मैडम के गाल में धब्‍बे क्‍या पड़े तबाह कर दिया पूरा परिवार

मेरा कोना

: इतना प्रताड़ना दे सकते हैं यह लोग कि कुमार सौवीर को दिल का दौरा पड़ जाए : इसके पहले भी एक हत्या का कलंक चढ़ चुका है बेशर्म ब्यूरोक्रेसी पर : सारे विभागों के अफसरों को लगा दिया था एक निरीह ब्यूटीशियन को तबाह करने में : इतना तंग किया इस परिवार को, कि अन्तत: मौत हो गयी गृह-स्वामी की : देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें- 33 :

कुमार सौवीर

लखनऊ : किसी भी इम्तिहां का प्रभाव उस शख्स की हैसियत से तय होता है। मसलन अगर कुमार सौवीर को बेम्तिहां प्रताडि़त किया जाएगा, तो हो सकता है कि वह हालातों की इम्तिहां के चलते वह आत्म समर्पण कर दे, जहां-तहां रहम की भीख मांगे, कोर्ट-कचेहरी के गलियारों को नापे। लेकिन जब कोई असरदार दबंग नौकरशाह किसी कुमार सौवीर को प्रताडना के चलते कम से कम इतना तो तय ही कर देगा कि कुमार सौवीर को तबाह कर दिया जाए, उसे दिल का दौरा पड़ जाए, महीनों तक उसे बर्बर पुलिसिया तरीकों से बेहाल किया जाए, उसका जीना हराम कर दिया जाए, उसके परिवार को तबाह-बर्बाद कर दिया जाए और फिर उसे अन्तत: जेल की कोठरी में बन्द करा दिया जाए। लब्‍बोलुआब यह कि वह मालिक दूसरे के बिलबिलाते दर्द पर शैतानी अट्ठहास करेगा, आनन्‍द लेगा। सैडिस्‍ट प्‍लेजर।

तीस लाख वाले हीरों वाले नेकलेस-सेट के मामले में ठीक यही सब हुआ। इतना ही नहीं, उसके पहले भी इन्हीं मुख्य सचिव आलोक रंजन, उनकी गायिका मेमसाहब सुरभि रंजन व उनके बेलगाम परिवारीजनों ने एक महिला को इतना त्रस्त कर दिया, कि वह इधर-उधर गिड़गिड़ाती रही। उसका पूरा घर नजरबंद कर दिया गया। ब्यूटीशियन का उसका धंधा पर ताला लगा दिया गया, उसके घर पर पानी का कनेक्शन काट दिया गया, उसकी बिजली का कनेक्शन और उसकी वायरिंग ध्वस्त, कर दी गयी, लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों ने उसके घर पर मोटा जुर्माना लगाते हुए उसके घर को ही सील कर दिया। दोमंजली इमारत का जीना तक तोड़ दिया गया। नगर निगम में उसे आठ लाख रूपयों की नोटिस जारी कर दी।

हुआ यह कि मेमसाहब जिस शगुन ब्यूटी-पार्लर में अपना फेशियल कराने आया करती थीं, उनके मोहल्ले में ही उस महिला का मकान था। उस महिला ब्यूटीशियन विनीता ने अपने मकान के भूतल में अपना रोजगार खोज लिया था। उसका काम-हाथ बहुत शार्प था, इसलिए आसपास के बड़े लोगों की महिलाएं उसके यहां नियमित आनी लगीं। चूंकि मेमसाहब के साहब बहुत बड़े और निहायत असरदार अफसर थे और एक बड़े विभाग के प्रमुख सचिव थे, इसलिए उस महिला ने मेमसाहब से पैसा लेना ही बंद कर दिया।

सन-2009 की होली के पहले के चंद दिन पहले की घटना है। सुरभि रंजन पांच मार्च को विनीता के यहां अपना फेशियल कराने पहुंच गयीं। विनीता का कहना था कि होली के पहले 5 मार्च को सुरभि जब मेकअप के लिए आईं तो काफी मेहनत से उनका मेकअप किया गया। लेकिन इसके बावजूद वो ब्यूटीपार्लर के काम से खुश नहीं हुई। शाम को उनका फोन आया कि मेकअप करने से उनके चेहरे पर काले धब्बे बन गए हैं।

विनिता ने कहा कि वे पार्लर आ जाएं तो वो उन्हें ठीक कर देंगी। इस पर अफसर की पत्नी ने टाइम न होने की बात कही। तब विनिता ने कहा कि वो खुद उनके घर आकर मेकअप ठीक कर देंगी तो जवाब मिला कि इसकी जरूरत नहीं हैं लेकिन आगे से उनका फेशियल मशीन से न किया जाए।

विनीता ने समझा कि बात आई गई हो गई लेकिन कुछ दिन पहले जब मैडम फिर आईं तो उस लड़की पर भड़क गईं जिसने पिछली बार उनका मेकअप किया था। यही नहीं उन्होंने पार्लर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की और विनिता को जेल भिजवाने की भी धमकी दी। मैडम को जब इससे भी सुकून नहीं मिला तो उन्होंने पार्लर पर ताला जड़ दिया और चली गईं। ( इसके बाद की कहानी अगले अंक में पढि़ये। )

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लो देख लो, बड़े बाबुओं की करतूतें

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