोट सीबीआई को सौंपा है। दिल्ली पुलिस किसी के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज नहीं करेगी। अधिकारियों के खिलाफ जांच सिर्फ सीबीआई ही करेगी।

पुलिस की टीम बीके बंसल के घर बुधवार रात में 10.30 बजे पहुंची और तकरीबन 12.30 तक रही। पुलिस ने RWA से अपार्टमेंट की सीसीटीवी फुटेज मांगी। RWA ने पुलिस को बताया कि सीबीआई की टीम पहले ही सीसीटीवी फुटेज ले जा चुकी है। इसके अलावा RWA के लोगों ने पुलिस से कहा कि अगर आप लिखकर दें कि इस फुटेज के साथ में कोई छेड़छाड़ नहीं होगी तो हम आपको दे सकते हैं। काफी देर तक पुलिस RWA के साथ बात करती रही लेकिन उन्होंने फुटेज नहीं दी। पुलिस ने कहा कि हम बाद में आकर लेते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *